टेंडर कमीशन घोटाला:संजीव लाल पर पीसी एक्ट में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ईडी करेगा सरकार को अनुशंसा, बन सकते है ईडी के गवाह..

 

–ग्रामीण विकास विभाग को चार साल में मिला 40 हजार करोड़ से अधिक का बजट, जिसके मंत्री रहे आलमगीर आलम, राशि कहा कहा कैसे खर्च हुआ पूरा विश्लेषण कर रहा है ईडी

राँची।टेंडर कमीशन घोटाला में मनी लाउंड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ग्रामीण विकास के मंत्री आलमगीर आलम, उनके आप्त सचिव (पीएस) रहे संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर से लगातार पूछताछ कर रहा है। अब तक की पूछताछ में यह साबित हो चुका है कि संजीव लाल के नौकर के फ्लैट से मिले 32.20 करोड़ रुपए मंत्री आलमगीर के कहने पर ही टेंडर कमीशन के वसूले गए। इसमें संजीव लाल ने अपनी अहम भूमिका निभाई। अब ईडी पूछताछ खत्म होने के बाद उनपर पीसी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सरकार को अनुशंसा करने की तैयारी में है।

ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के बाद संजीव लाल इस मामले में ईडी के गवाह भी बन सकते है। क्योंकि उन्हें पता है कि वे 32.20 करोड़ रुपए के मामले में सच्चाई नहीं बताते है तो उन्हें जेल में लंबे समय तक रहना पड़ सकता है। शनिवार को ईडी की विशेष कोर्ट ने संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम की रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ा दी थी। ईडी संजीव लाल और आलमगीर आलम को आमने सामने कर जब्त रुपए के बारे में भी सवाल कर चुका है। ईडी सूत्रों के अनुसार संजीव लाल के जबाव पर आलमगीर आलम रुपयों को संबंध में ईडी को कोई जवाब नहीं दे पा रहे है।

चार साल में 40 हजार करोड़ से अधिक का बजट ग्रामीण विकास विभाग को

झारखण्ड में सरकार बनने के बाद आलमगीर आलम को बड़ा बजट वाला विभाग शुरू से ही मिला। वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर वित्तीय वर्ष 2023-24 तक ग्रामीण विकास विभाग को 40 हजार करोड़ से अधिक का बजट मिला। इस दौरान कितने टेंडर हुए, कितने कार्य किए गए, कहां ,कहां पैसे खर्च हुए इन पूरे चार साल के बजट का भी विश्लेषण ईडी कर रहा है। ताकि यह जानकारी मिली सके कि टेंडर में कितने कमीशन की राशि वसूली गई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्रामीण विकास विभाग का कुल बजट 11,415 करोड़ का था। वहीं 2021-22 में कुल 11,246 करोड़, 2022-23 में कुल 12,711 और 2023-24 में कुल बजट 14,405 करोड़ रुपए का था।

तीन करोड़ रुपए पहुंचाने वाले सहायक अभियंता के संबंध में भी हुई पूछताछ

रविवार को भी ईडी ने आलमगीर और उनके पीएस रहे संजीव लाल से ईडी ने पूछताछ की। ईडी ने उस सहायक अभियंता के बारे में दोनों से सवाल जवाब किए। जिसने आलमगीर के 2022 में तीन करोड़ रुपए पहुंचाए थे। उस सहायक अभियंता को भी ईडी जल्द पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में है। संजीव लाल और जहांगीर आलम की रिमांड इस बार खत्म होगी तो उन्हें कोर्ट न्यायिक हिरासत में भेज देगा। क्योंकि उनकी अधिकतम रिमांड अवधि पूरी हो जाएगी। वहीं आलमगीर आलम की 6 दिन की रिमांड अवधि खत्म होने पर ईडी उनकी रिमांड फिर से बढ़ाने के लिए कोर्ट से आग्रह करेगा। ताकि उनसे पूछताछ पूरी हो सके।