कोरोना संकट में PM की ‘मन की बात’, मरीज ने बताई जल्द ठीक होने की वजह।
कोरोना वायरस के बढते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने बहुत खतरनाक है। कोरोना वायरस लोगों की धैर्य और दुख सहने की परीक्षा ले रहा है. यह समय हौसले से लड़ाई लड़ने का है. पूरी ताकत के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है.
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री मोदी आज ‘मन की बात’ कर रहे हैं। मन की बात 2.0 का ये 23वां एपिसोड है और मन की बात का कुल 76वां संस्करण है।पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने देश को झकझोर दिया है।उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस देश के लोगों के धैर्य और दुख सहने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि कई लोगों ने असमय अपनों को खोया है।यह समय हौसले से लड़ाई लड़ने का है. पीएम मोदी ने राज्य की सरकारें भी दायित्व निभाने में जुटे हुए हैं. पूरी ताकत के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि अपना भी ध्यान रखिए और अपने परिवार का ध्यान रखिए।
सिर्फ विशेषज्ञों की बात मानें- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि सिर्फ विशेषज्ञों की बात मानें. डॉक्टरों की बात मानें और जरूरी उपाय अपनाए. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि वैक्सीन की अहमियत के बारे में सभी को पता है. वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान ना दें. वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर सभी योग्य लोग वैक्सीन लगवाएं.
सिस्टर भावना ध्रुव से पीएम की बात
रायपुर के एक अस्पताल की सिस्टर भावन ध्रुव से पीएम मोदी ने बात की. ध्रुव ने बताया कि कोविड ड्यूटी लगने के बाद मेरे परिवार वाले डर गए थे. मैं कोविड मरीजों से मिली. वो लोग कोरोना से ज्यादा घबराए हुए थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे क्या करेंगे. हमने उन्हें एक अच्छा माहौल दिया. ध्रुव ने बताया कि पीपीई किट पहनने के बाद काफी दिक्कत होती है.
फ्रंटलाइन वर्कर्स की पीएम ने की तारीफ
पीएम मोदी ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की तारीफ की. उन्होंने कहा कि लैब टेक्निशियन और एंबुलेंस ड्राइवर बड़े रिस्क लेकर काम कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने प्रेम वर्मा नाम के एक एंबुलेंस ड्राइवर से बात की. उन्होंने उनसे अपना निजी अनुभव पूछा और उनकी तारीफ की. सभी से वैक्सीन लगवाने की अपील
पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम के अंत में महावीर जयंती की शुभकामनाएं दी और सभी से कोरोना वैक्सीन लगवाने की आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा कि दवाई भी कड़ाई भी इस मंत्र को कभी नहीं भूलना है. इस आपदा से हम जल्द बाहर आएंगे. हम मिलकर इस जंग को जीतेंगे.
आपको बता दें कि बीते शनिवार को पंचायती राज दिवस के एक प्रोग्राम में बोलते हुए भी प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना के हालातों पर अपने विचार रखे, प्रधानमंत्री ने कहा ”एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस के लिए मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था. तब मैंने आप सभी से आग्रह किया था कि आप कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं. आप सभी ने बड़ी कुशलता से, ना सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई. इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वो चुनौती पहले से जरा ज्यादा है कि गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश के अलग-अलग कोने में इस चुनौतीपूर्ण समय में भी स्वयं सेवी संगठन आगे आकर दूसरों की मदद के लिए जो भी कर सकते हैं वो करने का प्रयास कर रहे हैं. इस बार, गांवों में भी नई जागरूकता देखी जा रही है. कोविड नियमों का सख्ती से पालन करते हुए लोग अपने गाँव की कोरोना से रक्षा कर रहे हैं, जो लोग, बाहर से आ रहे हैं उनके लिए सही व्यवस्थायें भी बनाई जा रही हैं.
वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर्स से बात की. डॉ. शशांक ने बताया कि लोग देरी से कोरोना का इलाज शुरू करते हैं. भारत में इलाज के बेस्ट प्रोटोकॉल मौजूद हैं और लोग ठीक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के म्यूटेंट से घबराने की जरूरत नहीं है. यह कोरोना जितनी तेजी से फैल रहा है, लोग उतनी ही तेजी से ठीक भी हो रहे हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि वैक्सीन की अहमियत के बारे में सभी को पता है. वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान ना दें. वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर सभी योग्य लोग वैक्सीन लगवाएं.
इसी के साथ पीएम मोदी ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की तारीफ की. उन्होंने कहा कि लैब टेक्निशियन और एंबुलेंस ड्राइवर बड़े रिस्क लेकर काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने प्रेम वर्मा नाम के एक एंबुलेंस ड्राइवर से बात की. उन्होंने उनसे अपना निजी अनुभव पूछा और उनकी तारीफ की.
एक तरफ देश, दिन-रात अस्पतालों, वेंटिलेटर्स और दवाईयों के लिए काम कर रहा है, तो दूसरी ओर, देशवासी भी, जी-जान से कोरोना की चुनौती का मुकाबला कर रहें है. ये भावना हमें कितनी ताकत देती है, कितना विश्वास देती है. ये जो भी प्रयास हो रहे हैं, समाज की बहुत बड़ी सेवा है. ये समाज की शक्ति बढ़ाते हैं
कोरोना को मात देने वाली प्रीति चतुर्वेदी ने कहा कि घबराना तो बिलकुल नहीं है. बहुत मेंटली स्टॉंग रहना है. इसके लिए मुझे योगा ने बहुत ज्यादा मदद की. सांस से जुड़े व्यायाम करती थी. मैंने बहुत सारा लिक्वीड लिया. स्टीम के साथ-साथ गार्गल किया और गर्म पानी लिया. मैंने दिन भर में इन सब चीज़ों को ही अपने जीवन में रोज लेती आई. इसी के साथ मैंने मेडीकेशन किया. योगा, आयुर्वेदिक चीजों के साथ-साथ काढ़ा भी लेना शुरू कर दिया था. काढ़ा अभी भी ले रही हूं और अपनी इम्यू