कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को मुम्बई से राँची लाया गया…..
राँची।झारखण्ड के राँची,रामगढ़,चतरा,लोहरदगा,हजारीबाग और लातेहार जिले में अपना सिक्का जमाने वाला कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को झारखण्ड एटीएस की टीम बुधवार को मुंबई से राँची लायी। हवाई मार्ग से उसे मुंबई से राँची लाया गया।पूछताछ के लिए अमन श्रीवास्तव को धुर्वा स्थित एसटीएस हेडक्वार्टर में रखा गया है।पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।बता दें कि मंगलवार को झारखण्ड और मुंबई एटीएस की संयुक्त टीम ने गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को मुंबई के वासी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से कई मोबाइल और दर्जनों सिम कार्ड बरामद किये गये।पुलिस बरामद मोबाइल का सीडीआर निकाला है।उसमें कई नेताओं, अफसरों और सफेदपोशों के नंबर मिले हैं,जिनसे वह लगातार संपर्क में रहता था।साथ ही उन लोगों के नंबर भी मिले हैं, जो कोयला के कारोबार से जुड़े हैं।
मुंबई कोर्ट ने झारखण्ड एटीएस को 20 मई तक ट्रांजिट रिमांड पर दिया
मंगलवार को अमन श्रीवास्तव को मुंबई के स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे राँची ले जाने के लिए कोर्ट ने झारखण्ड एटीएस को 20 मई तक का ट्रांजिट रिमांड दिया।
कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव कोयलांचल राँची, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले की पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था।अमन श्रीवास्तव गिरोह द्वारा व्यवसायियों से रंगदारी वसूली जा रही रही थी।रंगदारी नहीं देने पर वाहनों में आगजनी की घटनाएं और जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।चार्जशीट में एटीएस ने कहा था कि अमन श्रीवास्तव गैंग रंगदारी व लेवी से पैसे जुटाकर हथियार खरीद आतंक फैलाने के लिए गोली-बारी व आगजनी कर व्यवसायियों ठेकेदारों में खौफ कायम करता था, ताकि लोग डर से उसकी डिमांड पूरी करते रहें। रंगदारी के तौर पर मिली राशि को वह हवाला के माध्यम से बाहर भेजता था।अमन श्रीवास्तव पर हत्या के दो, हत्या के प्रयास के चार, रंगदारी के 13, आर्म्स एक्ट के दो, यूएपीए का एक और धारा 174 (ए) का एक केस सहित कुल 23 केस अलग-अलग थानों में दर्ज हैं।इसके अलावा गैंग के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी अलग-अलग जिलों के थानों में केस दर्ज है।इस तरह के आपराधिक गिरोहों के खिलाफ अब लगातार अभियान चलेगा।
जेल में भी बंद बदमाशों की गतिविधि पर नकेल कसने के लिए जेल प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई की जायेगी।
गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव चला रहा है 45 गुर्गों के साथ गिरोह
हंटरगंज चतरा का रहने लाला अमन श्रीवास्तव एक गिरोह चला रहा है। अपराधी अमन श्रीवास्तव के गिरोह में 45 गुर्गे है, जो उसके निर्देश पर हत्या, रंगदारी व धमकी देने जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे है। गिरोह के गुर्गे पतरातू, चंदवा, बालूमाथ, खलारी, मांडू, गिद्दी, बड़कागांव, हजारीबाग, रामगढ़ और बासल में सक्रिय है।
ऐसे धराया अमन !
झारखण्ड एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता ) से मिली जानकारी के अनुसार, गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव मुंबई के अलावा सूरत, पुणे, बेंगलुरु आदि जगहों से गैंग को ऑपरेट करता था। इसकी जानकारी मिलने के बाद झारखण्ड एटीएस मुंबई एटीएस की टीम से संपर्क किया। मुंबई एटीएस को अमन श्रीवास्तव की फोटो उपलब्ध करायी गई। उस फोटो को मुंबई के तकरीबन सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे फेस डिटेक्शन कैमरे के सॉफ्टवेयर में अपलोड किया गया। गैंगस्टर अमन लगातार मुंबई के वासी स्टेशन से ही सूरत समेत अन्य जगहों पर आना-जाना कर रहा था। स्टेशन पर लगे फेस डिटेक्शन कैमरे ने उसकी तस्वीर कैच कर ली। जब- जब उसने वासी स्टेशन में प्रवेश किया, तब-तब लाल बत्ती जली। इसकी जानकारी मिलने के बाद झारखंड एटीएस की टीम मुंबई पहुंची और दोनों जगह की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर अमन श्रीवास्तव को वासी स्टेशन से उस समय पकड़ा, जब वह कहीं जाने की तैयारी में था
एक रात गुजारने के बाद बदल देता था ठिकाना
गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव रंगदारी मांगने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहता था। एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार, पूछताछ में अमन ने खुद बताया है कि एक रात से ज्यादा समय वह किसी भी स्थान पर नहीं ठहरता था। रात गुजारने के बाद वह ठिकाना बदल लेता था, ताकि पुलिस को उसके बारे में पता नहीं चल सके।
गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव बेहद शातिर अपराधी है। वह हर काम पूरी प्लानिंग से करता था। वह जिस मोबाइल नंबर से जिस स्थान से अपने गुर्गों व अन्य लोगों से बात करता था, उस नंबर को वह बंद कर उसी स्थान पर छोड़ देता था। इसके बाद वह दूसरे मोबाइल नंबर से बात करता था, ताकि पुलिस उसका लोकेशन नहीं निकाल सके।
कारोबारियों से खुद मांगता था रंगदारी
अमन श्रीवास्तव कोयला कारोबारियों और व्यवसायियों से खुद रंगदारी मांगता था। वह मुंबई, सूरत, बेंगलुरु, पुणे आदि जगहों से कारोबारियों को फोन करता था। उसे पहले धमकी देता फिर रंगदारी की रकम मांगता था । रकम की वसूली वह अपने गुर्गों के जरिए करता था। रंगदारी नहीं देने वाले कारोबारियों पर हमले करवाता था।