#विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला:बाबाधाम में पूजा को लेकर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई,कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में दिशा-निर्देश लेकर देवघर उपायुक्त से जबाब मांगा है..
राँची।विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को लेकर सरकार का निर्णय ऐसे तय माना जा रहा है! हर साल की तरह श्रावणी मेला इस साल नहीं हो पायेगा ये तय है!लेकिन बाबाधाम में पूजा को लेकर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका के बाद मामले में नया मोड़ आया है।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर शुक्रवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई।सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई।इस दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता को बिहार सरकार को भी मामले में प्रतिवादी बनाने को कहा है साथ ही देवघर डीसी जो मंदिर न्यास बोर्ड के अध्यक्ष होते हैं,उन्हें नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है।
जवाब दाखिल करें डीसी
डीसी को कहा गया है कि वे राज्य सरकार से इस मामले में दिशा-निर्देश लेकर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब फाइल करें।मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी।इससे पहले गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने पहले राज्य सरकार से पत्र लिख कर आग्रह किया था कि बाबाधाम में पूजा करने की इजाजत दी जाये। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सरकार मंजूरी नहीं देती है तो, वो कोर्ट जायेंगे।अपने कहे अनुसार उन्होंने हाइकोर्ट में बाबाधाम में पूजा शुरू करने को लेकर जनहित याचिक दायर की है।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या देख केंद्र नहीं ले रहा फैसला
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 मई को जो गाइडलाइन जारी की थी, उसमें किसी तरह के धार्मिक आयोजन को लेकर विशेष जिक्र था।गाइडलाइन में कहा गया था कि लॉकडाउन में किसी भी तरह की छूट फेज वाइज दी जायेगी।पहले और दूसरे फेज में जहां धार्मिक स्थलों, होटलों, शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का जिक्र था।वहीं तीसरे फेज में सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, धार्मिक कार्यों और किसी तरह के धार्मिक आयोजन का जिक्र था।
तीसरे फेज को लेकर मंत्रालय का स्पष्ट निर्देश था कि स्थिति देख मंत्रालय कोई निर्णय लेगा. जहां तक राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बात है, तो पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में मरीज मिल रहे हैं।ऐसे में यह तय है कि इस बार भक्तों को विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले से वंचित रहना पड़ सकता है !