रिम्स के डॉक्टरों ने गर्भवती महिला सिपाही को दिया नया जीवन,मौत के मुंह से निकाला….पति ने गोली मारकर किया था घायल
राँची।जिले के मांडर की रहने वाली आईआरबी की गर्भवती महिला पुलिसकर्मी परदेशिया तिर्की और गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है।दोनों को रिम्स के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है।गुरुवार को रिम्स से इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।बताया गया कि रिम्स के डॉक्टरों ने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ऑपरेशन कर महिला पुलिसकर्मी परदेशिया के सिर में फंसी गोली निकाल दी है।इधर, गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ है।बता दें कि महिला को पति मंगल कुजूर ने गोली मार दी थी और आत्मसर्मपण करने होटवार जेल चला गया था।इसके बाद मांडर पुलिस ने उसे वहां से लाकर जेल भेजा था उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हथियार भी बरामद किया था।
गोली लगने से घायल आईआरबी में सिपाही महिला को 10 फरवरी को रिम्स लाया गया था। जनरल सर्जरी विभाग में एडमिट कर प्राथमिक इलाज किया गया। इसके बाद रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉक्टर प्रोफेसर अनिल कुमार की निगरानी में भर्ती किया गया।अगले दिन तकरीबन 5 से 6 घंटे की सर्जरी के बाद महिला के सिर से फंसी गोली निकाली गयी।
बताया जाता है कि गोली सिर की हड्डी को डैमेज कर के ब्रेन के अंदर चली गयी थी।ब्रेन का एक हिस्सा भी डैमेज हा चुका था।ऐसी स्थिति में यह एक चुनौती भरा ऑपरेशन था।ऐसे ऑपरेशन में गर्भ में पल रहे बच्चे एवं माँ दोनों को खतरा होता है।डॉक्टर प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में डॉ विराट हर्ष, डॉ सौरव बेसरा, डॉ दीपक, डॉ अशोक, डॉक्टर विकास कुमार, डॉक्टर हबीब, डॉ कार्तिक एवं डॉ दीक्षा ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया। ऑपरेशन के बाद महिला और गर्भ में पल रहा बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ हैं। उन्हें आज गुरुवार को रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है।