बेटियों ने निभाया बेटा का फर्ज:भाई के होते हुए भी चार बहनों ने दिया पिता को कंधा,पिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया
झारखण्ड न्यूज,राँची।
झांसी:हिन्दू परम्परा में बीच बीच ऐसी निभाई जाती हैं जो परम्पराओं के विपरीत होती है।हिंदू धर्म के परंपराओं के अनुसार आज भी कई ऐसे कार्य है जो सिर्फ बेटे ही करते हैं,लेकिन परिवारों के हालात के चलते उन घरों में ऐसी परंपपराएं परिस्थितियों के हिसाब से टूटती नजर आ रही हैं।और समय के हिसाब से टूटना भी जरूरी हो गया।ऐसा ही एक मामला यूपी के झांसी जिले से सामने आया है, जहां पर अपने पिता की अर्थी को चार बेटियों ने कंधा दिया है।
जिले के नवाबाद थाना क्षेत्र के डडियापुरा गल्ला मंडी रोड निवासी गौरेलाल साहू की बीते शुक्रवार को हार्ट अटैक से मृत्यू हो गई थी।पिता की मौत की सूचना मिलते ही चार बेटियां पुत्र का फर्ज निभाने के लिए सीधे पिता के घर पहुंच गई।इसके बाद नम आंखों से बेटियों ने पिता को अंतिम विदाई दी. उनके शव को कंधा दिया।
बेटियों ने ही पिता की अर्थी को विधि-विधान के साथ मुक्तिधाम तक पहुंचाया। यहां पूरे हिंदू संस्कार के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जब उन्होंने पिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया तो आस-पास के लोग हैरान रह गए क्योंकि मृतक का पुत्र होते हुए भी बेटियों ने मुखाग्नि दी।
इसलिए बहनों ने दिया पिता को कंधा:
जब पत्रकारों ने मृतक की बेटी से पूछा की भाई होते हुए भी आप लोगों ने पिता की अर्थी को कंधा क्यों दिया? उन्होंने बताया कि उनका भाई पिता के साथ लड़ाई करता था और आए दिन उनको मारपीट कर प्रताड़ित करता था। इसलिए चारों बहन मिलकर पिता की देखभाल करती थीं। जब पिता का निधन हुआ तो सभी बहनों ने तय किया कि भाई को शव को हाथ नहीं लगाने देंगे।सबने मिलकर अंतिम संस्कार की रस्म को निभाया।आगे की जो नियम होंगे चारों बहने ही करेंगीं।