Politics@crime:कैसे तीन हत्याओं की साजिश में फंस गया ये कद्दावर नेता !
सौजन्य:akhileshsingh.in
राँची।झारखण्ड में नियेल तिर्की कभी राज्य के कद्दावर आदिवासी नेताओं ने गिने जाते थे।कांग्रेस में बड़ा आदिवासी चेहरा रहे नियेल तिर्की अभी राजनीति में हाशिये पर हैं। उन्हें साल 2017 में हुई तिहरे हत्याकांड में पालकोट पुलिस ने आरोपी बनाया है।तिहरे हत्याकांड में अभियुक्त बनाए जाने को लेकर नियेल तिर्की ने आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से जबरन उन्हें हत्याकांड में आरोपी बना दिया गया था। हत्याकांड में फंसाने के पीछे उन्होंने भाजपा की पूर्व विधायक विमला प्रधान और उनके करीबियों की ओर इशारा किया है। मामले नियेल तिर्की ने डीजीपी के समक्ष मामले में नए सिरे से जांच कराने के लिए आवेदन दिया था। नियेल तिर्की की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले में सीआईडी से अनुसंधान का आदेश दिया था। जिसके बाद सीआईडी ने 26 अप्रैल को पालकोट थाने में तिहरे हत्याकांड से जुड़े केस 90/17 को टेकओवर कर लिया। सीआईडी के डीएसपी स्तर के अधिकारी अब पूरे मामले की जांच करेगे। वहीं जांच के लिए विशेष टीम भी गठित की गई है।
क्या है मामला
दिसंबर 2017 में पालकोट के तपकारा खटगांव में ग्रामीणों ने टहलू राम केवट, उनकी पत्नी लखपति देवी व बेटी रूनी कुमारी की पीट पीट कर हत्या कर दी थी। ग्रामीणों का आरोप था कि टहलू राम केवट के दामाद मोतीलात की शिकायत पर 25 नवंबर 2017 को गांव के युवक नंदलाल केरकेट्टा को थाने ले गई थी। थाने में नंदलाल ने मोतीलाल और स्थानीय पुलिस पर मिलीभगत कर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। बाद में उसी दिन नंदलाल का शव कुएं में बरामद किया गया। पुलिस का कहना था कि नंदलाल ने हाजत से भागकर कुएं में कूद कर जान दे दी। इसी घटना के प्रतिशोधवश धान चोरी का आरोप लगाते हुए टहलूराम समेत तीन लोगों की हत्या को अंजाम दिया गया था।
कैसे पूर्व विधायक नियेल तिर्की को बनाया गया आरोपी
तिहरे हत्याकांड के बाद पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश शुरु की तब केस दैनिकी में लिखा गया कि 25 नवंबर 2017 को नंदलाल की मौत के बाद पूर्व विधायक नियेल तिर्की ने खटगांव में बैठक की। नियेल तिर्की ने डीजीपी को अपने तीन मोबाइल नंबर दिए हैं, साथ ही उन्होंने लिखा है कि अगर उन्हें खटगांव में बैठक की तो उनके मोबाइल का लोकेशन निकालकर इसकी जांच करा ली जाए। पूर्व विधायक का आरोप है कि मामले में जिस व्यक्ति मोतीलाल का नाम आया है, वह तात्कालिन विधायक विमला प्रधान का करीबी रहा है। ऐसे में पूरे मामले की नए सिरे से जांच करायी जाए। नियेल तिर्की का आरोप है कि मोतीलाल के उग्रवादी गतिविधियों में संलिप्तत होने को लेकर वह आवाज उठाते रहते थे, ऐसे में उन्हें गलत मामले में फंसा दिया गया। पूर्व विधायक का तर्क है कि मृतक के परिजनों ने भी 164 के बयान में उनका नाम नहीं लिया था।