डीडीसीडी के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को एलजी ने बर्खास्त किया,कार्यालय सील कर दिया,जानिए;दिल्ली के सरकार कौन चलाता है,नीति कौन बनाता है,केजरीवाल के पीछे कौन कौन है ?
नई दिल्ली।दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग (डीडीसीडी) के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को दिल्ली के एलजी के आदेश के बाद अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोक दिया गया है। शाह के कार्यालय को भी सील कर दिया गया है। इससे पहले दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग करने के लिए शाह को संवाद और विकास आयोग के उपाध्यक्ष के पद से हटाने के लिए कहा था।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के एक आदेश के बाद डीडीसी उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को काम करने से रोक दिया गया है।उनके कार्यालय को भी सील कर दिया गया है।इसके साथ उन्हें दी गई सुविधाओं को भी वापस ले लिया गया है।शाह को दिए गये आधिकारिक वाहन और कर्मियों को वापस लिया जा रहा है।
जैस्मीन शाह पर क्यों हो रही कार्रवाई
गौरतलब है कि बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने जैस्मीन शाह के खिलाफ शिकायत की थी।उन्होंने कहा था कि शाह डीडीसीडी के अध्यक्ष होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं।इस शिकायत के बाद शाह के खिलाफ कार्रवाई की गई।
जैस्मिन पर पद के दुरुपयोग का आरोप
बताया जा रहा है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जैस्मिन शाह पर राजनीतिक उद्देश्य के लिए पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। बता दें कि कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा करके कहा था कि एलजी को डीडीसीडी मामले में कार्रवाई का अधिकार नहीं है। उन्होंने तर्क दिया था कि जेस्मिन शाह को कैबिनेट ने नियुक्त किया है, इसलिए कैबिनेट ही कार्रवाई कर सकती है।
एलजी के आदेश पर करना होगा सीएम को अमल
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल से कहा है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग करने के लिए डीडीसीडी के उपाध्यक्ष के पद से जैस्मीन शाह को हटाए। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी पत्र में डीडीसीडी के कार्यालय को भी सील करने का आदेश दिया गया था, जिस पर अमल हो गया है और दफ्तर सील हो गया है।
कौन हैं जैस्मीन शाह?
जैस्मीन शाह 2014 में आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। DDCD की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2018 से जैस्मीन शाह दिल्ली सरकार में मंत्री का दर्जा मिला है।पर्यावरण, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा और बजट को लेकर दिल्ली सरकार 2016 से उनकी सलाह ले रही है।दावा है कि अर्बन गवर्नेंस और पॉलिसी से जुड़े मुद्दों पर उन्होंने काफी काम किया है।
जैस्मीन शाह ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, कॉमन मोबिलिटी कार्ड और इलेक्ट्रिक बस जैसे ट्रांसपोर्ट के मुद्दों पर दिल्ली सरकार के साथ काम किया है।
डीडीसीडी में आने से पहले जैस्मीन शाह मैसेचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जमीन पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) से जुड़े थे।यहां वो साउथ एशिया के डिप्टी डायरेक्टर थे।इससे पहले वो जनाग्रह सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी से जुड़े हुए थे।
शाह ने आईआईटी मद्रास से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक की डिग्री हासिल की है।इसके अलावा उन्होंने न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री भी ली है।
–दिल्ली सरकार कौन चलाता है?
— दिल्ली के लिए नीति कौन बनाता है?
–अरविंद केजरीवाल के पीछे कौन?
◆जानिए विजय पटेल की इस ट्वीट से,बहुत बड़ी जानकारी साझा की है:-
2003 में अभिजीत बनर्जी को एमआईटी में ‘फोर्ड फाउंडेशन’ अर्थशास्त्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी वर्ष,उन्होंने अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) की स्थापना की।
2000 से 2010 के बीच केजरीवाल को अपने एनजीओ के लिए फोर्ड फाउंडेशन से सीधे फंडिंग मिली। उन्हें अशोक फेलोशिप और मैग्सेसे अवार्ड भी मिला है, जो फोर्ड फाउंडेशन द्वारा भी वित्त पोषित हैं।
दिसंबर 2013 में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल के प्रोफेसर और अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) के संस्थापक ने मीडिया में AAP के लिए समर्थन और लेख लिखना शुरू किया!
