#ब्रेकिंग:लॉकडाउन नहीं लगेगा,प्रवासी मजदूर और बिहार के कारण बढ़ रहा संक्रमण,लॉकडाउन से जिंदगी बचेगी,जीविका चली जायेगी-रामेश्वर उरांव,मंत्री झारखण्ड

राँची।झारखण्ड में तेज रफ्तार से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुये राज्‍य में संपूर्ण लॉकडाउन लगने की खबरें सामने आ रही थी ।मगर राज्‍य के वित्तमंत्री रामेश्‍वर उरांव ने संपूर्ण लॉकडाउन की संभावना को खारिज कर दिया है उन्‍होंने अपने अजीब तर्क देते हुए बयान में कहा कि राज्‍य में नहीं लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन संपूर्ण लॉकडाउन से जिंदगी तो बच जाएगी,लेकिन जीविका खत्म हो जाएगी।उन्होंने कहा प्रवासी मजदूर और बिहार की वजह से झारखण्ड में संक्रमितों आंकड़ा बढ़ा है।अब मंत्री जी के इस बयान पर झारखण्ड की जनता क्या सोचे !शायद मंत्री जी को मालूम नहीं प्रवासी को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन सबसे पहले झारखण्ड में ही आया और सरकार ने इसका क्रेडिट भी लिया अब कोरोना बढ़ रहा है तो मंत्री जी प्रवासी मजदूर को दोषी ठहरा रहे हैं!

वहीं चुनाव के वक्त कांग्रेस छोड़कर गए प्रदीप बलमुचू और सुखदेव भगत के फिलहाल घर वापसी की संभावना को भी खारिज कर दिया है।उन्‍होंने कहा कि 6 साल तक कम से कम घर वापसी के लिए इंतजार करना होगा. फिलहाल वापसी की राह मुश्किल है।

कांग्रेस पार्टी में एक व्यक्ति एक पद के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि ऐसा कोई लिखित में नहीं है, यह परंपरा है।वहीं 12वें मंत्री पद के सवाल को टाल गए मंत्री रामेश्वर उरांव।

डॉ उरांव कांग्रेस मुख्यालय भवन में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।इस दौरान उन्होंने जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी के एक व्यक्ति एक पद को लेकर किये जा रहे विरोध और पार्टी छोड दूसरे दलों में गये नेताओं के दोबारा पार्टी में शामिल होने के सवालों पर तीखा बयान दिया।

क्या इरफान अंसारी ने टिकट दिया था या प्रदेश अध्यक्ष बनाया

डॉ इरफान अंसारी के लगातार एक व्यक्ति एक पद के बयानों पर पलटवार करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह तो पार्टी तय करेगी कि कौन क्या रहेगा।जामताड़ा विधायक के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि “उन्हें स्वतः एक पद छोड़ देना चाहिए” डॉ रामेश्वर उरांव ने मजाकिया लहजे में तीखा प्रहार किया।

उन्होंने कहा कि इरफान अंसारी ने क्या उन्हें टिकट दिया था? क्या प्रदेश अध्यक्ष उन्हीं ने बनाया था ? डॉ उरांव ने कहा कि पार्टी में सभी लोगों की सोच एक जैसी नहीं हो सकती है. कोई पार्टी अनुशासन को ज्यादा मानता है तो कोई कम. लेकिन अगर पार्टी में रहना है, तो अनुशासन को तो मानना ही पड़ेगा।