भारत का भगोड़ा घोषित,विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जो भारत समेत 5 देशों में बैन,अब FIFA में देगा प्रवचन ?
–-भारत का भगोड़ा घोषित शख्स पहुँचा कतर
–भारत में कट्टरता बढ़ाने का आरोप
–उस विवादित इस्लामिक धर्मगुरु की कहानी,जो भारत समेत 5 देशों में बैन,अब FIFA में देगा प्रवचन ?
–मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों को इस्लाम की जानकारी देना है,हिन्दू धर्म को लेकर मजाक उड़ाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की बात !
–डॉक्टरी छोड़ इस्लाम का प्रचार क्यों शुरू किया?
–इस्लामिक स्कूल चल निकला तो मदरसा खोल लिया,कट्टरता की ट्रेंनिग देने लगा
–विदेशों से फंड मिलने लगा
–कैसे इतना चर्चित हुआ?
–आतंकी कनेक्शन और विवादित भाषण
FIFA WC 2022: फुटबॉल के सबसे बड़े महासंग्राम फीफा वर्ल्ड कप 2022 का इस बार कतर में आयोजन हो रहा है।पहली बार किसी मुस्लिम देश को फीफा विश्वकप के आयोजन की जिम्मेदारी मिली है। रविवार (20 नवम्बर 2022) को टूर्मामेंट का रंगारंग आगाज हो चुका है।हालांकि कतर की मेजबानी को लेकर विवादों का सिलसिला अभी तक जारी है।पहले स्टेडियम में शराब पीने और समलैंगिग लोगों के प्रवेश पर बैन को लेकर बवाल हुआ,अब मैच के दौरान इस्लाम का प्रचार करने को लेकर विवाद हो रहा है।
भारत का भगोड़ा घोषित शख्स पहुँचा कतर
दसअसल,कतर इतने बड़े आयोजन का इस्तेमाल मुस्लिम धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए भी करना चाहता है। कतर ने इस काम के लिए कट्टरपंथी मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक को चुना है। कतर के निमंत्रण पर जाकिर नाइक भी खाड़ी देश पहुंच चुका है।बता दें कि जाकिर नाइक वही शख्स है जिसे भारत भगोड़ा घोषिक कर चुका है। कतर के सरकारी स्पोर्ट्स चैनल के पत्रकार ने जाकिर नाइक के कतर पहुंचने की पुष्टि की है।उसने एक ट्वीट करके जाकिर नाइक के पहुंचने की जानकारी।उसके मुताबिक जाकिर नाइक फुटबॉल फैन्स को इस्लाम से जुड़े उपदेश देगा। जाकिर नाइक को निमंत्रण देने पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।लोगों ने कतर पर फीफा विश्वकप का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
भारत में कट्टरता बढ़ाने का आरोप
बता दें कि भारत में जाकिर नाइक पर कट्टरता फैलाने का आरोप है। उस पर आरोप है कि वो विदेशी फंडिंग के सहारे में भारत के युवा मुसलमानों को भड़काकर आतंकवाद की ओर मोड रहा था। धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने के चलते उसके टीवी चैनल को भी बैन कर दिया गया है। भारत में गिरफ्तारी के डर से वो मलेशिया भाग गया था।सरकार ने 2020 में जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
उस विवादित इस्लामिक धर्मगुरु की कहानी,जो भारत समेत 5 देशों में बैन,अब FIFA में देगा प्रवचन ?
विवादित भारतीय इस्लामिक स्पीकर जाकिर नाइक को कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप में आमंत्रित किया गया है।इस आयोजन में जाकिर धार्मिक प्रवचन देगा।भारत ने जाकिर को 2017 में भगोड़ा घोषित कर रखा और प्रतिबंधित लगा रखा है।भारत में बैन के बाद जाकिर ने मलेशिया को अपना ठिकाना बनाया। यहां भी भड़काऊ भाषण देने के बाद उस पर प्रतिबंध लगाया गया।भारत छोड़ने के बाद कभी मोदी सरकार और तो कभी हिन्दू समाज की आलोचना करके चर्चा में रहा।
मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों को इस्लाम की जानकारी देना है,हिन्दू धर्म को लेकर मजाक उड़ाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की बात करता है !
जाकिर का जन्म 18 अक्टूबर 1965 को मुंबई में हुआ।कहा जाता है, जाकिर को बचपन में ही कुरान की आयतें कंठस्थ हो गई थीं।मझगांव में सेंट पीटर स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई की। 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की।दावा किया जाता है कि इस फाउंडेशन का लक्ष्य मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों को इस्लाम की जानकारी देना है, लेकिन अक्सर हिन्दू धर्म को लेकर मजाक उड़ाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की बात सामने आई।अलग-अलग देशें में भड़काऊ भाषण देने के कारण भारत,मलेशिया,यूके,कनाडा समेत 5 देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है।
डॉक्टरी छोड़ इस्लाम का प्रचार क्यों शुरू किया?
