जमशेदपुर:टुसू महोत्सव में ढाई लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए,झारखण्ड,उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के लोग करीब 170 टुसू प्रतिमा और चौड़ल लेकर पहुँचे…

जमशेदपुर।झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर शहर के बिष्टुपुर गोपाल मैदान में दो साल बाद टुसू महोत्सव के अवसर पर जनसैलाब उमड़ा। टुसू प्रतिमा, चौड़ल और बूढ़ा गाड़ी लेकर पहुंचे लोगों ने अपनी संस्कृति-विरासत को समाज के लोगों के साथ मिलकर प्रदर्शित किया। झारखण्डवासी एकता मंच की ओर से आयोजित टुसू मेला में ढाई लाख से अधिक लोग शामिल हुए।मेला में झारखण्ड के विभिन्न जिलों के अलावा ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोग करीब 170 टुसू प्रतिमा और चौड़ल लेकर पहुंचे।इसमें सात लोगों को टुसू में, चार चौड़ल और एक व्यक्ति को बुढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया। आयोजन का नेतृत्व सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, ईंचागढ़ की विधायक सविता महतो, जुगसलाई विधानसभा के विधायक मंगल कालिंदी, गम्हरिया की पार्षद स्नेहा महतो कर रहे थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने की।

इस मेले में बारीपदा से आये लालचंद महतो एंड झुमुर ग्रुप ने टुसू व झूमर गीत गाकर माहौल को गर्म कर दिया। इसमें गीत प्रस्तुत करनेवालों में मोंटी, कुनी, लिलि, अजय के नाम शामिल थे। एंकर की भूमिका सूरज ने निभाई। अतिथियों संयुक्त रुप से वहां देश व राज्य के आंदोलन में अह योगदान देनेवालों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया एवं कार्यक्रम की शुरुआत की। वहीं, आयोजकों की ओर से एक तरफ रघुनाथ महतो,शहीद बिरसा मुंडा व सिदो-कान्हू की तस्वीर लगायी गयी। दूसरी ओर शहीद निर्मल महतो, पूर्व सांसद स्व.सुनील महता,राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व.सुधीर महतो तथा पूर्व विधायक स्व. साधुचरण महतो की तस्वीर थी। कार्यक्रम के अंत में पूर्व सांसद स्व. साधुचरण महतो, मंच के सक्रिय कार्यकर्ता बाबू नाग सहित कोरोनाकाल में निधन होनेवाले मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा।

वहीं,भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि खेती से नयी फसल घरों तक पहुंचने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है।दैनिक जीवन में जो चीजें व्यतीत होती हैं,उन्हें गीत के रुप में गाकर खुशी मनाते हैं।उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। संस्कृति पूर्वजों की देन है, मर जाएंगे, लेकिन इसे मिटने नहीं देंगे।पूर्व सांसद सुमन महतो तथा ईंचागढ़ की विधायक सबिता महतो ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।मंच संचालन फणींद्र महतो तथा श्रीनिवास राव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुखदेव महतो, कमल महतो,स्वपन महतो, विजय महतो, सुनील महतो, चंद्रावती महतो, चूनका मार्डी, डॉ. रोड़ेया सोरेन, सुदर्शन महतो, सपन महतो, जुगल किशोर मुखी, मनोज महतो, काबलू महतो, रवि मुंडा, संतोष महतो, अशोक महतो आदि सदस्य सक्रिय रहे।