पुलिस को भारी पड़ी 41A का नोटिस दिए बगैर गिरफ्तारी, हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को दी एक माह की साधारण सजा…
राँची।झारखण्ड हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा 41A का नोटिस दिए बगैर गिरफ्तारी से संबंधित इरशाद उर्फ इरशाद राजी एवं अन्य की अवमानना याचिका की को स्वीकृत कर लिया।हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले में प्रतिवादी जगन्नाथपुर थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी वर्तमान में पाकुड़ जिले में टाउन थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर हरिदेव प्रसाद व एसआइ राजीव रंजन को एक महीने की साधारण कैद की सजा सुनाई है।साथ इन दोनों पर 2000 का जुर्माना भी लगाया है।इसके अलावा कोर्ट ने उन पर 50-50 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है।कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ पुलिस को विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। 4 सप्ताह में दोनों दोषी पुलिस अधिकारियों को ऊपरी अदालत जाने के लिए सजा को निलंबित रखा गया।
दरअसल, इरशाद पर एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसने फ्लिपकार्ट से सामान डिलीवरी की बात करते हुए उससे ओटीपी देने का दबाव बनाया था।जबकि व्यक्ति का कहना था कि उसने कोई सामान फ्लिपकार्ट से नहीं मंगाया था।प्रार्थी की ओर से हाई कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2014 के अर्नेश कुमार बनाम स्टेट आफ बिहार केस के गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 41 ए के नोटिस के बगैर 7 साल से कम सजा वाले मामले में पुलिस सीधे किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है।इसे लेकर प्रार्थी की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी।