बारात में गोली लगने से बैंक मैनेजर की मौत,कार में शव रखकर भागे आरोपी…

पटना।बिहार में हर्ष फायरिंग का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के अंदर इसको लेकर कड़े कानून का भी प्रावधान है। इसके बाबजूद लोग इस कानून का उलंघन कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला पटना के मसौढ़ी से जहानाबाद बारात में गये एक निजी बैंक के मैनेजर की हर्ष फायरिंग में मौत हो गई। बाद में आरोपियों ने शव को उनकी दिल्ली नंबर की गाड़ी में रखकर मसौढ़ी थाना इलाके के नउआबाग मोहल्ले के पास छोड़ दिया।

वहीं, इस घटना के बाद मृतक की पहचान अमित कुमार (26) के रूप में हुई है। मृतक एक निजी बैंक के दिल्ली स्थित कनाट प्लेस ब्रांच में मैनेजर के पद पर तैनात थे। पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। प्रभु लाल भगत के बेटे अमित मूल रूप से मोकामा स्टेशन रोड के निवासी थे। अमित अपने दोस्त शुभम की शादी समारोह में शामिल होने के लिए नौबतपुर पहुंचे थे। यहां से वे बारात के साथ जहानाबाद के काको गये।

इस मामले को एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि,जहानाबाद के काको में हर्ष फायरिंग में उन्हें गोली लग गई। अमित की मौत होने के बाद गोली चलाने वाले आरोपी शव को गाड़ी में रखकर मसौढ़ी तक ले आये। फिर शव को ड्राइविंग सीट पर रखकर सभी भाग निकले। घटना की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस का दावा है कि इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।

उधर, इस मामले में अमित के भाई विकास ने बताया कि वे अपने दोस्त शुभम की शादी में शामिल होने नौबतपुर गये थे। सूत्रों की मानें तो शव की पहचान के बाद पुलिस को मृतक के परिजनों का नंबर मिला। इसके बाद घरवालों ने ही पुलिस को यह जानकारी दी कि अमित दोस्त की शादी में गये थे। फिर पुलिस शादी समारोह वाले स्थान तक पहुंची तो वहां हर्ष फायरिंग में अमित को गोली लगने की बात बतायी गई। यह भी पता चला कि गोली कौन लोग चला रहे थे।

 

वारदात के बाद पुलिस ने एफएसएल की टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया। जांच टीम ने कार से जरूरी साक्ष्य इकट्ठा किये हैं। कार के अंदर और बाहर से फिंगरप्रिंट के नमूने भी लिये गये हैं। जांच में प्रथमदृष्टया यह पता चला है कि आरोपितों ने कार की पिछली सीट पर शव को रख दिया और उसे लेकर मसौढ़ी तक चले आये। फिर मौका देखते ही शव को चालक वाली सीट पर रख दिया गया। शव गिरे नहीं इसलिए सीट बेल्ट से उसे बांध दिया गया। इसके बाद आरोपित भाग निकले। कार की पिछली सीट पर भी खून के निशान मिले हैं।