राँची:खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद ने सौंपा शिक्षा मंत्री को 11 सूत्री माँग पत्र
Ranchi: आज शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद के प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्राध्यापक दिनेश दिनमणि की अगुवाई में खोरठा भाषा से संबंधित 11 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया। परिषद का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री से उनके विधानसभा क्षेत्र के भंडारी दह कार्यालय में भेंट कर उन्हें खोरठा भाषा की विभिन्न समस्याओं और इसके निदान के लिए सरकार के द्वारा नीति निर्धारण और निर्णय लेने का आग्रह किया। परिषद के ज्ञापन में विशेष तौर पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय और कोयलांचल विश्वविद्यालय में खोरठा विभाग खोलने तथा उसके अधीनस्थ कॉलेजों में खोरठा की पढ़ाई से संबंधित प्रावधान किए जाने की आवश्यकता पर आग्रह किया गया। साथ ही क्षेत्र की अन्य भाषाओं संथाली और कुरमाली भाषाओं की पढ़ाई के लिए समुचित व्यवस्था करने का आग्रह किया गया। इसके साथ मंत्री से विभिन्न पाठ्यक्रमों में शामिल खोरठा समेत सभी झारखंडी भाषाओं की किताबों को सरकारी स्तर पर प्रकाशित कराने और इसमें शामिल रचनाओं के रचनाकारों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग की गई। उन्हें अवगत कराया गया कि सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेज, प्लस टू स्कूलों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खोरठा समेत सभी झारखंडी भाषाओं की उसके भाषा बहुल क्षेत्र के आधार पर पढ़ाई की व्यवस्था किए जाने की मांग की गई। झारखंडी भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिले दस वर्ष बित गये परन्तु इन भाषाओं के उत्थान के लिये अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है। ऐसे में झारखंडी भाषाओं के उत्तरोत्तर विकास हेतु भाषा अकादमी खोलने की भी मांग की गयी।
इसके अलावे खोरठा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने का प्रस्ताव पारित किए जाने की भी मांग की गई।
प्राध्यापक दिनेश दिनमणि के नेतृत्व में गये इस प्रतिनिधिमंडल में सुकुमार, संदीप कुमार महतो, विकी कुमार, वासु बिहारी, अजय कुमार, आजाद बरनवाल, संजय कुमार, दिनेश प्रसाद, शिवप्रसाद, नीलकंठ महतो व बसंत कुमार मुख्य थे।