झारखण्ड:हेमंत सोरेन को कोर्ट में किया गया पेश,भेजा गया जेल,2 फरवरी को होगी रिमांड पर सुनवाई…

राँची।झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आज गुरुवार को ईडी ने अदालत में पेश किया।ईडी ने कोर्ट से हेमंत सोरेन की 10 दिनों रिमांड मांगी है।इसको लेकर अदालत में सुनवाई हुई।सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है।रिमांड पर कल यानी शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। सीएम हेमंत सोरेन को न्यायिक अभिरक्षा में राँची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया। हेमंत सोरेन के रिमांड पर सुनवाई 2 फरवरी को होगी।

बता दें कि 31 जनवरी को दिनभर पूछताछ की और देर शाम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। ऐसा माना जा रहा था कि प्रवर्तन निदेशालय हेमंत सोरेन को रात में ही कोर्ट में पेश करेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।हेमंत सोरेन को गुरुवार दोपहर बजे कोर्ट में पेश किया गया।उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा हेमंत सोरेन की रिमांड मांगी कोर्ट से की जाएगी।हालांकि हेमंत सोरेन की तरफ से इस बात का विरोध किया गया और यह कहा गया कि उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया है।लेकिन इस पक्ष को प्रवर्तन निदेशालय की कोर्ट ने नहीं माना और हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया है।

https://youtu.be/aSTfRLvGYWI?si=2cSyp96QOjaglefd

इससे पहले बुधवार देर शाम सीएम हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही चंपई सोरेन ने विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा।

सरकार बनाने के दावे के साथ चंपई सोरेन ने फिर एक बार पत्र लिखकर राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा है।जिसके बाद राजभवन से 5:30 बजे का समय मिला है।हालांकि, चंपई सोरेन ने साढ़े तीन बजे का समय मांगा था।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राजभवन के लिए चंपई सोरेन के साथ चार और विधायक साथ जाएंगे।इनमें महागठबंधन के सभी पार्टियों के विधायक प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे।जानकारी के मुताबिक, चंपई सोरेन के साथ कांग्रेस से आलमगीर आलम और प्रदीप यादव, राजद से सत्यानंद भोक्ता साथ होंगे।वहीं माले विधायक विनोद सिंह के भी साथ जाने की खबर है।इस तरह कुल पांच नेता राजभवन जाएंगे।

बहुमत के लिए जिस नंबर की जरूरत है, वह नंबर महागठबंधन के पास है।बहुमत के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है, इसमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और आरजेडी के 1 विधायकों के साथ महागठबंधन के विधायकों की संख्या 47 हो जाती है। वहीं माले के एकमात्र विधायक का भी समर्थन महागठबंधन के साथ है। ऐसे में महागठबंधन के पास कुल 48 विधायकों का समर्थन है।गांडेय सीट खाली होने के बाद भी यह आंकड़ा 47 पहुंचता है।ऐसे में महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए जो नंबर चाहिए वह उनके पास हैं।

error: Content is protected !!