राँची के सुरेश्वर महादेव मंदिर में 18 फरवरी को ऐतिहासिक महाशिवरात्रि पर्व,कानपुर और इंदौर से आने वाले कलाकार भव्य झांकी पेश करेंगे….
राँची।राजधानी राँची के केतारी बागान,चुटिया में स्वर्णरेखा नदी तट स्थित सुरेश्वर महादेव मंदिर में पहली बार महाशिवरात्रि पर्व का आयोजन होना है। मंदिर प्रबंधन समिति के महासचिव संतोष कुमार ने बुधवार को मंदिर परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 18 फरवरी को धूमधाम से महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा।बताया कि वर्ष में 2022 में 8 मई को मंदिर में बाबा भोले नाथ के शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गयी थी। इस नाते आयोजन समिति को पहली बार मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के भव्य और ऐतिहासिक आयोजन का मौका मिल रहा है।इस दिन सुबह 4 बजे भगवान भोले नाथ का रुद्राभिषेक किया जायेगा। इसके बाद व्यवस्थित तरीके से भक्त भी जलार्पण कर सकेंगे।संध्या काल में महाआरती के बाद शिव बारात निकलेगी जो महादेव मंडा होते प्राचीन श्री राम मंदिर तक जायेगी। इस मंदिर में ही माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का विवाह संपन्न होगा।मौके पर आयोजन समिति से जुड़े अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
वहीं,संतोष कुमार ने बताया कि शिव बारात में पारंपरिक घोड़ा नाच होगा। साथ ही कानपुर और इंदौर से आने वाले कलाकार भव्य झांकी पेश करेंगें।ढोल मांदर और तुरतुरी बजाते बारात राम मंदिर जायेगी। स्काई इवेंट के कलाकार भगवान भोले नाथ और माँ पार्वती का रूप धरे अपने सहयोगी कलाकारों के साथ सजे हुए ट्रेलर (वाहन) में एक से एक झांकी पेश करेंगे।एक अन्य रथ पर प्रसिद्ध भजन गायकों की टोली भी रहेगी।
उन्होंने कहा कि स्वर्णरेखा नदी के किनारे स्थित चुटिया इलाका ऐतिहासिक धार्मिक स्थली है यहां इक्कीसो महादेव के अलावा सुरेश्वर धाम, महादेव मंडा औऱ प्राचीन श्री राम मंदिर हैं।ऐसे में इस स्थल पर अलग अनुभूति होती है।पहली बार सुरेश्वर धाम में महाशिवरात्रि का आयोजन होगा जो खास होगा।उन्होंने शिव भक्तों से आग्रह करते कहा कि वे महाशिवरात्रि के पावन मौके पर सुरेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनें।