Ranchi:बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर नसीम खान ने आय से अधिक संपत्ति की आर्जित,जांच में हुई पुष्टि,गिरफ्तारी की तैयारी में ईडी..!
–जेल में बंद कैदियों को मदद पहुंचाने के एवज में जेल अधीक्षक व जेलर ने की अवैध कमाई, दोनों के विरुद्ध ईडी दाखिल करेगा चार्जशीट
राँची।बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर नसीम खान की मुश्किले बढ़ने वाली है। इन दोनों के विरुद्ध ईडी को आय से अधिक संपत्ति आर्जित करने के साक्ष्य मिले है। अब ईडी इन दोनों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में वर्तमान में मनरेगा घोटाला, अवैध खनन, टेंडर कमीशन, जमीन घोटाला और शराब घोटाला के कई आरोपी बंद इन आरोपियों में कई पॉवरफुल भी है। जिन्हें जेल में विशेष सुविधा उपलब्ध कराने सहित मदद पहुंचाने के मामले में ईडी ने तीन नवंबर को जेल में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान जेल अधीक्षक और जेलर के विरुद्ध ईडी को कई अहम साक्ष्य मिले थे। इसके बाद से ही राँची का होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा प्रबंधन कटघरे में है। इन घोटालों की ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रहा है। जांच के क्रम में ही ईडी को यह जानकारी मिली है कि केंद्रीय कारा में कैदियों को मदद पहुंचाने के एवज में जेल अधीक्षक व जेलर ने अवैध कमाई की है। ईडी ने जांच में दोनों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला भी पकड़ा है और अब दोनों के विरुद्ध चार्जशीट करने की तैयारी में है।
प्रेम प्रकाश के सिंडिकेट में भी शामिल थे दोनों,जांच में हुई पुष्टि
ईडी की जांच में जेल अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर नसीम खान पर रांची में जमीन घोटाला व राज्य में अवैध खनन मामले में जेल में बंद पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के सिंडिकेट में शामिल होने की भी पुष्टि हो चुकी है। ईडी को नुकसान पहुंचाने के लिए गवाहों को धमकाने, रुपयों का लालच देने, नक्सलियों से संपर्क कराने तक में जेल प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका उजागर हो चुकी है। इन्हीं सभी बिंदुओं पर जांच के क्रम में ईडी ने जेल अधीक्षक व जेलर के अवैध कमाई व उससे अर्जित बनाए गए संपत्ति को पकड़ा है।
ईडी ने खंगाला संपत्ति का ब्यौरा, तो हुआ खुलासा
ईडी ने जेल अधीक्षक, जेलर और दोनों के परिवार के सदस्यों के नाम चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा खंगाला तो अवैध कमाई के कई साक्ष्य मिले हैं। ईडी को अनुसंधान के दौरान यह भी जानकारी मिली है कि, ईडी ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें कई आरोपी पूर्व में भी जेल गए थे। जिन्हें मदद पहुंचाने के एवज में इन दोनों ने रुपयों का लेन-देन किया। ईडी सूत्रों का कहना है कि जेल अधीक्षक व जेलर पर कार्रवाई के लिए किसी दूसरे केस की कोई जरूरत नहीं है, पहले से चले आ रहे केस में ही इनपर कार्रवाई करने का पुख्ता आधार है।
तीन नवंबर को हुई थी बिरसा मुंडा जेल में छापेमारी
ईडी ने जेल अधीक्षक और जेलर के विरुद्ध जेल में बंद आरोपियों को मदद पहुंचाने व आरोपियों द्वारा जेल से ही ईडी के अधिकारियों के विरुद्ध साजिश रचने के मामले में तीन नवंबर को छापेमारी की थी। छापेमारी में जेल प्रशासन के विरुद्ध डिजिटल साक्ष्य से लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी ईडी को मिले थे। ईडी ने जेल का डीवीआर भी जब्त किया था, जिसकी जांच की जा चुकी है। ईडी ने जेल के बड़ा बाबू का मोबाइल भी जब्त किया था। उक्त मोबाइल फोन से ईडी के गवाहों को धमकी दी जा रही थी। इसकी भी ईडी की जांच में पुष्टि हो चुकी है। ईडी ने तीन दिनों सात, आठ व नौ नवंबर को जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर, जेलर नसीम खान व बड़ा बाबू दानिश रिजवान से अलग अलग पूछताछ की थी।