शौर्य हत्याकांड:आमदनी से ज्यादा खर्च होता था,कर्ज से परेशान होकर संजीव ने कर डाला बड़का कांड,पढ़िए झारखण्ड न्यूज की exclusive खबर….
राँची।राजधानी राँची मंगलवार को नगड़ी थाना क्षेत्र के ललगुटवा तालाब से एक आठ वर्षीय बच्चे का शव बरामद किया गया था। जिसका नाम शौर्य गोप था। पुलिस ने इस बच्चे की निर्मम हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। इस बच्चे का अपहरण फिरौती मांगने की नियत से किया गया था। लेकिन अपहरणकर्ता ने बच्चे के द्वारा पहचान लेने,घर पहुँचाने की जिद के चलते अपहरणकर्ता ने बच्चे की गला दबाकर बड़ी बेहरमी से हत्या कर दिया।अपहरणकर्ता बच्चे के पिता राजू गोप से किसी तरह की फिरौती वसूलने के लिये शौर्य का अपहरण किया था।इस घटना के मुख्य आरोपी संजीव कुमार पंडा को गिरफ्तार किया।गिरफ्तार आरोपी मूल रूप से हजारीबाग जिले के कटकमदाग थाना क्षेत्र का रहने वाला है।उसने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि, पैसे के लिए उसने बच्चे का अपहरण कर हत्या की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन घटना में प्रयुक्त कार समेत कई अन्य सामान बरामद किया है।
एमबीए पास किया हुआ,इनकम टैक्स का लॉयर का बेटा संजीव कुमार पंडा ने कर्ज चुकाने के लिए कैसे दिया सनसनीखेज घटना को अंजाम — पढ़िये झारखण्ड न्यूज की exclusive खबर….
राजधानी राँची के बरियातू थाना क्षेत्र के एदलहातु से शौर्य अपहरण करने वाले आरोपी का नाम संजीव कुमार पंडा है।पुलिस ने आरोपी सन्दीप को मंगलवार को हिरासत में लिया।पूछताछ के बाद उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया ।आरोपी संजीव पंडा ने पुलिस पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया।संजीव ने पुलिस को बताया है कि उसका नाम संजीव कुमार पंडा,27 वर्ष,पिता सुनील कुमार पंडा,महुडर, रेवाली,थाना-कटकमदाग,जिला हजारीबाग का निवासी है।तीन बहनों में वो एकलौता भाई है।
पिता है इनकम टैक्स में लॉयर लेकिन पिता से नहीं बनता था
पुलिस को संजीव ने बताया कि उसके पिता इनकम टैक्स में लॉयर है।घर में उसके पिता से लड़ाई-झगड़ा होते रहता था, इसलिए वो अपने पिता से ज्यादा सम्पर्क नहीं रखते थे और न ही उसे अपने घर से कोई आर्थिक मदद मिलती थी।इसलिए वो अकेला ही राँची में रहता था।
संजीव एमबीए पास है और प्राइवेट कम्पनी में काम कर रहा था
संजीव ने पुलिस को बताया कि वो मोटो स्पीड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी में एरिया सेल्स मैनेजर के रूप में दिसम्बर 2022 से काम कर रहा है।उसने पुलिस को बताया कि बचपन में वो पहली से छठी तक अपने घर के पास के स्कूल में पढ़ाई किया, उसके बाद सातवी से दशवीं तक सेंट्रल एकडमी, बरियातु रोड राँची में पढ़ाई किया,फिर 11वीं एवं 12 वीं हजारीबाग में पढ़ाई किये तथा स्नातक का पढ़ाई आनंदा कॉलेज हजारीबाग से किये। फिर वर्ष 2016 से अगस्त 2020 तक बंगलौर में रहकर जॉब करने लगा तथा साथ में सिम्बोसियस सेन्टर फोर डिस्टेंस लर्निंग से डिस्टेंस में एमबीए की पढ़ाई पूरी किया।उसने बताया कि कोराना काल में हजारीबाग आ गया। उसके बाद मई 2021 में वो सैडो फैक्स कम्पनी राँची में वेयर हाउस मैनेजर के रूप में काम किया, उसके बाद वहाँ से सितम्बर 2022 में बंगलौर गया।जहां एक कम्पनी में करीब डेढ़ माह काम किये।फिर राँची में मोटो स्पीड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी में एरिया सेल्स मैनेजर के रूप में जॉब लग गया,तो बंगलौर से पुनः मैं राँची आ गया, तब से (दिसम्बर 2022 ) मोटो स्पीड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी में एरिया सेल्स मैनेजर के रूप में वर्तमान में काम कर रहा था।
