देवघर में महाशिवरात्रि:हाईकोर्ट में निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई,जनता तक सूचना प्रसारित करने के दिए निर्देश..
राँची।झारखण्ड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में देवघर में धारा 144 लगाने और शिव बारात को लेकर दाखिल याचिका पर आज 17 फरवरी को सुनवाई हुई। सुनवाई में दाखिल किए गए जवाब पर अदालत ने मामले का निष्पादन करते हुए देवघर प्रशासन को जनता के बीच पूरी जानकारी प्रसारित करने का निर्देश दिया।सुनवाई में राज्य सरकार ने समिति की ओर से मांगे गए शिव बारात के मार्ग को लेकर एक सीलबंद रिपोर्ट अदालत में दाखिल की, जिसमें कहा गया कि शिव बारात के उक्त मार्ग में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका है। इसको लेकर इंटेलिजेंस का इनपुट भी इसी तरफ इशारा करता है। इसलिए पुराने मार्ग को ही शिव बारात के लिए चुना गया है। राज्य सरकार के दाखिल जवाब में आगे बताया गया कि जहां तक धारा 144 लगाने की बात है यह सिर्फ रूट के लिए है और इससे आम आदमी को कोई परेशानी नहीं होगी।
इधर सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर कहा कि बाबा बैद्यनाथ जी के पूजन तथा शिव बारात में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 144 समाप्त,माननीय न्यायालय में झारखंड सरकार ने हलफ़नामा दिया।आइए बारात में शामिल होइए @ManojTiwariMP जी,अक्षरा सिंह व भाग्यश्री भी बारात में
जवाब सुनकर अदालत ने देवघर डीसी को इस संबंध में पूरी जानकारी लाऊडस्पीकर और मीडिया के माध्यम से जनता तक प्रसारित करने का निर्देश दिया है। बता दें कि इस संबंध में सांसद निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
यहां पर बताते चलें कि सांसद निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें इस मामले की तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध किया था, जिसे एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने स्वीकार भी कर लिया था।
सांसद निशिकांत दुबे ने याचिका दाखिल कर देवघर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू किए जाने और शिव बारात के मार्ग में परिवर्तन करने को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि जिला प्रशासन ने मनमाने ढंग से शिव बारात के मार्ग में बदलाव किया है। ऐसा करना श्रद्धालुओं की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ करना है। इसलिए अदालत इस मामले में हस्तक्षेप करें।
देवघर में महाशिवरात्रि के मौके पर शिव बारात समिति ने जो रूट तय किए थे और जिला प्रसाशन की तरफ से जिस रूट को लेकर आदेश जारी किया गया था, उस पर ही विवाद खड़ा हो गया था। शिवरात्रि महोत्सव समिति का कहना था कि प्रशासन ने जो रूट तय किया है उसे लेकर कोई संवाद नहीं किया गया है। समिति का कहना था कि प्रशासन द्वारा तय किया गया रूट बहुत संकरा है और लोगों की अधिक भीड़ की वजह से इन्हें संभालने में परेशानी हो सकती है।