करीब 24 घंटे बाद झारखण्ड-बंगाल बॉर्डर खोला गया,वाहनों का बंगाल में प्रवेश शुरू…

धनबाद/निरसा।पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने अपनी हठ छोड़ी और करीब 24 घंटे बाद शुक्रवार की शाम 6:30 बजे झारखण्ड-बंगाल बॉर्डर खोला गया। इसके बाद सीमा पर खड़े वाहनों ने बंगाल में प्रवेश करना शुरू किया है।मालूम हो कि बंगाल सरकार के निर्देश पर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा झारखण्ड से जाने वाले वाहनों पर रोक लगा दी गयी थी, उसके जबाब में भाकपा माले नेता अरूप चटर्जी के समर्थकों द्वारा भी पश्चिम बंगाल के वाहनों को झारखण्ड में आने से रोक दिया। इसमें वाहन चालक भी माले समर्थकों को समर्थन में खड़े हो गये थे।इस कारण पश्चिम बंगाल में भी सड़क जाम हो गयी और वाहनों की लंबी कतारें लग गयी। इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार को समझ में आया कि जैसे को तैसा हो गया।इसके बाद पश्चिम बंगाल ने अपनी सीमा खोल दी।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में आयी बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डीवीसी को जिम्मेदार ठहराते हुए झारखण्ड-बंगाल सीमा पर वाहनों की आवाजाही को अगले तीन दिनों तक रोक देने की बात कही थी। इसकी वजह से धनबाद के निरसा और राँची से सटे पुरुलिया बॉर्डर पर और बहरागोड़ा बॉर्डर पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर पोस्ट कर इस कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने झारखण्ड सरकार पर भी सवाल उठाया। कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुप क्यों हैं? बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जब ज्यादा बारिश होती है, तो झारखण्ड को पानी छोड़ना ही पड़ता है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है।इसे लेकर वाहनों को रोका जाना कहीं से भी जायज नहीं है।

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