कभी अपनी ही मौसी ने दिल्ली में बेच दी थी,जब चंगुल से छूटकर आई तो राँची में मिला एक मसीहा,आज 10वीं की परीक्षा सेकेंड डिवीजन से पास की,पढ़ें गुड़िया की कहानी…
राँची।कभी दिल्ली और हरियाणा में मानव तस्कर द्वारा बेची गई थी।आज एक सामाजिक कार्यकर्ता के प्रयास से इस लड़की ने झारखण्ड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा सेकेंड डिवीजन से पास कर गई है।बड़े अधिकारी बनने की सपना सजोए इस लड़की ने मेहनत और लगन से पढ़ाई की और दिखाया कि अगर किसी का सहारा मिल जाये तो एक गरीब घर की बेटी भी कुछ कर सकती है।झारखण्ड के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने सिर्फ लड़की को शरण ही नहीं दी बल्कि लड़की को शिक्षा देने में भी कोई कमी नहीं रखा।हॉस्टल में रखवाकर उसे पढ़ाई करवा रहे हैं।
क्या करूं,कहा जाऊं,मुझे तो अपने पराये हर किसी ने छला
ये उन लड़कियों की पीड़ा है जो झारखण्ड से बेहतर भाविष्य की तलाश में दिल्ली व अन्य महानगरों में गयीं।मगर वहां उन्हें सिर्फ धोखा मिला।यहां तक की घर से ले जाने वालों ने भी उसके साथ छल किया।उसी में से एक लड़की है सिलिया गुड़िया जिसने आज जारी हुए मैट्रिक की परीक्षा में सेकेंड डिवीजन से सफलता हासिल की है।ये लड़की मनोहरपुर थानांतर्गत आनंदपुर के भालडुंगरी की है।इस युवती की कहानी भी कुछ इसी तरह की है।यहां की पूजा कुमारी उर्फ सिलिया गुड़िया जब 12 साल की थी।जिन्हें उन दिनों उसकी दुलारी मौसी द्वारा पूजा के माता-पिता को बहला फुसला कर दिल्ली पहुंचा दी। जहां प्लेसमेंट ऐजेंसी के मालिक विनोद त्यागी के पास उसे सौंप दिया और पैसे लेकर वापस लौट गयी।इसके बाद त्यागी ने उसे हरियाणा के गुड़गांव में रहने वाले एक सेठ के पास बेच दिया।जहां उसका कई प्रकार से शोषण किया गया।इसके बाद जब पूजा ने रोना बिलखना आरंभ किया तो उसने विनोद को बुलाकर वापस भेज दिया।विनोद ने फिर से पूजा को दिल्ली के कमल नामक व्यक्ति के हाथों बेच दिया।जहां उसकी पत्नी ने इसे रवींद्र नाम दिया।लगभग डेढ़ वर्ष काम कराने के बाद उसे कुछ भी नहीं दिया गया।ऊपर से उसे प्रताड़ित किया जा रहा था।जब कोई घर में मेहमान आता था तो उसे 25-50 रुपये दे देते थे। जिसे इकट्ठा कर उसने पांच सौ रुपये जमा किया।उसके बाद उनके चुंगल से निकलकर रिक्शा व ऑटो के सहारे से दिल्ली स्टेशन पहुंच गयी।जहां से ट्रेन से वह राँची आ गयी।इस दौरान राँची की सड़कों में 12 वर्षीय युवती को रात के वक्त अकेला भटकते हुये देख दीया सेवा संस्थान राँची को किसी ने सूचना दी।जिसके बाद संस्थान के बैद्यनाथ कुमार व साथियों ने इसे अपने संस्थान ले गये।जहां उसके भोजन व रहने के खर्च के साथ ही पढाई-लिखाई की भी व्यवस्था की गयी।अपने बचपन के दिनों में तीन वर्ष के विकट संघर्ष के बाद उसने सीआइडी को दिये गये बयान में दुलारी मौसी व विनोद त्यागी को अपनी स्थिति के लिए जिम्मेवार ठहराया था।
वहीं आज की तिथि में सिलिया गुड़िया ने बेथेसदा गर्ल्स हाइ स्कूल में पढ़ाई की और गुड़िया ने मैट्रिक की परीक्षा में सेकेंड डिवीजन से पास कर गई है।गुड़िया ने बताई की उसके माता पिता तुल्य अभिवावक बैद्यनाथ कुमार और उनकी पत्नी के बदौलत आज मैं इस मुकाम पर हूँ।जिन्होंने हमें बेटी बनाकर हॉस्टल में रखकर पालन पोषण किया और स्कूल में पढ़ाया।दोनों ने हमेशा प्रोत्साहित किया है।आगे भी अच्छा ही करूंगी।सिलिया गुड़िया का सपना है कि वो भी बड़े अधिकारी बने।उनके सपनों के पूरा करने में सामाजिक कार्यकर्ता बैधनाथ कुमार लगे हैं।
इस सम्बंध में सामाजिक कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि जब लड़की मिली थी।पहले तो पहले संस्था में ही रखा गया था।बाद में उसे बेथेसदा स्कूल के हॉस्टल में रखा गया।उन्होने कहा कि गुड़िया की पढ़ने की लगन को देखकर उन्हें लगा कि उसे जरूर उच्च शिक्षा देंगे।इसलिए उसे किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं होने दिया।हॉस्टल में ही रहकर क्लास 6 से पढ़ रही है।आज गुड़िया के रिजल्ट देखकर उतना ही खुशी मिली है।जितना हर पिता को मिलता है।उन्होंने बताया कि आगे की पढ़ाई के लिए अच्छे कॉलेज में एडमिशन कराएंगे।