पिछले साल अप्रैल में शादी हुई थी,मृतक शौर्य के घर भी 4 महीना रहा था
संजीव ने बताया कि उसकी शादी अप्रैल 2022 में कोडरमा के जयनगर में निशु से हुआ।बताया कि मई 2021 से अगस्त 2022 तक वह सैडो फैक्स कम्पनी रॉची में वेयर हाउस मैनेजर के रूप में काम किया,इस दौरान वो एदलहातु में राजू गोप के मकान(मृतक बच्चे के घर)अपने बहनोई मिथिलेश कुमार मुगदल के साथ किराये के मकान में मई 2021 से नवम्बर 2021तक रहा है। उसके बाद वो नवम्बर 2021 से पुन्दाग ओपी क्षेत्र में मकान मालिक संतोष के घर में किरायेदार के रूप में रहा था।
50 लाख खर्च कर ऑफिस बनाने की बात बताया था,राजू गोप से अच्छी दोस्ती हो गया था
संजीव ने बताया कि जब वो एदलहातु वाले मकान मालिक राजू गोप के घर बहनोई के साथ रहता था, उस दौरान राजू गोप से उसकी कुछ ही दिनों में अच्छी दोस्ती हो गयी थी,इस दौरान दोनों मकान के छत पर साथ में शराब भी पीते थे,तथा इस दौरान राजू अपने घर का सारा बात भी हमें बताता था।जिसमें राजू ने संजीव को यह भी बताया था कि वो अपना ऑफिस में इंटरनल डेकोरेशन में 50 लाख रुपये खर्च किया है।उसने बताया कि राजू के घर में रहने के दौरान उसके बच्चों से भी घुल मिल गया था,तथा बच्चें भी उसे अच्छी तरह से पहचानने लगे थे।
आमदनी से ज्यादा खर्च और 5 से 6 लाख का कर्ज उसके ऊपर था
संजीव कुमार पंडा ने पुलिस को बताया कि अपने जॉब से होने वाली आमदनी से ज्यादा खर्च हो रहा था। इसलिए अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसने कर्ज पर कर्ज लेते गया,जिससे करीब 05 से 06 लाख का उसके ऊपर कर्ज था। जिसमें निजी लोन यस बैंक से 3 लाख,बाइक का लोन करीब 2 लाख और एक आनंद नाम के व्यक्ति से 82 हजार का कर्ज लिया था। उसने बताया कि इन सभी कर्ज का टेंशन से वो बार-बार ज्यादा कमाने के लिए सोचते रहता था।
घटना से 10 दिन पहले शौर्य का अपहरण करने का प्लान बनाया
संजीव ने पुलिस को बताया कि घटना से करीब 10 दिन पहले उसके दिमाग आया कि राजू गोप के पास बहुत पैसा है और वो सीधा व्यक्ति भी है तथा उसका बेटा शौर्य एकलौता है। जिसे अपहरण कर राजू से अच्छा खासा पैसा फिरौती के रूप में मांग कर अपनी सारी आर्थिक समस्या का निदान कर सकता है।इसलिए घटना को अंजाम देने के लिये उसने प्लान बनाया।
घटना को अंजाम देने के लिए टूर एंड ट्रेवल्स से कार बुक किया
उसने बताया कि शौर्य का अपहरण का पलान बनाना शुरू किया।जिसमें उसने माँ टुर एण्ड ट्रेवल्स, रातू रोड,मारवाड़ी भवन के पास से 1 मार्च को अपने घर जाने का बहाना बता कर ट्रेवल मालिक से एक स्विफ़्ट डिजायर गाड़ी JHOLER/2485 भाड़ा पर लिया।अपना बाइक JHOIEL/8382 वहीं रख दिया।उसने बताया की बाइक को इसलिये रखा ताकि ट्रेवल्स मालिक उसे विश्वास में गाड़ी दे दे और दिया भी। उसने अपना ड्राविंग लाइसेंस का और आधार का छायाप्रति वहां जमा किया था।
प्लान के हिसाब से बच्चे को मुंह बंद करने के लिए दो टेप भी लिया था
संजीव ने पुलिस को बताया कि अपहरण के बाद बच्चे को मुँह में लगाने के लिए 2 टेप पुन्दाग के ही एक मेडिकल दूकान से और दो प्लास्टिक बोरा अपने पुन्दाग वाले किराये के मकान के छत पर से लाकर पहले से गाड़ी में रख लिया। उसने बताया कि बोरा इसलिए रख लिया था कि अपहरण करने के बाद अगर फिरौती नहीं मिलेगा तो बच्चे की जान से मारकर बोरा में पैक करके कहीं तालाब या डैम में फेंक देंगे।