फरवरी 2015 में चुनाव के दौरान उन्होंने आप का समर्थन करने के लिए एक लेख लिखा और लिखा कि “जो कोई भी भारतीय लोकतंत्र की परवाह करता है उसे 7 फरवरी को आप का समर्थन करना चाहिए”
फरवरी 2015 में केजरीवाल ने सरकार बनाई और दिल्ली के लिए एक नीति बनाने और उनकी सलाह और योजना पर दिल्ली सरकार चलाने के लिए एक थिंक टैंक दिल्ली डायलॉग कमीशन (DDC) भी बनाया।
2016 में जैस्मीन शाह आप में शामिल हो गईं और तुरंत उन्हें डिप्टी सीएम सिसोदिया के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया।जैस्मीन शाह आप में शामिल होने से पहले अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) के साथ काम कर रहे थे।
जैसा कि मैंने पहले कहा था कि जे-पीएएल की स्थापना फोर्ड फाउंडेशन के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने की है।
आप 2017 में अभिजीत बनर्जी के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम कर रही थी।
2018 में केजरीवाल ने जैस्मीन शाह को डीडीसीडी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया और उन्हें दिल्ली का पूर्ण नीति नियंत्रण दिया!
2019 में डीडीसी ने अपनी सभी योजनाओं की निगरानी के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।यह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण डेटा है लेकिन किसे परवाह है? कोई इस महत्वपूर्ण डेटा को किसी विदेशी संस्था को कैसे सौंप सकता है?
ऐसा लगता है कि मुफ्त बिजली से लेकर ‘मीडिया’ शिक्षा का मॉडल एमआईटी में अर्थशास्त्र के ‘फोर्ड फाउंडेशन’ इंटरनेशनल प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने विकसित किया है!बाद में 2019 में, उन्होंने अपने जे-पाल प्रोजेक्ट के लिए अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीता।
अब्दुल लतीफ़ जमील सऊदी अरब में स्थित एक परिवार के स्वामित्व वाला व्यावसायिक घराना है।
अब आप समझ गए होंगे कि अमेरिका के NYT और गल्फ के खलीज टाइम्स में दिल्ली एजुकेशन मॉडल को लेकर पेड न्यूज क्यों छापी जाती थी!
अब्दुल लतीफ जमील के मालिक हसन जमील, रिहाना के बॉयफ्रेंड थे!अब आप जान गए होंगे कि रिहाना के उस ट्वीट के पीछे कौन हो सकता है!
कृपया ध्यान दें: अर्थशास्त्र के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, J- PAL ने AP, उड़ीसा, तमिलनाडु और गुजरात सहित कई राज्य सरकारों के साथ MOU किया है।लेकिन दिल्ली में इनकी जो नीति है, उसमें इतनी दखलंदाजी मुझे नहीं दिखी!
डीडीसी और जे-पीएएल पर वापस आते हैं।इस साल फरवरी में, DDC ने फिर से J-PAL के साथ एक नया MOU किया और उन्हें सभी पॉलिसी और स्कीम डेटा तक पहुंच प्रदान की!यह हमारी चिंता होनी चाहिए!
दिलचस्प बात यह है कि एमआईटी में अर्थशास्त्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेसर ‘फोर्ड फाउंडेशन’ श्री अभिजीत बनर्जी 2019 में कांग्रेस की न्याय योजना के पीछे भी मास्टरमाइंड थे!अब, फोर्ड फाउंडेशन की ए और बी टीम कौन है?
इकबाल धालीवाल अब J-PAL के वैश्विक कार्यकारी निदेशक हैं।
वह गीता गोपीनाथ के पति हैं। वह एक अमेरिकी नागरिक हैं और एक कम्युनिस्ट परिवार से ताल्लुक रखती हैं!
अरविंद केजरीवाल हमेशा दावा करते हैं कि वह सिर्फ एक आम व्यक्ति हैं लेकिन ये सभी सबूत बताते हैं कि उन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश, एनजीओ, मीडिया और अन्य सभी विदेशी-वित्तपोषित संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है!
इससे यह भी साबित होता है कि उनकी मुफ्तखोरी की राजनीति का सूत्रधार कोई विदेशी फंडेड, विदेशी संस्था है।वे अपने अंतरराष्ट्रीय पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करके एक नकली शिक्षा और चिकित्सा मॉडल बनाने में भी उसकी मदद करते हैं।
इस विदेशी संस्था ने उनकी पूरी सरकारी नीति भी तैयार की। वे न केवल पॉलिसी डिजाइन करते हैं, वे उसे ट्रैक भी करते हैं!तो अब बताओ दिल्ली सरकार कौन चलाता है?
क्या काम करता है DDCD?
DDCD दिल्ली सरकार के थिंक टैंक के रूप में काम करता है. ये कई मुद्दों पर दिल्ली सरकार को एडवाइज करता है।इसके चार बड़े काम हैं।पहला- नीतियां तैयार करना, दूसरा- इन नीतियों को लागू करने में सरकार की मदद
करना, तीसरा- सरकार और निजी सेक्टर के बीच तालमेल बनाना और चौथा- डेटा की मॉनिटरिंग करना ताकि सही नीतियां तैयार की जा सकें।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद 27 फरवरी 2015 को डायलॉग एंड डेवलपमेंट दिल्ली का गठन किया गया था।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल DDCD के चेयरमैन हैं।जैस्मीन शाह वाइस चेयरमैन थे। वहीं,मनीष सिसोदिया इसके सदस्य हैं।