राँची के प्रसिद्ध शिवलोक धाम मरासिल्ली पहाड़ पर रहने वाले महंत लालगिरी की जहरीले सांप के डसने से मौत, खबर सुनते ही इलाके में शोक की लहर
राँची।राजधानी राँची के नामकुम थाना क्षेत्र अंतर्गत राजा उलातू के उनीडीह स्थित प्रसिद्ध शिवलोक धाम मरासिल्ली पहाड़ पर रहने वाले नागा साधु महंत लालगीरी के बाएं हाथ की बीच वाली अंगुली में शनिवार की देर रात जहरीले सांप ने डंस लिया जिससे साधु की मौत हो गई।घटना की जानकारी मिलते ही शिवलोक धाम मरासिल्ली पहाड़ ट्रस्ट के सदस्यों एवं स्थानीय लोगों में मातम छा गया।
जानकारी के अनुसार साधु काफी दिनों से पहाड़ पर रह रहे थे। बीच-बीच में वो अन्य जगहों पर भी आना-जाना करते थे।तीन दिन पहले ही वो पहाड़ पर लौटे थे। शनिवार की रात शिवलोक धाम में बने कमरे में जमीन पर बिस्तर बिछा कर सोए हुए थे।बताया जाता है कि रात तीन बजे उनकी हालत बिगड़ने पर उन्होंने पहाड़ के नीचे दुकान चलाने वाले कार्तिक को फोन कर कहा कि तबीयत ठीक नहीं लग रहा है,लगता है सांप ने काट लिया है, जल्दी आओ।उसके बाद कार्तिक ने तुरंत एक अन्य साथी को लेकर पहाड़ पर चढ़ रहा था तो रास्ते में साधु मिले।आनन-फानन में कार्तिक ने उन्हें राजाउलातू चौक झाड़-फूंक कराने पहुंचे।जहां पहुंचते ही साधु गिर गए एवं उनकी मौत हो गई।
इधर घटना की सूचना पर ट्रस्ट के सदस्य एवं स्थानीय लोग पहाड़ पर पहुंचकर साधु के कमरे की जांच की तो सांप मिला जिसे स्थानीय लोगों ने सांप पकड़ लिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची एवं आवश्यक जांच की।
अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे
घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में मातम छा गया है।दूर दूर से साधु को मानने वाले लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए शिवलोक धाम आ रहे हैं। लोग फ़ूल,माला चढ़ा रहे हैं।
लातेहार के रहनेवाले थे महंत लालगीरी
बताया जाता है कि नागा साधु मंहत लालगीरी बाबा मूल रुप से लातेहार जिले के रहनेवाले थे। वो अलग-अलग स्थानों का भ्रमण करते थे। शिवलोक धाम मरासिल्ली पहाड़ सहित राँची के अन्य जगहों पर वर्षो से रह रहे थे।मरासिल्ली पहाड़ आने से पहले नामकुम रेलवे क्रासिंग के समीप स्थित मुक्तिधाम के मंदिर एवं शनि मंदिर में भी रहते थे।