भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद पर मायावती का हमला: दिल्ली में चुनाव इसलिए खुद कराई गिरफ्तारी
लखनऊ। नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में मचे सियासी घमासान के बीच बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर निशाना साधा है। मायावती ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर सिर्फ चुनाव में फायदा उठाने के लिए प्रदर्शन करते हैं और जेल चले जाते हैं। मायावती ने पार्टी के लोगों से अपील की है कि वे चंद्रशेखर आजाद और उन जैसे स्वार्थी लोगों से सचेत रहें। बता दें कि बिना इजाजत नई दिल्ली में जामिया मस्जिद से जंतर मतर तक हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारण चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
माया का आरोप चंद्रशेखर विरोधी दल के हिमायती
चंद्रशेखर आजाद की गिरफ्तारी को लेकर मायावती अब उन पर बरसी हैं। बीएसपी प्रमुख ने एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए चंद्रशेखर पर हमला बोला। ट्वीट में मायावती ने लिखा, दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी के चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बीएसपी के मज़बूत राज्यों में षडयन्त्र करते हैं। चुनाव के करीब वहां पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि कर जबरन जेल जाते हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, आजाद यूपी के रहने वाले हैं लेकिन नागरिकता कानून पर वह दिल्ली के जामा मस्जिद वाले प्रदर्शन में शामिल होकर जबरन अपनी गिरफ्तारी करवा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह जल्द चुनाव है।
मायावती ने कहा ऐसे लोगों से सचेत रहें
अपने लोगों को सचेत रहने की अपील करते हुए मायावती ने ट्वीट किया, पार्टी के लोगों से अपील है कि वे ऐसे सभी स्वार्थी तत्वों, संगठनों और पार्टियों से हमेशा सचेत रहें। वैसे ऐसे तत्वों को पार्टी कभी लेती नहीं है, चाहे वे कितना प्रयास क्यों ना कर लें?
बिना इजाजत निकाला था मार्च
बता दें कि चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली की जामा मस्जिद से जंतरमंतर तक विरोध मार्च निकाला था, जिसकी पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी। विरोध मार्च में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और जमकर उत्पात मचाया था।
14 दिन के न्यायिक हिरासत में तिहाड़ गए चंद्रशेखर
पुलिस ने कोर्ट से चंद्रशेखर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी। कोर्ट ने आजाद की जमानत याचिका खारित करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आजाद को न्यायिक हिरासत भेजने के पीछे पुलिस ने दलील दी थी कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए।