राजधानी राँची में असम के सीएम का खुद को करीबी बता नौकरी दिलाने के नाम पर 15 लाख ठगे, दूसरे ने मोबाइल कारोबारी बता आठ लाख की ठगी की
-दोनों मामलों में पीड़ितों ने जगन्नाथपुर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी, पुलिस कर रही है मामले की छानबीन
राँची।राजधानी राँची में ठगी का धंधा बढ़ता जा रहा है। कभी नकली खिलौने वाला हथियार दिखा लाखों की ठगी कर ली जाती है, तो कभी कोई खुद को पहुंच वाला बता नौकरी दिलाने के नाम लाखों रुपए ठग लेता है। इस बार असम के मुख्यमंत्री का खुद को करीबी बता नौकरी दिलाने के नाम पर 15.30 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में ठगी के शिकार लटमा सिंह मोड़ हटिया निवासी मधेश्वर कुमार ने सात के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी में जिन्हें नामजद आरोपी बनाया गया है उनमें शिव शंकर, विक्रम, विक्रांत, रिची कुमारी, संदीप सिंह, राहुल और विकास शामिल है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार ठगी का शिकार मधेश्वर कुमार मोबाइल बनाने का काम करता है। मोबाइल बनाने के दौरान ही उसका परिचय लटमा निवासी मंगल सिंह उर्फ शिवशंकर से हुई। शिवशंकर सिंह लटमा में किराए के मकान में रहता है और रेलवे में कार्यरत है। दोनों में मोबाइल बनवाने के दौरान धीरे धीरे परिचय बढ़ता चला गया। एक दिन उसने पूछा कि तुम कितने पढ़ने लिखे हो। मधेश्वर ने बताया कि वह स्नातक पास है। इसपर उसने बताया कि विक्रम जो उसका साथी है वह असम में विधायक के लिए चुनाव में खड़ा हो चुका है। उसका काफी जान पहचान है। उसने बताया कि विक्रम के पिता संदीप सिंह उर्फ नेता जी का असम के मुख्यमंत्री से घनिष्ठ मित्रता है। यह भी बताया कि विक्रम नालंदा बिहार का रहने वाला है और उसका काँटी बनाने का फैक्ट्री भी है। फिर उसकी सरकारी नौकरी लगवाने की बात कह शिवशंकर ने मधेश्वर को झांसे में ले लिया।
नौकरी की लालच में आकर देते चला गया पैसा
नौकरी की लालच में आकर मधेश्वर उसकी बातों में आ गया। शिवशंकर उससे नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ठगना शुरू कर दिया। पैसे के साथ कभी वह 10वीं का तो कभी 12वीं का तो कभी स्नातक का मार्कशीट मांगे। जब भी मधेश्वर उसे विक्रम से मिलाने के लिए कहता वह कुछ ना कुछ बहाना कह टाल देता। नौकरी दिलाने के नाम पर उसने धीरे धीरे 2021 से 2022 के दौरान 15.30 लाख रुपए ठग लिए। मधेश्वर ने पैसे न सिर्फ शिवशंकर को बल्कि विक्रम और उसके भाई विक्रांत के खाते में ट्रांसफर किए। जब वे वह रांची आता उससे पैसे ठगी कर जाता। पैसा ठगने के बाद सभी लोग भाग निकले। इस पूरे ठगी में और भी कुछ लोग थे, जिनका नाम मधेश्वर ने दर्ज प्राथमिकी में दी है। पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है।
इधर, मोबाइल का कारोबार बता, आठ लाख का मोबाइल लेकर फरार
जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में ही सेक्टर टू धुर्वा निवासी प्रमोद कुमार से 8 लाख रुपए की ठगी हुई है। इस संबंध में प्रमोद कुमार ने जगन्नाथपुर थाना में आरोपी अमन कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार प्रमोद कुमार की एक मोबाइल की दुकान है। टंकी साइड धुर्वा में रहने वाला अमन उनके पास मोबाइल खरीदने आया। उसने कहा कि वह भी मोबाइल खरीद बिक्री करता है। मोबाइल खरीद बिक्री के दौरान दो नो की जान पहचान बढ़ती चली गई। अमन ने प्रमोद से करीब आठ लाख रुपए के मोबाइल ले लिए। लेकिन पैसा उधार लगाता चला गया। जब प्रमोद ने उससे अपने पैसे मांगे तो वह टाल मटोल करने लगा। फिर देने से इनकार कर दिया। जब प्रमोद ने अमन के बारे में पता लगाया तो जानकारी मिली की बाजार में वह कई लोगो से झूठ बोल पैसे की ठगी कर चुका है? इसके बाद प्रमोद ने उसके विरुद्ध जालसाजी का मामला जगन्नाथपुर थाने में दर्ज कराया। पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है।