10 लाख का इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ निलेश दा उर्फ अमर दा ने किया आत्मसमर्पण,माओवादी में जोनल कमेटी का था मेंबर…54 मामले दर्ज…

 

गिरिडीह।झारखण्ड के गिरिडीह जिले के नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ निलेश दा उर्फ अमर दा अब मुख्यधारा से जुड़ गए हैं। 70 वर्षीय 10 लाख के इनामी नक्सली ने झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, नई दिशा-एक नई पहल से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।शनिवार को नक्सली बच्चन को मीडिया के सामने लाया गया।यहां उपस्थित डीआईजी सुनील भास्कर, एसपी डॉ. बिमल कुमार, एसएसबी 35वीं वाहिनी के कमांडेंट संजीव कुमार व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने रामदयाल ऊर्फ बच्चन को 10 लाख का चेक भी दिया। यहां बताया गया कि राज्य मुख्यालय के आदेशानुसार गठित गिरिडीह जिला के जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमिटी के सदस्यों के समक्ष दस लाख रुपये के इनामी नक्सली रामदयाल महतो (पिता स्व. गुलाब चंद महतो) ने सरेंडर किया है।रामदयाल पीरटांड़ प्रखंड के पिपराडीह का रहने वाला है।

पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि रामदयाल झारखण्ड-बिहार के कई नक्सली वारदात में शामिल रहा है।तोपचांची थाना उड़ाने और एसएलआर सहित करीब 07-08 हथियार को लूटने में इसकी अहम भूमिका रही है। वर्तमान में नक्सली बच्चन के नेतृत्व में वर्ष 2022 में डुमरी थाना के तलियाबहियार गांव के उप-मुखिया असलम अंसारी को पुलिस मुखबीर घोषित कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नक्सली रामदयाल महतो गिरिडीह जिला के 43 कांड और धनबाद जिला के 11 कुल 54 कांडों में वांछित रहा है।झारखण्ड राज्य में बच्चन का काफी लंबा आपराधिक इतिहास रहा है।

डीआईजी सुनील भास्कर ने बताया कि नक्सली रामदलाय महतो के आत्मसमर्पण किये जाने से अन्य उग्रवादियों को भी आत्मसमर्पण करने की प्रेरणा मिलेगी तथा वे लोग भी सरेंडर करने की दिशा में प्रयत्नशील होंगे।चूंकि ये नक्सली संगठन के जोनल कमिटी मेंबर रहे हैं, इनके आत्मसमर्पण से नक्सली घटनाओ में काफी कमी आएगी। इसके साथ ही गिरिडीह, बोकारो और धनबाद जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे झारखण्ड में नक्सलियों के मनोबल में गिरावट आएगी।