नामकुम में एक निजी अस्पताल में मरीज के मौत के बाद परिजनों को शव देने से इनकार करने पर हंगामा, स्थानीय विधायक और पुलिस के हस्तक्षेप के परिजनों को मिला शव
मौत के लगभग 22 घंटे बाद परिजनों को मिला शव,काफी हंगामा के बाद पुलिस और स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रबंधन दिया शव।
राँची। नामकुम थाना क्षेत्र के गैस गोदाम अमेठिया नगर स्थित विनायक अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर में भर्ती मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया।परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए देर रात तक अस्पताल के समक्ष हंगामा करते रहे।वहीं मामले की जानकारी मिलने पर स्थानीय विधायक राजेश कच्छप एवं थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे एवं मामले की जानकारी ली।
मृतक के परिजनों ने बताया कि खुन की उल्टी होने पर मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे तुम्बागुटु गांव के रहने वाले जोन कच्छप को परिजनों ने विनायका अस्पताल में भर्ती कराया था।परिजनों के अनुसार कल ही दोपहर 3:00 बजे ज़ोन की मृत्यु हो गई थी।इसके बाद भी प्रबंधन ने परिजनों को मृतक के पास नहीं जानें दिया गया।परिजनों के अनुसार अस्पताल प्रबंधन ने पहले बोले कोरोना है मत देखो फिर पैसा जमा करने बोले।मामले की जानकारी मिलते ही काफ़ी संख्या में ग्रामीण रात में अस्पताल पहुंचे।देर रात तक मृतक से नहीं मिलने देने पर ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।सूचना पर पहूंचे विधायक एवं थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को शांत कराया एवं अस्पताल प्रबंधन से कारण जाना।परन्तु अस्पताल प्रबंधन की ओर से विधायक और थाना प्रभारी से उल्टा सीधा बातें करने लगा।स्थानीय विधायक से भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा बदसूलकी करने का आरोप ग्रामीणो ने लगाया। देर रात तक शव नहीं देने पर ग्रामीण डटे रहे।
सुबह ग्रामीण ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर डीएसपी 1 नीरज कुमार और नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार,नामकुम बीडीओ साथ मे स्थानीय विधायक पहुँचे।लोगों को शांत करके अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर 22 घण्टे बाद 1 बजे शव को दिलवाया। मृतक के परिजनों ने बताया कि कल ही मृत्यु हो गई थी,मृतक को देखने देने बोले तो मना कर दिया और कहा कोरोना है चुप चाप शव ले जाना किसी को मत बताना,इसके बाद परिजन हंगाम शुरू कर दिया बोले अस्पताल वाले झूठ का अफवाह फैला रहा है।
विधायक ने अस्पताल की जांच की मांग-
स्थानीय विधायक राजेश कच्छप ने कहा अस्पताल की जांच होनी चाहिए कितने मरीज का आयुष्मान कार्ड से इलाज हुई है।अस्पताल प्रबंधन दोनो तरफ से पैसा वसूली करता है एक तरफ सरकार से पैसा दूसरी ओर मरीजो के परिजन से वसूलता है।
आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद पैसे की मांग..
मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने 20 हजार रुपिया जमा करवा लिया।और पैसे मांग रहा था,जबकि इलाज के लिए कार्ड भी लिया और साइन करवा लिया।वहीं अस्पताल प्रबंधन ने पैसा लेने से इनकार किया है।आखिर इतने देर बाद भी शव नहीं देने पर पूछने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से चुप्पी साध ली।
आज मौके पर पहुंचे विधायक राजेश कच्छप डीएसपी मुख्यालय 1 नीरज कुमार,थानेदार प्रवीण कुमार,नामकुम बीडीओ और आरती कुजूर पहुंचे अस्पताल परिजनों को दिलवाया शव।