झारखण्ड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने चाईबासा में अधिकारियों के साथ नक्सली गतिविधियों पर की समीक्षा बैठक….

 

 

चाईबासा। झारखण्ड के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता रविवार को चाईबासा दौरे पर पहुंचे। हेलीकॉप्टर से चाईबासा के टाटा कॉलेज ग्राउंड स्थित हेलीपैड पर पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जिसके बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने जिला समाहरणालय चाईबासा के पुलिस कार्यालय स्थित सभागार में समीक्षा बैठक की। जिसमें नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान,आत्मसमर्पण नीति पर चर्चा की गई।डीजीपी ने पुलिसिंग व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद वे सभागार में आम जनता से जुड़ी समस्याओं जैसे अवैध शराब, हवाई डब्बा जुआ,गांव में एंबुलेंस की समस्या के अलावा कई अन्य समस्याओं से रूबरू हुए।

समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि हमारे राज्य में 95 प्रतिशत नक्सल समस्या समाप्त हो चुकी है। शेष 5 प्रतिशत नक्सल समस्या को लेकर पुलिस अभियान चला रही है। हमारा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द झारखण्ड राज्य को नक्सल मुक्त बनाया जाए।उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ और अन्य पुलिस कर्मियों की समस्या पर चर्चा की गई।इस बैठक में एसएचओ से लेकर डीसी और अन्य अधिकारी मौजूद थे। उनके द्वारा दिए गए फील्ड अनुभव साझा किए गए हैं।उनसे प्राप्त इनपुट की समीक्षा की जाएगी।

 

डीजीपी अनुराग गुप्ता की अध्यक्षता में पुलिस महानिरीक्षक सी०आर०पी०एफ० झारखण्ड सेक्टर, पुलिस महानिरीक्षक, द०छो० प्रक्षेत्र राँची,पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) झारखण्ड राँची, पुलिस उप-महानिरीक्षक, सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र चाईबासा, पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) सी०आर०पी०एफ० चाईबासा, पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा एवं समादेष्टा सी०आर०पी०एफ० 134/197/174/ कोबरा बटालियन 209 की उपस्थिति में चाईबासा जिला अन्तर्गत नक्सल परिदृश्य से संबंधित बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में वामपंथी उग्रवाद के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु व्यापक रूप से समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में भा०क०पा० (माओवादी) के विरूद्ध कारगर अभियान एवं भविष्य के कार्ययोजना तथा माओवादी घटनाओं की रोकथाम हेतु निम्नांकित सख्त निर्देश दिये।

1.आम नागरिकों के शिकायतों का त्वरित एवं प्रभावकारी ढंग से निराकरण करने एवं पुलिस और नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय हेतु मुण्डा, मानकी, पत्रकार एवं ग्रामीणों से सम्पर्क स्थापित कर आम जनताओं की परेशानियों को सुनने एवं त्वरित कार्रवाई करने हेतु सभी थाना प्रभारी / अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आवश्यक कार्रवाई करें तथा आम जनता के लिये पुलिस सर्वसुलभ रहे इसका विशेष ध्यान रखा जाय साथ ही आम जनता से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।

2.लम्बे समय से एक स्थान पर पदस्थापित मुंशी, गार्ड तथा पुलिस निरीक्षक / अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के प्रवाचक / अंगरक्षक को स्थानांतरित किया जाय।

3.नक्सलियों की गतिविधि पर अंकुश लगाने हेतु नक्सलियों को आवश्यक सामाग्री एवं सहयोग कराने वाले एवं आपूर्तिकर्ता को चिन्हित करते हुए उनपर विधि-सम्मत् आवश्यक कार्रवाई की जाय।

4.सभी थाना प्रभारी / अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नक्सल दस्ता के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं डॉक्यूमेंटेशन करते हुए अपने सभी अधिनस्थ पुलिस पदाधिकारी / कर्मियों को अवगत करायेंगे एवं अपने स्तर से “Know your Enemy एवं Know your Friends” के सिद्धांत का पालन करते हुए नक्सली समर्थक, पुलिस के समर्थक एवं अन्य प्रकार के समर्थक को वर्गीकृत कर अपेक्षित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।

5.पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा जिलन्तर्गत नक्सल हिंसा में मृत आम नागरिकों के आश्रितों को समुचित मुआवजा प्रदान करने हेतु झारखण्ड सरकार की पुनर्वास योजना के अन्तर्गत लाभ उपलब्ध कराने हेतु तत्परता से कार्य करने और सभी लंबित मामलों को प्राथमिकता पर निष्पादित कराने हेतु सभी थाना प्रभारी / अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वांछित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

6.सभी थाना प्रभारी / अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के दुर्दात नक्सल दस्ता को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध पुरस्कार उद्घोषणा से संबंधीत कार्य प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें।

7.सभी महत्वपूर्ण काण्डों का अनुसंधान थाना प्रभारी स्वयं ग्रहण करेंगे। इसका अनुपालन नहीं किये जाने पर संबंधित थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।

8.घोर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करते हुए साथ ही घोर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए डिजिटल/ऑडियों विजिबल (एल०ई०डी० स्क्रीन) / प्रोजेक्टर इत्यादि का उपयोग करते हुए वृहत स्तर पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित की जाय।

9.नक्सलियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान और सरेंडर पॉलिसी को और प्रभावी बनाते हुए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने हेतु साकारात्मक प्रयास सुनिश्चित किया जाय।

इस बैठक में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड रॉची के साथ साकेत कुमार सिंह पुलिस महानिरीक्षक सी०आ०पी०एफ० झारखण्ड सेक्टर, अखिलेश झा पुलिस महानिरीक्षक द०छो० प्रक्षेत्र राँची,अमोल विनुकांत होगकर पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) झारखण्ड राँची, इन्द्रजीत महथा पुलिस उप-महानिरीक्षक, झारखण्ड जगुआर (एस०टी०एफ०). झारखण्ड रॉची, कार्तिक एस० पुलिस उप-महानिरीक्षक विशेष शाखा झारखण्ड रॉची,मनोज रतन चौथे पुलिस उप महानिरीक्षक सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र, चाईबासा, जयदीप केशरी पुलिस उप-महानिरीक्षक सी०आर०पी०एफ० जमशेदपुर अतिरिक्त प्रभार पुलिस उप-महानिरीक्षक (परिचालन) सी०आर०पी०एफ० चाईबासा, सहित सी०आर०पी०एफ० के सभी समादेष्टा, अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) चाईबासा, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी भौतिक रूप से उपस्थित रहे।