jharkhand:ड्यूटी को लेकर एसपी और डीएसपी में गाली-गलौज,डीएसपी ने अर्धनग्न अवस्था में एसपी आवासीय कार्यालय के बाहर दिया धरना
राँची।झारखण्ड गुमला जिले में ड्यूटी को लेकर एसपी और डीएसपी में गाली गलौज का मामला सामने आया है।बता दें इससे पहले पाकुड़ जिले में थानेदार और सब इंस्पेक्टर के मारपीट की घटना हुई थी।अब गुमला जिले में एसपी और हेडक्वार्टर डीएसपी के बीच जमकर गाली-गलौज घटना हुई है।बताया जा रहा है इस दौरान नौबत मारपीट तक की आ गई।इस घटना के बाद झारखण्ड पुलिस महकमे में खलबली मच गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक झाऱखण्ड के गुमला जिले के एसपी डॉ.एहतेशाम वकारीब और डीएसपी हेड क्वार्टर प्राण रंजन के बीच रविवार की देर रात जमकर हुई है गाली गलौज।बताया जाता है कि गुमला एसपी ने रविवार को डीएसपी प्राण रंजन को भरनो थाना क्षेत्र के बॉर्डर पर जांच करने की ड्यूटी का आदेश दिए थे।उसके बाद डीएसपी प्राण रंजन ने गुमला एसपी से यह निवेदन किया था कि अपने क्षेत्र से बाहर जाकर ड्यूटी करनी है इसलिए इस संबंध में आप मुझे लिखित आदेश जारी कर दें। बताया जा रहा है कि मामला इसी के बाद बिगड़ गया। डीएसपी के द्वारा लिखित आदेश मांगने की बात पर एसपी के द्वारा फोन पर ही अभद्र तरीके से बातचीत की गई और गाली गलौज भी की गई।
गाली गलौज से नाराज डीएसपी पहुंच गए एसपी के आवासीय कार्यालय,जमकर किया हंगामा
मिली जानकारी के मुताबिक एसपी के द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार से नाराज होकर डीएसपी प्राण रंजन एसपी के आवासीय कार्यालय पहुंच गये. वहां जमकर हंगामा किया।इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मामले को संभालने की कोशिश की।लेकिन डीएसपी ने किसी की नहीं सुना और एसपी डीएसपी में जमकर गाली गलौज हुई।मामला बढ़ता देख वहां तैनात जवानों ने शांत कराया।
दो घंटे तक हांगमा होता रहा,डीएसपी अर्धनग्न अवस्था मे एसपी आवास के सामने बैठ गया
बताया जा रहा है कि गाली गलौज होने के बाद करीब दो घंटे तक आवास के बाहर सड़क पर हंगामा होता रहा है।इसी दौरान डीएसपी ने पूरे बदन का कपड़ा फाड़कर फेंक दिया।सिर्फ अंडरवियर में आवास के आगे बैठ गया।इसी दौरान जवानों ने गाड़ी से तौलिया लाकर डीएसपी को पहनाया।
तौलिया लपेटे अस्पताल पहुँच गए डीएसपी
बताया जा रहा है कि डीएसपी प्राण रंजन हंगामे के बाद तौलिया पहने अस्पताल पहुँचे और मेडिकल जान करवाये है।जानकारी जो मिली है उसके अनुसार डीएसपी का आरोप था कि उनके साथ मारपीट की गई है।जिससे वो घायल हो गए हैं।इसलिए अस्पताल पहुंचकर इलाज करवाएहन।
एसोसिएशन के भीतर मामले को लेकर हुई चर्चा
डीएसपी प्राण रंजन के मामले को लेकर झाऱखण्ड पुलिस डीएसपी एसोसिएशन में भारी नाराजगी है। एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप पर लगातार मामले को लेकर खलबली मची हुई है।एक डीएसपी स्तर के अधिकारी ने एसोसिएशन के ग्रुप में यह सूचना दी है कि एसपी गुमला के द्वारा डीएसपी हेड क्वार्टर प्राण रंजन के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है।इस पर एक दूसरे डीएसपी ने लिखा है कि इस कृत्य का दमदार तरीके से विरोध होना चाहिए. आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं होगा। अविलंब इस पर एसोसिएशन की तरफ से कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं एक और डीएसपी ने लिखा है कि मेरे विचार से इस संबंध में एक डेलिगेशन गुमला जाकर, एसपी गुमला से इसका विरोध करेंगे और डीएसपी से मिलकर आगे की रणनीति पर विचार करें और उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि पूरा डीएसपी संघ उनके साथ है। वहीं एक और डीएसपी ने लिखा है कि डीएसपी प्राण रंजन से एसोसिएशन आवेदन लेकर शिकायत संख्या दर्ज करे।ऐसे अधिकारियों को माफी मांगने पर बातें करनी चाहिए और जरूरी हो तो पूरी बातों को लेकर मीडिया के सामने भी जाना चाहिए।
इधर झारखण्ड न्यूज के रिपोर्टर ने जब एसपी और डीएसपी को फोन लगाया तो किसी ने फोन नहीं उठाया।दोनों अधिकारी की ओर से इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं मिल पाया है।
पुलिस महकमे में खलबली
वहीं दूसरी तरफ गुमला एसपी और डीएसपी के बीच हुई भिड़ंत को लेकर पुलिस मुख्यालय के कान भी खड़े हो गए हैं।वरीय पुलिस अधिकारियों की तरफ से पूरे मामले में रिपोर्ट ली जा रही है। मामले को लेकर भले ही कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा हो लेकिन ईटीवी भारत के पास पर्याप्त सबूत हैं जिनसे यह साफ पता चलता है कि रविवार की शाम गुमला एसपी और डीएसपी के बीच जमकर कहासुनी तू तू मैं मैं हुई है इस दौरान गोपनीय कार्यालय की कुर्सी तक टूट गई. वहीं भिड़ंत के बाद डीएसपी मेडिकल जांच कराने अस्पताल भी गए थे।
इधर सोमवार को दिन के तीन बजे एसपी व डीएसपी ने संयुक्त रूप से एसपी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस किया. जहां दोनों अधिकारियों ने रात में किसी प्रकार के विवाद होने की बात से इनकार किया है. एसपी ने कहा कि रविवार की रात को डीएसपी से मेरी कोई मुलाकात और बात नहीं है. रात को कुछ नहीं हुआ है. वहीं, डीएसपी ने कहा कि एसपी से कोई विवाद नहीं हुआ है. हमलोग कल रात को मिले ही नहीं हैं. चोट व अस्पताल जाने के संबंध में कहा कि मैं गिर गया था. जिस कारण चोट लगी है. इसलिए मैं अस्पताल गया था. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने किसी प्रकार का सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।