ब्लैक फंगस से महिला की मौत का मामला:रिम्स प्रबंधन समेत डॉक्टरों पर मामला दर्ज,उषा देवी के परिजनों का आरोप, इलाज में लापरवाही से मौत हुई
राँची।झारखण्ड के सबसे बड़े अस्पताल राँची के रिम्स में ब्लैक फंगस बीमारी से जूझ रही उषा देवी की रविवार सुबह दस बजे मौत हो गई। उषा देवी की तबीयत सुबह में बिगड़ गई थी, लेकिन तीन घंटे तक कोई डाॅक्टर देखने नहीं आया। परिजनों ने बताया कि सुबह छह बजे से ही मरीज की हालत खराब थी, पल्स बढ़ गया था और ऑक्सीजन लेवल भी 60 तक पहुंच गया था। इसके बाद डाॅक्टर व नर्स को बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई नहीं आया। करीब नौ बजे डाॅक्टरों की टीम पहुंची और एक घंटे तक जांच करने के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया।इधर परिवार वालों ने बरियातू थाना में रिम्स के प्रबंधन,डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
मरीज उषा देवी के पुत्र गौरव ने डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद भी कोई डाॅक्टर आया ही नहीं, जबकि यह आइसीयू है। मालूम हो कि इस महिला के इलाज के लिए झारखण्ड हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और रिम्स प्रबंधन को फटकार लगाई थी। इसके बाद महिला का ऑपरेशन आठ जुलाई को किया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ती रही। महिला की हालत को लेकर रिम्स ने कोई बुलेटिन तक जारी नहीं किया।मरीज के पुत्र ने बताया कि कल भी यही स्थिति थी। मरीज की तबीयत शाम को पांच बजे अचानक खराब हो गई। मुंह से खून निकलने लगा था, लेकिन एक घंटे तक कोई नहीं आया। उसके बाद उसे ओटी ले जाया गया और वहां से लाने के बाद मरीज को बिना कुछ बताए वेंटिलेटर पर डाल दिया गया। इसके बाद से उषा देवी के शरीर में काेई हरकत नहीं दिख रही थी। परिजन ने आरोप लगाया कि उनकी मां की तबीयत कल रात से ही खराब थी, लेकिन वेंटिलेटर में रखने का कोई कारण नहीं बताया गया।
यह कैसी व्यवस्था, उठ रहे सवाल
आइसीयू जैसी जगह पर गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रखा जाता है। लेकिन यहां कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं था। जो अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है। मरीज के बेटे गौरव ने बताया कि उनकी मां के मुंह से अचानक खून निकलता रहा। सभी लोग डाॅक्टर व नर्स को खोजते रहे, लेकिन कोई आया ही नहीं। उन्होंने बताया कि एक जूनियर डाॅक्टर जरूर मिला, लेकिन वह मदद भेजने की बात कहकर चला गया।इस तरह की भयावह स्थिति को देखने के बाद मरीज का पूरा परिवार रोने लगा। लेकिन इंटरनेट मीडिया में चली इस लापरवाही की खबर के बाद डाॅक्टर विनोद कुमार पहुंचे और उन्होंने महिला की स्थिति का जायजा लिया तथा उसे ओटी ले गए। लेकिन उसके बाद महिला की क्या स्थिति है, इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। इस संबंध में रिम्स प्रबंधन से संपर्क साधा गया, लेकिन किसी ने बात नहीं की।
रिम्स निदेशक के खिलाफ प्राथमिकी
महिला की बॉडी रिम्स के एंबुलेंस में पड़ी रही और परिजन बरियातू थाना में मृतक के बेटे गौरव गुप्ता ने बरियातु थाना में एफआईआर किया है।गौरव ने रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप, डॉ संजय कुमार, ईएनटी विभाग की एचओडी डॉ सीके बिरुआ, डॉ मनीष, डॉ आयुष, आलोक, प्रिया, राकेश चौधरी समेत अन्य लोगों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या का केस दर्ज करने का मांग करते हुए प्राथमिकी दायर करायी है।महिला का अंतिम संस्कार राँची हरमू घाट में किया जाएगा। रिम्स प्रशासन ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया है और एफआइआर कराने के बाद परिजन शव को लेकर हरमू मुक्तिधाम पहुँचे ।