रेमडेसिविर कालाबाजारी मामला:रिम्स की कक्ष सेविका ने भी चोरी की थी इंजेक्शन, बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज
राँची।राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से रेडमेसिविर इंजेक्शन की चोरी हुई थी। चोरी किसी और ने नहीं बल्कि रिम्स में ही काम करने वाला एक कक्ष सेविका ने की थी। उक्त सेविका सुषमा कुमारी के विरुद्ध रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बरियातू थाना में 21 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार रिम्स राँची बाह्य स्रोतीय व्यवस्था के तहत ट्रामा सेंटर में कक्ष सेविका सुषमा कुमारी की नियुक्ति हुई थी। सुषमा कुमारी मूल रूप से पलामू की रहने वाली है। सुषमा पर रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी का आरोप लगा था। जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि सुषमा पर लगे आरोप सही है। सुषमा कुमारी ने ट्रामा सेंटर से इंजेक्शन की चोरी की थी। इसके बाद चिकित्सा अधीक्षक ने उसके विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई करने के लिए लिखित आवेदन बरियातू थाना में दिया। उल्लेखनीय हो कि इस वर्ष अप्रैल और मई महीने में कोरोना का संक्रमण जब चरम पर था और लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे थे, तो डाक्टर उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने की सलाह दे रहे थे। लेकिन इंजेक्शन की कमी की वजह से कई बीमार मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिल रहा था। जिसका फायदा कुछ कालाबाजारी करने वाले लोगो ने उठाया और गलत तरीके से इंजेक्शन जुगाड़ कर उसे लाखों रुपए में बेचा था।
एसआईटी ने रिम्स से मांगी थी रिपोर्ट
एसआईटी ने रिम्स से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी। रिम्स इस मामले में जांच करा रहा था। यह बात सामने आई थी की रिम्स के एक अनुबंधकर्मी ने रेमडेसिवीर की चोरी की थी। जांच में अनुबंध कर्मी ने स्वीकार किया की उसने इंजेक्शन की चोरी की थी। इसके बाद ही बरियातू थाने में मामला दर्ज करने के लिए रिम्स अधीक्षक द्वारा लिखित आवेदन दिया गया। अब इस मामले में एसआईटी आगे की कार्रवाई करेगी। रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में कुल तीन प्राथमिकियां दर्ज हो गई। पहली प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज हुई है। जिसकी जांच सीआईडी कर रही है। वहीं दूसरी जगन्नाथपुर थाना में दर्ज हुई थी। हालांकि पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ में मामला किसी संगठित गिरोह द्वारा कालाबाजारी का नहीं निकला था। वे अपने ही मरीज के लिए कोलकाता से मंगवाए गए इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ने पर उसे बेच रहे थे। अब तीसरी प्राथमिकी बरियातू थाने में दर्ज हुई है।
मामले की जांच कर रही है एसआईटी, दो के विरुद्ध दाखिल कर चुकी है चार्जशीट
रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में सबसे पहला मामला कोतवाली थाना में दर्ज हुआ था। जिसका अनुसंधान सीआईडी कर रही है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में सीआईडी ने अब तक दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार कांके रोड निवासी राजीव सिंह और हिनू के सृष्टि अस्पताल के कर्मी मनीष सिन्हा शामिल है। रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले की जांच सीआईडी के निवर्तमान एडीजी अनिल पलटा के नेतृत्व में बनी एसआईटी कर रही है। पूरे मामले में सीआईडी की तरफ से बताया गया है कि 6 रेमडसीवीर सृष्टि अस्पताल में भर्ती मरीजों के नाम पर आवंटित हुई थी। लेकिन इन मरीजों को रेमडेसिविर नहीं दिया गया था।