मंत्री हफीजुल हसन के बयान के विरोध में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राँची में आक्रोश मार्च निकाला…राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा…
राँची। झारखण्ड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी द्वारा शरीयत और संविधान को लेकर दिए गए बयान के विरोध में गुरुवार 17 अप्रैल को महानगर भाजपा की ओर से शहीद चौक से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला गया। इस दौरान भाजपाइयों ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
हेमंत सरकार में झामुमो कोटे से मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा था कि उनके दिल में कुरान और हाथ में संविधान है। उनके लिए शरीयत का कानून पहले है और उसके बाद कुछ और है। भाजपा ने इसे संविधान का अपमान बताते हुए हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।
भाजपा द्वारा निकाली गई आक्रोश मार्च में भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने अपने हाथों में संविधान की किताब लेकर पहुंचे। भाजपा नेताओं का आरोप है, झारखण्ड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन ने सिर्फ और सिर्फ संविधान का अपमान करने का काम किया है। आक्रोश मार्च के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी।
मंत्री हफ़ीज़ुल हसन के बयान के विरोध में भाजपा ने आक्रोश मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। इसके बाद भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात किया। मुलाकात के दौरान भाजपा नेताओं ने मंत्री हफीजूल हसन के बयान के बारे राजयपाल को जानकारी दी और उचित कार्रवाई करने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
आक्रोश मार्च के दौरान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केन्द्रीय राज्यमंत्री संजय सेठ, कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, प्रदीप वर्मा, आदित्य साहू, विधायक सीपी सिंह, विधायक नवीन जायसवाल, पूर्व विधायक समरी लाल, डॉ. जीतूचरण राम, राम कुमार पाहन, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज,शशांक राज सहित भाजपा के कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।