राजधानी राँची के रहने वाले इंजीनियर मनीष चौधरी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सकुशल बांग्लादेश से राँची लौट आए हैं….

 

राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची के रहने वाले इंजीनियर मनीष चौधरी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सकुशल बांग्लादेश से लौट आए हैं। राँची लौटने के बाद मनीष ने राहत की सांस ली है।मनीष चौधरी बांग्लादेश में एक निजी कंपनी के चल रहे प्रोजेक्ट में कार्यरत थे। मनीष चौधरी अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ अपने वतन भारत लौट आए है। बांग्लादेश से कोलकाता और फिर कोलकाता से राँची स्थित आवास पहुंच कर मनीष ने राहत की सांस ली है।मनीष सोमवार की देर रात राँची लौटे और वे अब बांग्लादेश से मिले तनाव की स्थिति से उबरने की कोशिश कर रहे है।मनीष की पत्नी भी भारत लौटने के बाद काफी खुश नजर आईं,स्वाति ने कहा कि राँची पहुंच कर अब उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।

मनीष चौधरी के अनुसार बांग्लादेश जब आंदोलन का दौर शुरू हुआ तब तक भी उनलोगों को कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई।जब शेख हसीना देश छोड़ कर चली गईं और हर तरफ हिंसा शुरू हो गयी तब उन्हें चिंता सताने लगी।मनीष के अनुसार वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बांग्लादेश के रंगपुर में पाकर मठ में रह रहे थे।पाकर मठ में किसी भी तरह का तनाव नहीं था और न ही कहीं प्रदर्शन हो रहा था। लेकिन भारतीय दूतावास से उन्हें यह निर्देश मिला था कि वे घर से न निकलें दूतावास के निर्देश के बाद वे लोग घर में ही कैद रहे। मनीष के अनुसार वे लोग भी बांग्लादेश के हालात की जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा ही जान रहे थे।क्योकि रंगपुर में हालात एकदम सामान्य थे।

मनीष चौधरी के अनुसार वे लोग लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में तो थे ही, साथ साथ झारखण्ड सरकार के भी संपर्क में थे।जब तक वे लोग राँची नहीं पहुंच गए तब उनकी पल-पल की जानकारी भारतीय दूतावास से और झारखण्ड सरकार के द्वारा ली जाती रही। पेशे से इंजीनियर मनीष चौधरी बांग्लादेश के रंगपुर में एक निजी कंपनी के प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।रंगपुर के ही पाकर मठ में वे अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहते थे।