गढ़वा पुलिस ने फरार जेजेएमपी कमांडर को आंध्रप्रदेश में दबोचा,2023 में रंका थाना प्रभारी को मारी थी गोली….
गढ़वा।झारखण्ड के गढ़वा जिले में नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान सर्च अभियान में रंका थाना प्रभारी को गोली मारने वाले जेजेएमपी के कमांडर को गढ़वा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार जेजेएमपी कमांडर के पास से पुलिस ने एक इंसास, 41 कारतूस, चार मैगजीन बरामद किया है।इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।गढ़वा पुलिस को सूचना मिली थी कि 2023 में जिस टीम ने रंका थाना प्रभारी पर हमला किया था।उसी टीम से जुड़ा एक नक्सली राहुल केसरी इलाके में किसी घटना को अंजाम देने के लिए घूम रहा है। इसी सूचना के आलोक में रंका एसडीपीओ रोहित रंजन सिंह के नेतृत्व में सर्च अभियान शुरू किया गया। इसी सर्च अभियान में नक्सली राहुल केसरी को गिरफ्तार किया गया। राहुल केसरी गढ़वा के भंडरिया का रहने वाला है।
गढ़वा एसपी दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद राहुल केसरी फरार हो गया था और दस्ते में वह इंसास लेकर चला करता था।राहुल केसरी कई नक्सली घटनाओं को अंजाम देने का आरोपी है।बताया कि सूचना मिली थी कि मुख्य आरोपी राहुल केशरी भीमावरम, आंध्रप्रदेश में छुपकर काम कर रहा है।सूचना के आलोक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, रंका के नेतृत्व में टीम का गठन कर भीमावरम, आंध्रप्रदेश भेजा गया तथा स्थानीय पुलिस के मदद से छापामारी कर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के पश्चात रंका थाना लाया गया, जहाँ अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि मुठभेड़ के दौरान ये जिस रायफल से फायरिंग कर रहा था, भागने से पहले रंका थाना के ग्राम जसोबार के जंगल में छिपाकर रखा है। अभियुक्त के निशानदेही पर गढ़वा जिला पुलिस पुलिस और सीआरपीएफ़-172 BN की टीम द्वारा छापामारी कर इंसास राइफल एवं गोली को बरामद किया गया।पुलिस के सर्च अभियान में इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह कुटिया, रंका थाना प्रभारी प्रभात कुमार समेत कई पुलिस जवान शामिल रहे।
बता दें कि 17 दिसंबर 2023 को गढ़वा पुलिस प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखण्ड जन्म मुक्ति परिषद के खिलाफ सर्च अभियान चला रही थी।इस अभियान में गढ़वा के रंका के थाना प्रभारी शंकर प्रसाद कुशवाहा पर नक्सलियों ने फायरिंग की। जिसमें थाना प्रभारी को बांह में गोली लगी और उन्हें इलाज के लिए राँची के मेडिका में भर्ती करया गया था। गढ़वा पुलिस जेजेएमपी के तत्कालीन जोनल कमांडर टुनेश उरांव के खिलाफ अभियान चला रही थी।बाद में टुनेश उरांव को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर भेज दिया था।