गढ़वा:महिला को दूसरे प्रेमी के साथ देख पहले प्रेमी ने दिया था हत्या की घटना को अंजाम,आरोपी गिरफ्तार….

 

गढ़वा।झारखण्ड गढ़वा जिले के भवनाथपुर थाना पुलिस ने अकेलवा जंगल में मिले कंकाल की मिस्ट्री का खुलासा कर लिया है।वहीं घटना को अंजाम देने वाले नगर उंटारी थाना क्षेत्र के चेचरिया निवासी प्रेमी अब्दुल खान उर्फ लेदू खान (उम्र 55) पिता स्व-नसरूद्दीन खान को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस ने आरोपी का मोबाइल उसके घर से बरामद किया है।मृतिका का पति बाहर में मजदूरी का काम करता है। आरोपी और मृतिका के बीच करीब 5 वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था।कबाड़ी कारोबारी आरोपी अक्सर मृतिका के घर आता जाता था।साथ में घूमता भी था। कुछ दिनों से समित्री देवी का संबंध गांव के ही कन्हाई सिंह के साथ हो गया। 5 अगस्त को दोपहर में आरोपी जब मृतिका समित्री देवी के घर गए तो कन्हाई सिंह के साथ देख लिया। इसके बाद उसी गांव में संत पासवान के घर पर शराब पीने लगा।कुछ देर बाद मृतिका भी आई एवं इनके साथ शराब पी। शराब पीकर दोनों जंगल के रास्ते जाते-जाते दोनों के बीच विवाद होने लगा।तब आरोपी समित्री देवी को पटक कर गला दबा कर हत्या कर लाश को वहीं सुनसान जंगल में झाड़ियों के बीच छोड़कर अपने घर नगर उंटारी चला गया।पुलिस से बचने के लिए अपना मोबाइल बंद कर लिया।

इधर मंगलवार को गढ़वा एसपी दीपक कुमार पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 11 अगस्त के सुबह को बनसानी पंचायत के टोला भुईया भंवरिया के अकेलवा जंगल में एक मानव कंकाल के बारे में सूचना मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस के टीम मौके पर से एक मानव कंकाल बरामद किया जिसके पैर में मांस एवं चमड़ी बचा हुआ था। पैर में गोदना का निशान एवं ब्लू रंग की साड़ी तथा महिला का चप्पल मिला। मौके पर मौजूद ग्रामीण में से मीरा देवी नामक महिला कंकाल के पैर में गोदना, साड़ी एवं चप्पल को देखकर अपनी मां समित्री देवी के रूप में पहचान की। जानकारी देते हुए कहा कि बीते 5-6 वर्ष से अब्दुल खान उर्फ लेदू खान के साथ इनकी माँ का प्रेम प्रसंग था 5 अगस्त को इनकी मां को दोपहर उसी के साथ अंतिम बार देखा गया था।इसके बाद मामले को लेकर भवनाथपुर थाना (काण्ड सं0-130/2024) मामला दर्ज किया गया।

वहीं पुलिस की एक टीम अब्दुल खान उर्फ लेदू खान को पकड़कर पूछ-ताछ प्रारंभ किया।पूछ-ताछ के क्रम में अब्दुल खान ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की तथा बतलाए कि कबाड़ी खरीदने बेचने के क्रम में करीब 5-6 वर्ष पूर्व समित्री देवी से इनकी जान पहचान हुई थी। जो प्रेम में तब्दील हो गया था। मृतिका का पति बाहर में मजदूरी करता है।अक्सर ये समित्री देवी के घर आते-जाते रहते थे तथा घूमने फिरने जाया करते थे।कुछ दिनों से समित्री देवी का संबंध गांव के ही कन्हाई सिंह के साथ हो गया था। जो इन्हें अच्छा नहीं लगता था। 5 अगस्त को दोपहर में जब ये समित्री देवी (मृतिका) के घर गए तो समित्री देवी को कन्हाई सिंह के साथ देख लिए थे। उसी गांव में संत पासवान के घर ये शराब पी रहे थे।जहां समित्री देवी (मृतिका) भी आई एवं इनके साथ शराब पी। शराब पीकर ये दोनों जंगल के रास्ते जाते-जाते दोनों के बीच लड़ाई झगडा हुआ तब ये समित्री देवी को पटककर गला दबा कर हत्या कर दिए तथा लाश को वहीं सुनसान जंगल में झाड़ियों के बीच छोड़कर अपने घर नगर उटॉरी चले आए। पुलिस से बचने के लिए अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिए, जिसे इनके घर से बरामद किया गया।