Ranchi:डेढ़ साल पहले नाबालिग लड़की को अपहरण कर राजस्थान ले गया,फिर चार लाख रुपये में नाबालिग को बेच दिया…पुलिस ने रेस्क्यू किया…केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे…
राँची।जिले के सिकिदिरी थाना क्षेत्र की एक नाबालिग को डेढ़ साल पहले राजस्थान में चार लाख रुपये में बेच दिया गया था। जानकारी मिलने पर सिकिदिरी थाना प्रभारी दीपक कुमार सिन्हा के निर्देश पर सिकिदिरी पुलिस रेस्क्यू कर नाबालिग को वापस लाई। इन डेढ़ साल में नाबालिग की शादी भी करा दी गई और नाबालिग का छह माह का एक बच्चा भी है।नाबालिग का 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया है।सीडब्ल्यूसी में नाबालिग का बयान लिया जाएगा इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर सूचना मिलने पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ गुरुवार को सिकिदिरी क्लब बिल्डिंग में पहुंचकर मामले की जानकारी ली। पीड़िता के माता-पिता ने मंत्री को बताया उनकी नाबालिग बेटी जनवरी 2023 से गायब थी। थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। लेकिन तत्कालीन थाना प्रभारी भगवान तामसोय ने सितंबर में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद भ्रष्टाचार मुक्ति संघ के सहयोग से पता चला कि नाबालिग राजस्थान के जयपुर में है।सांसद ने कहा कि वरीय पुलिस पदाधिकारी से बात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। पूर्व विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि आदिवासियों को एकजुट होकर अपने अस्तित्व की रक्षा करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने सिकिदिरी थाना प्रभारी दीपक कुमार सिन्हा और भ्रष्टाचार मुक्ति संघ के पदाधिकारियों की प्रशंसा की। मौके पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जैलेन्द्र कुमार, सत्यदेव मुंडा, अमरनाथ चौधरी, भाजपा एसटी मोर्चा के जिलाध्यक्ष बुधराम बेदिया, सुजीत कुमार सोनी, भ्रष्टाचार मुक्ति संघ के अध्यक्ष मंशू महतो, सचिव अश्विनी तिर्की, सोहरैया बेदिया, सुनील महतो, धनेश्वर बेदिया आदि ने पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है।
वहीं वर्ष 2022 में अनगड़ा थाना में भी पीड़िता की माँ ने दो आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले के आरोपी नकुल बेदिया और संजय कुमार मुंडा अभी जेल में है। पुलिस इस कड़ी को भी जोड़कर जांच कर रही है। सिकिदिरी थाना प्रभारी ने बताया कि जल्द ही मामले का खुलासा कर जाएगा।
इधर पूरे मामले का खुलासा नाबालिग के आधार कार्ड से हुआ। आधार कार्ड में नाबालिग की जन्मतिथि में सुधार कराने के बाद कार्ड नाबालिग के घर के पते पर पहुंचा। आधार कार्ड में फोन नंबर अंकित था। उस नंबर पर फोन करने के बाद घरवालों की नाबालिग से बात हुई तो मालूम हुआ कि वह राजस्थान के जयपुर में है और उसका अपहरण कर लिया गया था।
पुलिस को दिए बयान में नाबालिग ने बताया कि अपने गांव में वह बकरी चरा रही थी। उसी दौरान एक पुरुष और एक महिला ने उसे कपड़े में बेहोशी की दवा सुंघाकर उसका अपहरण कर लिया था। जब उसे होश आया तो वह ट्रेन में थी। महिला और पुरुष ने जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया और उसके फोन को भी तोड़कर फेंक दिया। इसके बाद उसे राजस्थान के जयपुर ले जाकर एक सुनसान घर में रखा गया, जहां दोनों महिला-पुरुष ने नाबालिग के माता-पिता नहीं होने और स्वयं को उसका मौसा-मौसी बताकर चार लाख रुपये लेकर मार्च 2023 में एक व्यक्ति से उसकी शादी करा दी। नाबालिग की उम्र 22 वर्ष बताई गई। जब उस व्यक्ति ने उसके आधार में उम्र कम देखा तो पूछने पर उसे जन्मतिथि गलत होने की बात बताई गई। इसके बाद आधार कार्ड को सुधार कराने पर मामले का खुलासा हुआ। पुलिस बुधवार 25 सितंबर को नाबालिग और तथाकथित पति को रेस्क्यू कर वापस लाई। इसी वर्ष जनवरी में नाबालिग एक बच्चे को जन्म दिया है।वहीं माता-पिता ने सांसद के सामने पूर्व थाना प्रभारी भगवान तामसोय पर आरोप लगाया कि उन लोगों ने फरवरी 2023 में गुमशुदगी का आवेदन दिया था, परंतु सितंबर 2023 में मामला दर्ज किया गया।
भाजपा एसटी मोर्चा के जिलाध्यक्ष बुधराम बेदिया ने बताया कि मानव तस्कर आदिवासियों का अस्तित्व मिटाने पर लगे हैं। क्षेत्र में मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने एक्स पर लिखा कि “बेटियों की सुरक्षा से चिंतित बेदिया समाज द्वारा सिकिदिरी में बुलाए गए पंचायत में शामिल हुआ। दरअसल वर्ष 2023 में यहां की एक बेटी को ह्यूमन ट्रैफिकिंग वालों ने दूसरे राज्य में भेज दिया था। काफी मशक्कत और भ्रष्टाचार मुक्ति संघ के प्रयास व दबाव के बाद बिटिया को पुलिस ने बरामद किया।
बरामद हुई बेटी ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग वालों ने और भी कई बेटियों को गायब किया है। इस मुद्दे पर मैंने स्थानीय पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया कि एक भी बेटी गायब नहीं हो, उनकी सुरक्षा और बरामद की सुनिश्चित करें। इसके साथ ही दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो, यह तय करें।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ बांग्लादेशी झारखंड की डेमोग्राफी खराब कर रहे हैं। आदिवासी बेटियों से विवाह करके हमारी स्मिता और संस्कृति को खतरे में डाल रहे हैं। दूसरी तरफ बेदिया समाज की बेटियां ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हो रही हैं। राज्य सरकार बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।”