उसी दिन उठी अर्थी,जिस दिन होनी थी शादी…दो परिवारों के लोग सदमे..
धनबाद।झारखण्ड के धनबाद जिले के बरोरा से लेकर बोकारो के फुसरो तक रविवार को शोक की लहर थी शोक आखिर हो भी क्यों नहीं।जिस लड़के की रविवार को शादी होनी थी, उसी दिन उसकी अर्थी उठ गई।बरोरा के मुराईडीह में रहने वाले विक्की की शादी फुसरो में तय हुई थी। दोनों परिवार शादी की तैयारी में जुटे थे कि दुखद घटना हो गई और सारी खुशियां मातम में बदल गई।आखिर, इस परिवार पर किसकी नजर लग गई।घर वाले तो शादी की खुशी में थे कि अचानक अनहोनी हो गई।
बताया जाता है कि लड़के की शादी तय हो गई थी। निमंत्रण कार्ड भी लोगों तक पहुंच गए थे। लेकिन जिस दिन उसकी शादी होने वाली थी, उसी दिन उसकी अर्थी निकली।यह सुन जानकर किसी का भी कलेजा फट जा रहा था।विक्की कुमार की रविवार को घर से बारात निकलने वाली थी।लेकिन रविवार को उसकी शव यात्रा निकली।
विक्की की मौत शनिवार को वेदांत अस्पताल,राँची में इलाज के दौरान हो गई।परिवार के लोग बताते हैं कि एक सप्ताह पहले पिछले रविवार को अचानक वह बीमार पड़ गया।उसका ब्लड प्रेशर लो हो गया था।तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले कतरास के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ।इसके बाद कतरास से धनबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया।वहां से राँची ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
रविवार की सुबह विक्की का शव जैसे ही गांव पहुंचा, तो पूरा माहौल मातम में बदला हुआ था। शव पहुंचते ही चीख-पुकार से इलाका दहल उठा।विक्की की मौत की सूचना पर रविवार को इलाके की सभी दुकानें बंद रही। रविवार को ही उसका दाह-संस्कार कर दिया गया। विक्की की फुसरो में शादी तय हुई थी।घर में सजावट का काम चल रहा था। वह मुराईडीह बस्ती के समीप हीरक रोड पर दुकान चलाता था। 4 दिन पहले उसके पिता टीकाराम महतो ने हीरक रोड किनारे स्थित अपने नए घर में गृह प्रवेश का पूजन भी कराया था।सोचा था नए घर में बहू को लाएंगे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।