2 मार्च को भी अपहरण की कोशिश किया था
पुलिस को बताया जाता है कि संदीप ने 2 मार्च को स्विफ्ट डिजायर गाड़ी JHO1ER/2485 से राजू के घर के पास एदलहातु जाने के पहले व्हाइट टेप का इस्तेमाल करके नम्बर प्लेट का एक डिजिट आर को पी बना दिया,और राजू गोप के घर वाले गली में साइड में गाड़ी लगाकर शाम से रात तक करीब 3 घंटे शौर्य के अपहरण करने का इंतजार करते रहा, किन्तु उस दिन उसे मौका नहीं मिला था।क्योंकि शौर्य उस दिन बाहर निकला ही नहीं।
3 मार्च को दोबारा अपहरण करने गया
संजीव ने पुलिस को बताया कि 2 मार्च को जब शौर्य का अपहरण ना कर सका था तो दूसरे दिन यानी 03 मार्च को अपहरण करने के लिए गाड़ी में फर्जी नम्बर प्लेट लगाने का दिमाग लगाया।तब उसने नम्बर प्लेट का चुनाव करने के लिए OLX से ऑनलाईन स्विफ्ट डिजायर खरीदने के लिए देखा तो वहां पर बिहार का एक नम्बर (BRO1EH/4217) दिखा।उसने बताया कि फर्जी नम्बर प्लेट बुटी मोड़ के पास से बनवाया और उसके बाद एदलहातु गया, तथा फर्जी नम्बर प्लेट BROIEH/4217 को एदलहातु पहाड़ के पास साइड में कुछ देर रूक कर गाड़ी फर्जी नम्बर प्लेट लगा दिया। फिर राजू के घर वाले गली में गाड़ी लगाकर बच्चा (शौर्य) के आने का इंतजार करने लगा।
काफी इंतजार के बाद बच्चा घर से समान लेने निकला था
उसने बताया कि काफी देर बाद समय करीब 07:50 बजे शाम में शौर्य दूकान से कुछ खरीदने के लिए गया तथा खरीद कर लौट रहा था तब उसने उसे बुलाया, तो वह आ गया।फिर उसने बच्चे से पुछा कि ‘तुम राजू भैया का बेटा हो’तो उसने हाँ बोला, उसके बाद बच्चे को कुछ देर बातों-बातों में फुसलाकर गाड़ी में अपने ड्राईवर सीट तरफ से ही खींचकर अंदर कर लिया और गाड़ी का गेट बंद कर दिया।उसने बताया कि अंधेरा होने के कारण अंदर का मुवमेंट बाहर के लोगों को पता नहीं चला पा रहा था,वहीं शीशा बंद रहने के कारण आवाज भी बाहर नहीं जा रहा था।
गाड़ी में शौर्य ने संदीप को पहचान लिया
संजीव ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि शौर्य को अपने ड्राईवर वाली सीट के बगल में बैठाकर तेजी से गाड़ी चलाकर शिवाजी चौक से एदलहातु पहाड़ होते हुए निकला। इस दौरान शिवाजी चौक पर उसकी तरफ का गाड़ी का गेट भी खुल गया था। और आगे कुछ दूर जाने पर बच्चा परेशान करने लगा,उसने बताया कि एक बार एदलहातू पहाड़ के पहले, बच्चा बचने के लिए गाड़ी स्टेयरिंग घुमा दिया, जिससे एक व्यक्ति को लग जाता, किन्तु किसी तरह उस व्यक्ति को बचाया, तब बच्चे को जाने से मार देने के लिए डराया तो वह चुप हो गया। उसके बाद जब बोडेया रोड में जाने के लिए गाड़ी बायें घुमाया, तो उस रोड में पर्याप्त रोशनी रहने के कारण मेरा चेहरा, बच्चा (शौर्य) देखकर पहचान लिया और बोला अंकल आप हैं।संदीप ने बताया कि तब उसने झूठ बोल कर समझाया कि ‘मैं मजाक कर रहा था, तुम्हें पापा के ऑफिस ले जाने के लिए लाये हैं’ तब बच्चा चुप हो गया और शांति से बैठ गया।फिर जब वहां से बोड़ेया रोड से रिंग रोड की ओर बढ़ा बच्चा को शक होने लगा और वह बहुत छटपटाने लगा,गेट खोलने की कोशिश करने लगा।
बच्चा ना चिल्ला सके मुंह मे टेप मार दिया था
आरोपी ने बताया कि जब रिंग रोड पहुँचने पर बच्चा को शक होने लगा तो वो ज्यादा छटपटाने लगा था।तब उसने रिंगरोड के पास बांये नीचे वाले रोड में करीब 50 मीटर की दूरी पर गाड़ी खड़ी करके पहले बच्चा को मुँह में टेप लगाया, फिर हाथ तथा पैर को टेप से बांध दिया।
