पति-पत्नी,प्रेमी और पंचायत:पति ने पत्नी का सिंदूर धोया और प्रेमी ने महिला की मांग भरी,प्रेमी प्रेमिका को दुल्हन बनाकर ले गया
पलामू।झारखण्ड के पलामू जिले के हुलसुम पंचायत के तारुदाग बघमनवा गांव से एक शर्मसार करने वाले घटना आई है।जहां मंगलवार खूब गहमा-गहमी रही।गांव में पंचायत बैठी,माममा त्रिकोणीय था।पंचायत के कटघरे में थी महिला,उसका हाथ-पैर बंधा शादीशुदा आशिक और वादी था पति।आरोपी आशिक दो माह पहले फरार हो गए थे,जिन्हें गांव लौटने पर पकड़ लिया गया।तीन घंटे चली पंचायत में अमानवीयता के भी दृश्य सामने आए,लेकिन अंत भला तो सब भला की तर्ज पर आखिरकार पंचायत ने प्रेमी युगल की मर्जी पर उनके हक में फैसला सुना दिया।इसके लिए पति ने पत्नी का सिंदूर धोया और अपने रिश्ते से आजाद कर दिया।बाद में प्रेमी ने मांग भरी और दुल्हन लेकर चला गया।
ये घटना पलामू के पाटन और छत्तरपुर सीमा पर स्थित हुलसुम पंचायत के तारुदाग बघमनवा गांव की है।यहां शादीशुदा प्रेमियों के मामले को लेकर मंगलवार को पंचायत बुलाई गई थी,जिसका मामला गुरुवार को सामने आया। इसको लेकर इलाके में चर्चा का बाजार गर्म है।मामले की मुखिया हरिगोपाल सिंह ने पुष्टि की है।उन्होंने बताया कि प्रेमी युगल शादी करना चाहते थे।इस पर पूरी पंचायत ने सर्व सम्मति से महिला की उसके प्रेमी के साथ शादी करा दी और जाने दिया गया।इसके लिए काजजात भी तैयार कराया गया, ताकि कोई विवाद न हो।
क्या है मामला
बताया जा रहा है कि तारुदाग बघमनवा की महिला का चिल्हो के अंकेश नाम के युवक से कई वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था।इस बीच दोनों दो महीने पहले फरार हो गए। इधर दोनों गांव लौटे तो स्थानीय ग्रामीणों ने अंकेश को बंधक बना लिया।बाद में दोनों के गांव के लोग जमा हुए और पंचायत बैठी।भरी पंचायत में दोनों से उनकी मर्जी पूछी गई।इस पर दोनों ने शादी करने की बात कही।इस पर पंचायत ने दोनों के पक्ष में फैसला सुना दिया।बाद में पंचायत में ही महिला के पति ने सिंदूर धोया और उसके बाद महिला के प्रेमी ने सिंदूर से मांग भरी।प्रेमी एक बच्चे का पिता और महिला दो बच्चों की मां है।करीब तीन से चार घंटे तक चली पंचायत और विवाह के बाद महिला को उसके प्रेमी के साथ भेज दिया गया।पाटन और छत्तरपुर थाने को भी घटना की जानकारी है।लेकिन इस तरह का कोई शिकायत नहीं मिलने पर किसी प्रकार का कारवाई नहीं हुई है।बताया जा रहा है कि इससे पहले पंचायत में महिला के प्रेमी को लाकर उसका हाथ-पैर बांध दिया गया।फिर पंचायत ने दोनों पक्षों की राय जानी और तीन घंटे पंचायत के बाद तलाक और शादी की प्रक्रिया पूरी कराई गई।घटना को लेकर गांव में भीड़ जुटी थी।
पंचायत में हो चुकी है लिंचिंग
पलामू में कई बार पंचायतों का अमानवीय चेहरा भी दिखा है।2017-18 में पांडु के इलाके में पंचायत में ही मॉब लिंचिंग की घटना हुई थी।वर्ष 2011-12 में दुष्कर्म के मामले में रेहला के इलाके में पंचायत बैठी थी, पंचायत के दौरान ही पीड़िता ने आग लगा कर आत्महत्या कर ली थी। इसी तरह पलामू में पंचायतों ने पहले कई बार मानवता को शर्मसार किया है।