Jharkhand:अब आदिवासियों का जीवनभर के लिए बनेगा जाति प्रमाण पत्र,बार-बार जाति प्रमाण पत्र बनाने से मिला छुटकारा,टीएसी की बैठक में कई निर्णय लिए गए
राँची।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की बैठक में कई फैसले लिए हैं।जिसमें झारखण्ड में अवैध तरीके से हुए जनजातीय जमीनों के हस्तांतरण को लेकर एक उप समिति बनाने का फैसला लिया है।इस निर्णय इसके अलावा बैठक में जनजातीय समाज के धर्म, संस्कृति, जाति प्रमाण पत्र लेकर भी बड़े फैसले लिये गये। टीएससी की बैठक में सोमवार को जनजातीय समाज के आर्थिक,सामाजिक, शैक्षणिक बातों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।चर्चा में करीब 10 एजेंडों पर फैसला हुआ।वहीं बैठक में भाजपा विधायक शामिल नहीं हुए थे।
किन-किन एजेंडे पर हुई चर्चा, क्या बनी सहमति
●अवैध तरीके से एसटी जमीनों का हस्तांतरण पर विस्तृत चर्चा हुई।इसे लेकर एक उपसमिति भी बनायी गयी है।उप समिति में स्टीफन मरांडी, चमरा लिंडा, दीपक बिरूआ, भूषण बाड़ा, बंधु तिर्की शामिल हैं।अवैध हस्तांतरण की गहराई से जानकारी लेने और कम समय में अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
●झारखण्ड में अब आदिवासियों का जीवनभर के लिए बनेगा जाति प्रमाण पत्र।यानी अब बार-बार जाति प्रमाण पत्र बनाने से मिला छुटकारा।
●सरना धर्म कोड को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई. यह सहमति बनी कि राज्यपाल के जरिये सरकार अब अपनी बात को पहुंचाने का काम करेगी. यानी राज्यपाल के माध्यम से अब सरकार सरना धर्म कोड को आगे बढ़ाएगी, ताकि आदिवासी को अपनी पहचान मिल सके।
●मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित TAC के सदस्य सरना धर्म कोड पर राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
●शहीदों,झारखण्डी आंदोलनकारियों या आंदोलन में शहीद हुए लोगों के आश्रितों को नियुक्ति देने पर सहमति बनी।
●जमशेदपुर में ट्राइबल यूनिवर्सिटी के लिए जमीन चिह्नित करने की भी सहमति बनी।
●उद्योगों में जनजातीय समाज के लोगों की भागीदारी कैसे हो, ताकि इनका सामाजिक, आर्थिक, शिक्षा में इनका विकास हो, इसपर विस्तृत चर्चा हुई।
●मानव तस्करी विशेषकर जनजातीय महिलाओं की तस्करी पर चिंता भी बैठक में चर्चा हुई।चंपई सोरेन ने कहा कि अब तस्करी को रोकने के लिए कानून बनाने का फैसला हुआ. ताकि मानव तस्करी में शामिल लोगों या एनजीओ या संगठन पर कानूनी कार्रवाई हो सके।
●जनजातीय भाषाओं को प्राइमरी स्तर पर पढ़ाई हो, इसके लिए शिक्षक बहाल कर दुरुस्त करने का निर्णय लिया गया. चंपई सोरेन ने कहा कि जनजातीय संस्कृति, भाषा को संरक्षित रखने के लिए यह एक महत्ती कदम साबित होगा।
●जेलों में सजा काट चुके या अपनी बात को सही तरीके से नहीं रखने वाले आदिवादी समाज के कैदियों की हेमंत सरकार अब मदद करेगी।न्यायालय में अधिवक्ता या खुद अपनी बातों को नहीं रखने वाले आदिवासियों को मदद करना इसमें शामिल हैं।
●आदिवासी समाज के धार्मिक स्थलो को बचाने और उसे मान्यता देने का टीएससी की बैठक में निर्णय लिया. सहमति बनी कि कैसे सरना स्थलों जहां बरसों से पूजा हो रहे हैं, लेकिन उसका नाम खतियान में दर्ज नहीं हैं। उसे लेकर सहमति बनी कि राज्य गठन के बाद बने सरना धर्म स्थल को मान्यता दिया जाएगा. ऐसे स्थलों को अब ग्राम सभी के माध्यम से मान्यता दी जाएगी।