लोहरदगा:एएसआई की गोली मारकर की हत्या,आरोपी पुलिस को सरेंडर कराने में लग गए करीब 10 घंटे…मृतक के परिजनों ने किया हंगामा…
लोहरदगा।झारखण्ड के लोहरदगा जिले में बुधवार की रात उस समय हड़कंप मच गया जब चुनाव ड्यूटी से लौटे एक पुलिसकर्मी ने दूसरे पुलिसकर्मी को गोली मार हत्या कर दी।इस घटना के बाद आरोपी पुलिसकर्मी पूरी रात अपनी राइफल लेकर कमरे में घूमता रहा,एसपी से लेकर सिपाही तक पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद भी वह सुनने को तैयार नहीं था,करीब 10 से 11 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस अधिकारी उसे समझाने में कामयाब हुए और उसने सरेंडर कर दिया
हालांकि, जब पुलिस उसे गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा रही थी तो मृत पुलिस के जवान के परिजन भड़क गए और उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करने की कोशिश की। पूरी घटना बुधवार की देर रात लोहरदगा एसपी कोठी के पीछे की है।गुरुवार की सुबह आरोपी पुलिसकर्मी ने सरेंडर कर दिया। लोहरदगा एसपी हारिस बिन जमा ने इसकी पुष्टि की है।
एसपी ने बताया कि लोहरदगा शहरी क्षेत्र में एसपी कोठी के पीछे किराए के मकान में रह रहे राँची जिले के सोनाहातु थाना क्षेत्र के बिरडीह गांव के आनंद सिंह मुंडा ने बोकारो निवासी एएसआई धर्मेंद्र सिंह को गोली मार दी। इससे धर्मेंद्र सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है।पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।रात में ही धर्मेंद्र सिंह के परिजन मौके पर पहुंच गए थे।
पुलिस के अनुसार पुलिस जवान आनंद सिंह मानसिक रूप से बीमार है। वह लोहरदगा में एसपी कोठी के पीछे किराए के मकान में रहता था। कुछ दिन पहले उसकी बेटी, बेटा और पत्नी गर्मी की छुट्टी में वहां आए थे।इस दौरान आनंद सिंह मुंडा चुनाव ड्यूटी के लिए गिरिडीह, दुमका, बोकारो, लोहरदगा चले गए। जहां से वह वापस लौटे। आनंद सिंह मुंडा ने अपनी सर्विस राइफल भी जमा नहीं की थी।
बताया जाता है कि बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे एसपी के कहने पर एएसआई धर्मेंद्र सिंह अन्य चार पुलिस कर्मियों के साथ हथियार लाने गए थे।इसी बीच आरोपी ने अपनी पत्नी और बच्चों को घर में बंद कर दिया।जिसके बाद उसकी पत्नी ने बाहर निकालने का अनुरोध किया। जब एएसआई धर्मेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मी उसकी पत्नी को वहां से बाहर निकाल रहे थे, तभी पुलिस जवान आनंद सिंह ने धर्मेंद्र सिंह को गोली मार दी। जिससे धर्मेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद पुलिस जवान रात भर बंदूक लेकर अपने कमरे में घूमता रहा। सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीम रात भर उसे बाहर निकालने का प्रयास करती रही। लेकिन वह बाहर आने को तैयार नहीं था।गुरुवार की सुबह उसने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।बताया जाता इस दौरान पुलिस ने करीब 15 लोगों का उस बिल्डिंग से रेस्क्यू किया।वहीं एएसआई के शव को कमरे में पड़ा था।सुबह शव कब्जे में लिया गया है।