चर्चित हत्याकांड मामले में सीआईडी आईजी ने तत्कालीन एटीएस डीएसपी की जांच में गड़बड़ी पाया, डीएसपी पर होगी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा !

 

राँची।कांग्रेस की बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के विधायक प्रतिनिधि बितका बाउरी की हत्या से जुड़े मामले की जांच करने वाले तत्कालीन डीएसपी नीरज कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।सीआईडी ​​जांच में डीएसपी के खिलाफ जांच को लेकर कई अनियमितताएं पाई गई हैं।सीआईडी द्वारा मामले की समीक्षा के दौरान सौंपी गई जांच रिपोर्ट से इसका पता चला है।

गौरतलब है कि हत्याकांड में निर्दोष लोगों को फंसाकर जेल भेजने वाले तीन सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को डीजीपी अजय कुमार सिंह पहले ही निलंबित कर चुके हैं।अब इस मामले के पर्यवेक्षण की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि डीएसपी नीरज कुमार ने मामले के पर्यवेक्षण में कई गलतियां की हैं, जबकि उनके क्रियाकलापों को घोर लापरवाही वाला बताया गया है।

सीआईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीआईडी ​​आईजी सुदर्शन कुमार मंडल ने एटीएस डीएसपी नीरज कुमार की पर्यवेक्षण रिपोर्ट की समीक्षा की थी, उनके द्वारा जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि डीएसपी ने जांच और पर्यवेक्षण के दौरान तथ्यों और साक्ष्यों की अनदेखी की है।इस मामले में आरोपी विक्की सिंह समेत 13 आरोपियों के बारे में लिखा गया कि इन सभी के खिलाफ रामगढ़ और हजारीबाग के अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं, डीएसपी ने यह भी कहा कि इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, लेकिन समीक्षा के दौरान पाया गया कि इन युवकों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं है, बल्कि सभी मामले अज्ञात अपराधियों के खिलाफ दर्ज हैं।

इस मामले में गिरफ्तार बादल लोहरा, गोविंद कुमार, अजीत मुंडा, इरफान, सुभाष कुमार सिंह उर्फ ​​बाघा के आपराधिक चरित्र की बात की गई। लेकिन इनके खिलाफ कोई मामला नहीं पाया गया।साथ ही पर्यवेक्षण में यह भी दर्ज नहीं किया गया कि अगर ये अपराधी हैं, तो किस गिरोह से जुड़े थे।

मृतक की पत्नी के बयान में जिनका नाम आया, उन्हें क्लीन चिट

सीआईडी ​​ने अपनी जांच में पाया है कि पर्यवेक्षी अधिकारी ने उन सभी लोगों को क्लीन चिट दे दी है, जिन पर मृतक बितका बाउरी की पत्नी सपना देवी ने हत्या का आरोप लगाया है।उन्होंने अपनी टिप्पणी में भोला पांडेय गिरोह के 18 लोगों की भूमिका की पुष्टि की है।

वहीं पर्यवेक्षण रिपोर्ट में विरोधाभासी बातें लिखी गई हैं। पर्यवेक्षी पदाधिकारी ने गिरफ्तार अभियुक्तों के स्वीकारोक्ति बयानों का सत्यापन करने तथा साक्ष्य संकलन करने का निर्देश अनुसंधान पदाधिकारी को नहीं दिया।डीएसपी नीरज कुमार ने भी अज्ञात अपराधियों की भूमिका की जांच करने का आदेश कांड के अनुसंधान पदाधिकारी को नहीं दिया।