अपने हक की लड़ाई लड़ रहे सहायक पुलिसकर्मियों पर सरकार की बेरहमी, 20 नामजद सहित 1 हजार पर एफआईआर दर्ज
राँची। अपनी सेवा को नियमित करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों के ऊपर मामला दर्ज हुआ है।आंदोलन कर रहे 2,350 सहायक पुलिसकर्मियों में से 1000 पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। इनमें से 20 लोगों को नामजद किया गया है. इससे पहले, सुबह एक बार फिर सरकार के प्रतिनिधियों के साथ इनकी वार्ता हुई, जो विफल रही. ये लोग अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन पर डटे हुए हैं।
पिछले तीन दिनों से राँची में डटे हैं सहायक पुलिसकर्मी
नक्सलियों से लड़ने के लिए तीन साल पहले बहाल किये गये 2,350 सहायक पुलिसकर्मी पिछले तीन दिनों से राँची में डटे हुए हैं.12 जिलों से आये ये सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में अपनी मांगों के समर्थन में डटे रहे. बीते 12 सितंबर की रात को राँची रेंज के डीआइजी अखिलेश झा,राँची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा और गृह सचिव राजीव अरुण एक्का के साथ उनकी वार्ता विफल हो गयी थी. इसके बाद कोई सरकारी अधिकारी उनसे बात करने नहीं आया. शनिवार को अधिकारियों ने आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों से कहा था कि क्षेत्र में धारा 144 लगा हुआ है, इसलिए मोरहाबादी मैदान को खाली कर दें. लेकिन, आंदोलनकारी इस बात पर अड़े रहे कि जब तक मुख्यमंत्री उनसे बात नहीं करेंगे, वह अपनी जगह से नहीं हिलेंगे।
2350 सहायक पुलिसकर्मियों की साल 2017 में नियुक्ति हुई थी
बता दें कि राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों से कुल 2350 सहायक पुलिसकर्मियों की साल 2017 में नियुक्ति हुई थी. सरकार द्वारा 10 हजार का मानदेय तय किया गया था. सहायक पुलिसकर्मी के पद पर बहाल हुए अभ्यर्थियों को तीन साल के बाद स्थायी करने की बात कही गयी थी. हालांकि 3 वर्ष पूरा होने के बाद भी किसी का स्थायीकरण नहीं किया गया है. यही वजह है कि राज्य भर के 2350 पुलिसकर्मी आंदोलन को उतारू हैं।