ईडी ने कोर्ट को बताया जेएमएम नेता अंतू तिर्की अधिकारियों का ट्रांसफर पोस्टिंग भी कराता था,पाँचों आरोपियों को भेजा होटवार जेल….
–झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के प्रथम बैच के अधिकारी जितेंद्र मुंडा के स्थानांतरण के लिए सुप्रियो भट्टाचार्य से अनुशंसा की थी
–खूंटी के तत्कालीन डीसीएलआर को राँची के डीएलएओ राँची बनाने की की थी पैरवी
–रिमांड अवधि खत्म होने के बाद जेएमएम नेता अंतू तिर्की सहित पांचों आरोपियों को भेजा गया बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा
राँची।बड़गाई अंचल में हुए जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों जेएमएम नेता अंतू तिर्की सहित अन्य की रिमांड अवधि सोमवार को समाप्त हो गई। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पांचों को पीएमएलए की विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया। जहां से कोर्ट ने पांचों को न्यायिक हिरासत में होटवार स्थित बिरमा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया। जेल जाने वालों में अंतू तिर्की के अलावा बरियातू के मिल्लत कालोनी निवासी अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, टैगोर हिल रोड मोरहाबादी के सत्येंदु अपार्टमेंट निवासी विपिन सिंह, बैंक कालोनी कोकर निवासी प्रियरंजन सहाय व बरियातू के मिल्लत कालोनी निवासी इरशाद अख्तर शामिल हैं। ईडी ने पीएमएलए की विशेष अदालत को बताया कि चौकाने वाली जानकारी दी है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि अंतू तिर्की सरकारी अधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन में भी शामिल था। उसने इसमें राजनैतिक नेताओं की इसमें मदद भी ली है। ईडी की पूछताछ में उसने यह स्वीकार भी किया है और बताया है कि इसके बदले उसे कमीशन मिलता था। ईडी ने अंतू तिर्की के कुछ वाट्सएप चैट को भी निकाला है, जो यह साबित करता है कि वह ट्रांसफर पोस्टिंग के इस कार्य में लिप्त था। ईडी ने उसके वाट्सएप चैट का स्क्रीन शाट भी कोर्ट में प्रस्तुत किया है।
खूंटी के तत्कालीन डीसीएलआर को राँची के डीएलएओ राँची बनाने की की थी पैरवी
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि अंतू तिर्की और सुप्रियो भट्टाचार्य के बीच किए गए वाट्सएप चैट मिले है। जिसे ईडी ने कोर्ट के साथ भी साझा किए है। बताया है कि आठ जून 2021 को हुए इस वाट्सएप चैट में अंतू तिर्की ने झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के प्रथम बैच के अधिकारी जितेंद्र मुंडा के स्थानांतरण के लिए सुप्रियो भट्टाचार्य से अनुशंसा की थी। तब जितेंद्र मुंडा खूंटी के भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) थे। अंतू तिर्की ने उनकी पोस्टिंग जिला भू-अर्जन पदाधिकारी (डीएलएओ) राँची के पद पर करने की पैरवी की थी। आठ सितंबर 2021 के मैसेज में यह जिक्र था कि फाइल सीएम कार्यालय चला गया है। ईडी के अनुसार अंतू तिर्की जमीन के धंधे में शामिल था, इसलिए जिसकी पैरवी की थी, वह भू-राजस्व से ही संबंधित था।
ईडी ने कोर्ट को बताया पूछताछ के दौरान पांचों आरोपियों के विरुद्ध मिले है कई साक्ष्य
ईडी ने सोमवार को झामुमो नेता अंतू तिर्की सहित पांच आरोपियों को कोर्ट में प्रस्तुत करने के दौरान उनसे रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान मिले तथ्यों व सबूतों को भी प्रस्तुत किया है। ईडी ने बताया है कि राँची के सदर थाने में एक जून 2023 को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईसीआईआर दर्ज किया था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि सभी पांचों आरोपी एक दूसरे के सहयोग से सरकारी दस्तावेज में जालसाजी करने में संलिप्त थे। कई जाली दस्तावेज आरोपी अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन व अन्य के ठिकानों से मिले थे। अनुसंधान में ईडी को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे वाली बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे। कुछ दस्तावेज बड़गाईं अंचल के गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन से संबंधित भी मिले हैं, जो खाता नंबर 53, प्लाट नंबर 31, 32, 33, 35, 36, 38, 72 व 73 से संबंधित हैं। इस पूरे प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, विनोद सिंह, हिलेरियस कच्छप (अब मृत) व राजकुमार पाहन के विरुद्ध 30 मार्च को ईडी ने चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने सभी आरोपियों को आमने सामने बैठा कर पूछताछ की। सबने स्वीकारा कि हेमंत सोरेन से संबंधित 8.86 एकड़ व गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन के दस्तावेज में सबने मिलकर जालसाजी की। अंतू तिर्की ने बड़गाईं में कई भुइहरी जमीन को अवैध तरीके से सादा पट्टा पर अपने तथा अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर कब्जा किया। अंतू तिर्की फर्जी केस करने में भी शामिल था। इन लोगो ने छोटानागपुर टिनेंसी (सीएनटी) एक्ट व अन्य बिना बिक्री वाली जमीन को जनरल लैंड बनाकर उसकी खरीद-बिक्री की।