शौर्य के छटपटाने और शक होने पर गुस्से से गला दबा दिया
आरोपी ने पुलिस को बताया कि बच्चा गाड़ी में ज्यादा छटपटा रहा था और बार बार घर ले जाने की बात कर रहा था।तब उसने बच्चा के गला एक से डेढ़ मिनट तक दबा कर रखा,उसे लगा कि वह मर गया, फिर उसे एक बोरा में रख कर अपने ड्राईवर सीट के बगल में रखा फिर रिंग रोड पकड़कर आगे बढ़ा।उसने कहा कि जब गुमला रोड के पास पहुँचा तो उस रोड में कुछ दूर जाकर बांये पतला काला रोड में गाड़ी से घुसा दिया।संदीप ने कहा कि चूंकि पहले उसका ऑफिस इधर ही था, इसलिए उसे उस इलाके का सभी छोटा-बड़ा रास्ता का जानकारी पहले से था।
बच्चे की सांस चल रही थी,दोबारा गला दबा दिया
उसने बताया कि रोड के किनारे किसी का ईंटा रखा हुआ था, तो वहां गाड़ी रोककर आधा दर्जन से ज्यादा ईंट ले लिया और गाड़ी में रखकर आगे बढ़ गया। आगे जाने के बाद रिंग रोड के नीचे ही बांये मुड़ा और कुछ दूर पर सन्नाटा देखकर गाड़ी रोका फिर बच्चा को देखा तो सांस ले रहा है उसने फिर बच्चे का गले को दो से ढाई मिनट दबाये रखा, जिससे वह मर गया, फिर उस बोरा में ईंटा डालकर टेप से पैक कर दिया, उसके बाद दूसरा बोरा में बच्चे का बॉडी वाला बोरा को डाला और उस बोरा में भी ईंटा डाल कर टेप से पैक कर दिया। उसने बताया कि उसके बाद बच्चे का बॉडी वाला बोरा को अगली वाली सीट से गाड़ी के बीच वाली सीट में गाड़ी के अंदर में ही बैठे-बैठे कर लिया। फिर रिंग रोड में गाड़ी ले आया और यु टर्न लेकर गाड़ी को धुर्वा तरफ जाने की ओर जाने लगा, कुछ दूरी पर यु टर्न लेने के लिए एक कट था, जहाँ से यु टर्न लेकर गाड़ी घुमा लिया, फिर जैसे ही सोपोरम तालाब के पास आया, गाड़ी रोककर गमछा का सहारा से बच्चा के बॉडी वाला बोरा को धीरे-धीरे घसीटते हुए तालाब के किनारे पानी तक ले गया, फिर पानी में आगे तक उक्त बच्चा के बॉडी वाला बोरा को धकेल कर कर दिया।
भागकर ससुराल पहुँच गया था
आरोपी संजीव पंडा ने बताया कि बच्चे का शव तालाब में फेंकने के बाद तुरन्त अपने ससुराल जयनगर मोड़, कोडरमा चला गया था। इस दौरान अपने पहना हुआ कपड़ा तिलैया कोडरमा तरफ कहीं रास्ते में गाड़ी से चलते चलते फेंक दिया था।उसने बताया कि जयनगर मोड़, कोडरमा जाने के दौरान मेरी गाड़ी का शीशा फूट गया था।
5 मार्च को गाड़ी मालिक को पहुंचाने आया था राँची
संजीव ने बताया कि वो कोडरमा से जब 5 मार्च को गाड़ी जमा करने राँची ट्रैवल मालिक के पास गए तो 1 मार्च से 5 मार्च तक का फाईन सहित भाड़ा 17 हजार 500 रुपया बताया,तब उसने 15 हजार जमा किया तो माँ टुर एण्ड ट्रेवल्स वाले 2500 बांकी होने पर उसकी मोटरसाइकिल रख लिया, और पैसा जमा करने के बाद ही बाईक वापस करने के लिए बोला गया।
बताया जाता है कि जब 7 मार्च को पुलिस ने संजीव को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा था तो उसने पुलिस को बहुत इधर उधर भटकाने की कोशिश किया।लेकिन पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ और पुलिस के पास उपलब्ध सबुत से उसकी झूठ पकड़ी गयी और फिर में उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए पूरी घटना को पुलिस के समक्ष बताने लगा।इधर जानकारी मिली है कि पुलिस बुधवार की देर रात तक सिन रिक्रिएट किया।किस तरह अपहरण किया और कैसे घटना को अंजाम दिया कहां कहाँ घुमाया और फिर तालाब में कैसे शव फेंका।सारी जानकारी देर रात लिया। गया है।गुरुवार को पुलिस ने पूछताछ के बाद प्रेस वार्ता कर आज उसे जेल भेज दिया।