झारखण्ड बंद का में असर,राजधानी के प्रमुख प्रतिष्ठानों पर लटके ताले, पुलिस छावनी में तब्दील सिरमटोली चौक…
राँची।राजधानी राँची के सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप के निर्माण के विरोध और अन्य मुद्दों पर आहूत झारखण्ड बंद का राँची में व्यापक असर देखने को मिला।राँची के अधिकांश प्रमुख प्रतिष्ठान और दुकानों में ताले लटके पड़े हैं। राजधानी राँची में एक दर्जन से अधिक जगहों पर बंद समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया है।
आदिवासी बचाओ मोर्चा और केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा ने राँची के सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप के निर्माण के विरोध और आदिवासी अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर आज झारखण्ड बंद का ऐलान किया था।
बंद को सफल बनाने के लिए राजधानी राँची के कई इलाकों में बंद समर्थकों ने सड़कें जाम कर दी हैं।वहीं, बंद के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या हिंसा को रोकने के लिए राँची पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
इधर राँची के सभी संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है।हालांकि, एहतियात के तौर पर दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं।राँची के अल्बर्ट एक्का चौक से लेकर सुजाता चौक तक सभी बड़े प्रतिष्ठानों पर ताले लटके हुए हैं। बंद समर्थकों ने आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा है, इसलिए दवा दुकानों समेत आवश्यक सेवाएं देने वाले प्रतिष्ठान पहले की तरह खुले नजर आए।
केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा और आदिवासी बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में बुधवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों के लोग सड़कों पर उतरे। बंद समर्थकों ने विभिन्न चौक-चौराहों को जाम कर दिया और प्रदर्शन किया।इस दौरान गीताश्री उरांव सहित कई बंद समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लेकर खेलगांव स्थित कैंप जेल भेज दिया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
बंद समर्थकों ने सरकार के संसाधन का प्रयोग भी कर लिया। हिनू चौक तथा बहू बाजार के आगे रोड ब्लॉक करने के लिए स्लाइड बैरियर जिसमें राँची पुलिस व राँची नगर निगम लिखा था, उसका इस्तेमाल किया। इधर, बंद की वजह से मेन रोड, अलबर्ट एक्का चौक, अरगोड़ा, करमटोली, सिरमटोली, क्लब रोड व कडरू सहित अन्य इलाकों में दुकानें व प्रतिष्ठान बंद रहे।बंद की वजह से सड़कों पर कम वाहन चले। बंद को देखते हुए राजधानी में सुरक्षा के लिए 1500 जवानों को तैनात किया गया था। बंद समर्थकों पर ड्रोन से नजर रखी जा रही थी। साथ ही जिला प्रशासन की ओर वीडियोग्राफी भी करायी जा रही थी।राजधानी में सिटी एसपी तथा ग्रामीण इलाके में ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर के अलावा ओवरऑल मॉनिटरिंग एसएसपी चंदन सिन्हा कर रहे थे।
सरना झंडा और बैनर के साथ बंद समर्थकों ने सिरमटोली चौक को जाम कर दिया था।समर्थक इस दौरान सिरमटोली सरना स्थल के समक्ष से रैंप हटाना होगा…के नारे लगा रहे थे। वहीं, पुलिस-प्रशासन की ओर से चौक से सरना स्थल की तरफ जानेवाले रास्ते के आधे हिस्से में बैरिकेडिंग की गयी थी।स्टेशन रोड, योगदा मठ और क्लब रोड सुजाता चौक की ओर जानेवाले रास्ते बंद थे।इस दौरान कई बार लोगों और बंद समर्थकों के बीच बकझक हुई।एंबुलेंस और मरीजों को जाने दिया जा रहा था।
बहू बाजार चौक पर बांस व रस्सी लगाकर सड़क को चारों ओर जाम कर दिया गया था। बहू बाजार से मुंडा चौक, चुटिया जाने वाले रास्ते तथा बहू बाजार से कांटाटोली की ओर आने वाले रास्ते को बांस, रस्सी, दोपहिया व मानव शृंखला बना कर जाम किया गया था।इस दौरान स्कॉर्पियो पर सवार महिलाओं से बंद समर्थक महिलाएं भिड़ गयीं. बाद में वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने किसी तरह शांत कराया।
कडरू महावीर मंदिर के पास भी लोगों ने रोड जाम किया।यहां दिन में साढ़े ग्यारह बजे से ही बंद समर्थक जमे हुए थे। दोपहर में बारिश के दौरान लोग तितर-बितर हो गये. लेकिन, बारिश थमते ही फिर से सड़क को जाम कर दिया।इस दौरान लोग ओल्ड एजी कॉलोनी के अंदर वाले रास्ते का प्रयोग कर आने-जाने की कोशिश कर रहे थे।इस वजह से कॉलोनी के अंदर भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. वहीं, कडरू ओवरब्रिज के पास भी भीड़ हो जा रही थी।
आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों ने करमटोली चौक से लेकर जेल चौक होते हुए अलबर्ट एक्का चौक तक बंद कराया।प्रदर्शन भी किया. देव कुमार धान, प्रेमशाही मुंडा, फूलचंद तिर्की, सूरज टोप्पो, निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा, बबलू मुंडा सहित अन्य लोग करमटोली चौक के पास एकत्र हुए, जहां से वे अलबर्ट एक्का चौक की ओर बढ़े। इस दौरान रास्ते में दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद कराया गया।अलबर्ट एक्का चौक पर लोग काफी देर तक नारेबाजी करते रहे।
आंदोलन को कुचलने की कोशिश : गीताश्री उरांव
पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार हमारे लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से ही इस आंदोलन से जुड़ी हूं।इससे सरकार को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जारी रहेगा।
रैंप हटाने तक जारी रहेगा आंदोलन : धान
देवकुमार धान ने कहा कि सरकार जब तक रैंप नहीं हटाती है, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। आदिवासी समन्वय समिति के लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि आदिवासी समुदाय हेमंत सोरेन सरकार की आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ है। बबलू मुंडा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले पांच सालों में आदिवासी समाज को गर्त में भेजने का काम किया है। निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा व प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि सरकार आदिवासियों के मुद्दों और मांगों को लेकर संवेदनशील नहीं है।
राजधानी राँची में बंद का सबसे ज्यादा असर सिरम टोली चौक पर दिख रहा है।सिरमटोली चौक को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।