Ranchi:चार मंदिरों में मूर्तियों को खंडित करने वाले आरोपी की मिर्गी से मौत ! मामले में दो अन्य को गिरफ्तार कर भेजा जेल…
राँची।जिले के मांडर इलाके में कई मंदिरों में मूर्तियों को खंडित करने के मामले में राँची पुलिस ने खुलासा किया है।राँची पुलिस की माने तो मूर्ति को तोड़ने वाले आरोपी की मिर्गी से मौत हो गई है।वहीं दो लोगों को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया है। 16 नवंबर की देर रात को मांडर थाना क्षेत्र के मुड़मा गांव में चार मंदिरों की प्रतिमाओं को खंडित किया गया था।इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।हालांकि इन दोनों पर प्रतिमा खंडित करने का नहीं बल्कि साक्ष्य छिपाने का आरोप है।
चार मंदिरों में प्रतिमाओं को खंडित करने के मामले में राँची पुलिस का कहना है कि सुखदेव उरांव उर्फ जट्टू के द्वारा मुड़मा गांव में स्थित चार मंदिरों की प्रतिमाओं को खंडित किया गया। प्रतिमा को खंडित करने के बाद सुखदेव अपने घर चला गया, वहीं परिजनों को उसने इस पूरे मामले की जानकारी दी। हालांकि इस घटना को लेकर परिजनों ने उसके साथ मारपीट की। इसी बीच उसे मिर्गी का दौरा पड़ा और फिर उसकी मौत हो गई।
वहीं,बाद में प्रतिमाओं की खंडित करने का मामला जब लोगों को पता चला तो लोगों का आक्रोश जमकर फूट पड़ा और पूरे मांडर इलाके को लोगों ने जाम कर दिया मृतक के परिजन जिन्हें इस पूरे मामले की जानकारी थी, उन्होंने पुलिस को प्रतिमा खंडित होने से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की।इसके अलावा आरोपी सुखदेव उरांव के शव को भी जला दिया।इस पूरे मामले में जब पुलिस की जांच आगे बढ़ी और मामले में तार एक दूसरे से जुड़ने लगे तो पुलिस सुखदेव के घर पहुंची।परिजनों ने पूछताछ के शुरुआती दौर में कुछ भी नहीं बताया और ना ही कोई जानकारी साझा की। हालांकि इसी दरमियान जब पुलिस के द्वारा कड़ाई से पूछताछ की गई तब परिवार टूट गया और सुखदेव उरांव के भाई इटावा और सोमा उरांव ने पुलिस को पूरी कहानी बता दी।इसके बाद पुलिस ने इन दो आरोपियों को साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
बुधवार की देर शाम ग्रामीण एसपी ने प्रेसवार्ता में बताया कि कई टेक्निकल एविडेंस भी पुलिस को मिले हैं, साथ ही आरोपियों के द्वारा पुलिस को यह जानकारी भी दी गई है कि मुड़मा मेले में दुकान लगाने को लेकर कुछ लोगों के साथ उनका विवाद हुआ था। इस आक्रोश के कारण सुखदेव ने शराब के नशे में प्रतिमाओं को खंडित किया था।ये भी कहा जा रहा है कि सुखदेव मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर भी था।