सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस: पाकिस्तान ने हमले के लिए मजबूर किया, 9 मई को हुआ भीषण मुकाबला, पाकिस्तान के 35-40 जवान मारे गए…100 से ज्यादा आतंकी मारे गए..

नई दिल्ली।भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर और हवाई हमलों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस बारे में विस्तार से पूरी जानकारी दी। भारतीय सेना की तरफ से बताया गया कि पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। भारत ने इन्हें नाकाम किया। इसके बाद भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।

भारतीय सेना की तरफ से वीडियो सबूत जारी कर बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इस ऑपरेशन को इतने सटीक तरीके से अंजाम दिया गया कि आसपास मौजूद इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ।

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9-10 मई को हुआ था भीषण मुकाबला

भारतीय सेना की तरफ से बताया गया कि 7 मई की सुबह आतंकी ठिकाने तबाह होने के बाद पाकिस्तान की तरफ से रात के समय ड्रोन से हमला किया गया। 8 मई को भी हमले हुए और नौ मई को भी यह सिलसिला जारी रहा। हर बार भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि, पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान 9-10 मई की दरमियानी रात को हुआ। भारत ने इस दौरान पाकिस्तानी सेना के कई ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें पाकिस्तान के 35-40 सैनिक मारे गए।

 

पाकिस्तान ने आम लोगों को ढाल बनाया

भारतीय सेना ने बताया कि उनकी क्षमता इतनी है कि पाकिस्तान का पूरा राडार सिस्टम खत्म किया जा सकता था, लेकिन भारत का उद्देश्य युद्ध करना नहीं था, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश देना था। इसी वजह से जवाबी कार्रवाई में सभी एयरबेस पर सीमित हमला किया गया। किसी भी एयरबेस को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश नहीं की गई। भारत ने यह भी बताया कि एक तरफ पाकिस्तान की सेना लाहौर से ड्रोन लॉन्च कर रही थी और दूसरी तरफ उनके यात्री विमान भी उड़ रहे थे। इनमें अंतरराष्ट्रीय विमान भी शामिल थे। आम लोगों की जिंदगी बचाने की लिए भारतीय सेना ने अपने जवाबी कार्रवाई के साथ समझौता किया। इस वजह से भारत ने अपनी क्षमता से कम हमला किया, लेकिन आम लोगों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा।

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “…कुछ हवाई क्षेत्रों और डंपों पर हवा से लगातार हमले हुए, सभी को विफल कर दिया गया। पाकिस्तानी सेना ने बताया है कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और छोटे हथियारों से गोलीबारी में उसके लगभग 35 से 40 जवान मारे गए हैं…”

एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “…यह निर्णय लिया गया कि जहां चोट पहुंचे, वहां हमला किया जाए और इस दिशा में एक त्वरित, समन्वित, सुनियोजित हमले में हमने पूरे पश्चिमी मोर्चे पर इसके वायु ठिकानों, कमांड सेंटरों, सैन्य बुनियादी ढांचे, वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया। हमने जिन ठिकानों पर हमला किया, उनमें चकलाला, रफीक, रहीम यार खान शामिल हैं, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद सरगोधा, भुलारी और जैकोबाबाद पर हमले किए गए…हमारे पास इन ठिकानों और अन्य जगहों पर हर सिस्टम को निशाना बनाने की क्षमता है…”

ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की तीनों सेनाओं की ओर से रविवार (11 मई) को प्रेस ब्रीफिंग की गई।भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर ने बताया कि इस अभियान में पाकिस्तान के 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इस दौरान लश्कर के कैंप से जैश के हेडक्वार्टर तक तबाह हुए। यह हमला भारतीय खुफिया एजेंसियों और सेना के संयुक्त प्रयास से अंजाम दिया गया, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में संचालित आतंकी गतिविधियों को निशाना बना रहा था।

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा ‘उन 9 आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे उच्च मूल्य के लक्ष्य शामिल थे, जो आईसी 814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे।इसके तुरंत बाद पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया नागरिकों, बसे हुए गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों की संख्या से स्पष्ट थी, जो दुर्भाग्य से उनके हमले में मारे गए, जिससे कई लोगों की जान चली गई।भारतीय वायु सेना ने इन हमलों में इनमें से कुछ शिविरों पर हमला करके एक प्रमुख भूमिका निभाई और भारतीय नौसेना ने सटीक हथियारों के मामले में साधन प्रदान किए। भारतीय वायु सेना के पास आसमान में हथियार थे।’

 

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