बताया जाता है कि कभी हकलाकर बात करने वाले जाकिर ने डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद धर्मगुरु बनने का रास्ता चुना। इसकी सबसे बड़ी वजह थे दक्षिण अफ्रीकी उपदेशक अहमद दीदत। जाकिर उनके भाषण से इतना प्रभावित हुआ कि डॉक्टरी को छोड़कर धर्म का प्रचारक बनने का सफर शुरू किया।जाकिर ने पिता अब्दुल करीम नाईक की मदद से मुंबई के डोंगरी में इस्लामिक स्कूल की शुरुआत की। अब्दुल करीम की महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अब्दुल रहमान अंतुले से जान पहचान रही है।
इस्लामिक स्कूल चल निकला तो मदरसा खोल लिया,कट्टरता की ट्रेंनिग देने लगा
स्कूल के बाद जाकिर ने कई मदरसे खोले और 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की और मुस्लिम युवाओं को कट्टरता की ट्रेनिंग देने लगा। 1991 में मुंबई के डोंगरी इलाके में अपना ऑफिस बनाया। यही से इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को चलाया जा रहा है। कई बार विवादित बयान देने के कारण 2012 से लेकर भारत छोड़ने तक मुंबई को पीस कॉन्फ्रेंस करने की मंजूरी नहीं मिली।
विदेशों से फंड मिलने लगा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिर के इस्लामिक फाउंडेशन को विदेशों से जकात के दौर पर भरपूर डोनेशन मिलती है।इसके अलावा मझगांव में ही इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल खोला हुआ है। जाकिर की पत्नी फरहत स्कूल में महिला विंग की हेड है
कैसे इतना चर्चित हुआ?
जाकिर ने अपनी कट्टर सोच के साथ इस्लाम का प्रचार किया और दूसरे धर्म का मजाक उड़ाकर एक विशेष वर्ग से करीबी बढ़ाई। यही इसकी पॉपुलैरिटी की सबसे बड़ी वजह रही है।जिसके कारण इसे दुनियाभर से भरपूर डोनेशन मिलती गई और भारत समेत कई देशों में दायरा बढ़ता गया।इस तरह दौलत के साथ शोहरत में इजाफा हुआ।मुंबई के बेहद पॉश इलाके माने जाने वाले नेपियंसी रोड पर इसकी इसकी आलीशान कोठी है।
पॉपुलैरिटी को बढ़ाने के लिए जाकिर ने पीस टीवी नाम से इस्लामिक चैनल की शुरुआत की।बताया जाता है कि दुनिया के कई देशों में इसका प्रसारण हुआ। चैनल के जरिए जाकिर ने दुनिया के कई देशों में पहुंच बढ़ाई और खुद को इस्लाम का स्कॉलर कहने लगा।पिछले 2 दशकों में 30 से अधिक देशों में भाषण देकर अपनी पॉपुलैरिटी में इजाफा किया। धीरे-धीरे कई इस्लामिक देशों से उसे फंडिंग मिलने लगी और खुद को इस्लामिक धर्म गुरु के तौर पर स्थापित किया।
विवादित बयान से लेकर आतंकियों से कनेक्शन तक
जाकिर नायक के भाषण लोगों को भड़काने वाला रहा हैं।भारत से भागने के बाद मलेशिया में उसने बयान दिया था कि दुनिया के सभी मुस्लिम देश पैगंबर मोहम्मद की आलोचना करने वाले भारत के गैर मुस्लिमों को उनके देश में आने पर जेल में पहुंचा दें। ज्यादातर पैगंबर आलोचक भाजपा के भक्त होते हैं।जाकिर ने सऊदी अरब, इंडोनेशिया समेत मुस्लिम देशों के ऐसे भारतीयों का डेटाबेस बनाने की बात कही ताकि जब वो वो इस्लामी देशों की यात्रा करें तो उन्हें अरेस्ट किया जा सके।ढाका हमले से जुड़े आतंकियों से पूछताछ में सामने आया था कि वो जाकिर नायक की स्पीच सुनते थे।यह बात सामने आने के बाद जांच शुरू हुई थी। कुछ साल पहले हैदराबाद से NIA की छापेमारी में अरेस्ट हुए IS के संदिग्धों ने पूछताछ में बताया था कि वे भी जाकिर के भाषणों से इंस्पायर हुए थे।
आत्मघाती हमलों का समर्थन किया था
जाकिर नाइक ने अपने एक भाषण में प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के इस्लामी उपदेशक सलमान औदाह का हवाला देते हुए आत्मघाती हमलों का समर्थन किया था। उन्होंने औदाह को “इस्लाम के महान विद्वानों में से एक” कहा, जिन्होंने कहा कि इस्लाम में चरम मामलों में इस तरह के हमलों की अनुमति दी गई थी। उन्होंने फिलिस्तीन की स्थिति का उदाहरण दिया। रिपोर्टों के अनुसार, नाइक ने पाकिस्तानी मंदिर बमबारी का भी बचाव किया। यह तर्क देते हुए कि इस्लामिक देशों को मंदिरों के निर्माण पर रोक लगानी पड़ी।
मार्च 2022 में, IRF को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया और गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा पांच साल के लिए गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार, नाइक ज्ञात आतंकवादियों की प्रशंसा करते रहे हैं और इस बात की वकालत करते रहे हैं कि प्रत्येक मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए, जो उनके भाषणों को आपत्तिजनक बनाता है।