झारखण्ड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने किया ध्वजारोहण,कहा- झारखण्ड में नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर,राज्य पुलिस की उपलब्धियां गिनाई…

 

 

राँची।झारखण्ड पुलिस मुख्यालय में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने ध्वजारोहण किया ध्वजारोहण के बाद उन्होंने सम्बोधित करते हुए राज्य पुलिस की उपलब्धियां गिनाई।डीजीपी ने अपने संबोधन में कहा कि झारखण्ड से नक्सलवाद का लगभग खात्मा हो चुका है।बाकी बचे नक्सली जंगल में छुपे हुए हैं, उन्हें भी किसी कीमत पर बख्सा नहीं जाएगा। साइबर अपराध को लेकर भी डीजीपी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि झारखण्ड से साइबर अपराधियों को खत्म करके ही पुलिस दम लेगी। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने झारखण्ड पुलिस के सभी अफसर और कर्मियों को स्पष्ट कर दिया है कि वह पब्लिक फ्रेंडली बने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने के बाद पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखण्ड में नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर है। बचे हुए जो नक्सली हैं वह घने जंगलों में छुपकर अपनी जान बचा रहे हैं, लेकिन वहां भी केंद्रीय बलों के साथ झारखण्ड पुलिस के जवान उनकी तलाश में जुटे हुए हैं

डीजीपी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर करने के लिए जरूरी है कि पुलिस पूरी तरह से आम लोगों से दोस्ताना व्यवहार करें.सभी पुलिसकर्मियों को अपने वर्दी पर नेम प्लेट लगाना है ताकि उन्हें लोग जान सके। हर थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया है वे लोगों की समस्याओं को जाने और उनका समाधान करें।

डीजीपी के अनुसार राज्य की बच्चियों, महिलाओं के साथ-साथ आम नागरिकों की सुरक्षा पुलिस की अहम जिम्मेदारी है इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पुलिस के द्वारा हर तरह के कार्य किया जा रहे हैं इसी के तहत डायल 112 का क्यूआर कोड फंक्शन भी शुरू किया गया है। डीजीपी ने बताया कि झारखण्ड में नक्सलियों, अपराधियों और असामाजिक तत्वों के द्वारा समय-समय पर माहौल और परिवेश को बिगाड़ कर अशांति फैलाने का प्रयास किया जाता रहा है।इन सबके बावजूद बेहद सजगता के साथ झारखण्ड पुलिस अपना काम कर रही है और जोरदार अभियान चलाया गया।अभियान की वजह से ही झारखण्ड में नक्सलवाद का 90% खात्मा हो चुका है।

डीजीपी के अनुसार संगठित अपराध राज्य में एक नई चुनौती बनकर उभरी है।जिसके खिलाफ झारखण्ड पुलिस की सभी इकाइयां कंधे से कंधा मिलाकर उनका डटकर मुकाबला कर रही है। कई दुर्दांत अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके गिरोह पर भी कारगर कार्रवाई की गई है। झारखण्ड एटीएस के द्वारा राज्य में सक्रिय विभिन्न संगठित आपराधिक गिरोहों की रोकथाम के लिए उनके सदस्यों के विरुद्ध अभियान चलाया गया और कई गैंगस्टर और गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है।

अपने संबोधन में डीजीपी ने बताया कि साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बनकर राज्य उभर रहा है, उससे निपटने के लिए डेडीकेटेड टोल फ्री नंबर को अधिकृत किया गया है. टोल फ्री नंबर 1930 में शिकायत दर्ज किए जा रहे हैं। टोल फ्री नंबर के माध्यम से लगातार लोगों की मदद की जा रही है। साइबर अपराध के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। दर्जनों लोगों के पैसे उनके खाते में वापस करवाए गए हैं जबकि एक साल में 20000 से ज्यादा साइबर अपराधी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाए जा चुके हैं।

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि वह हर हाल में झारखण्ड से साइबर अपराध का खात्मा करके रहेंगे। साइबर अपराध के खिलाफ काम कर रही टीम बेहद कुशल और टेक्निकल दक्ष है। अब झारखण्ड पुलिस साइबर अपराधियों को दूसरे राज्य से भी पकड़ कर ला रही है।साइबर अपराध के लिए मानव तस्करी करने वाले गिरोह का भी सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा खुलासा किया गया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डीजीपी ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी तरह के अपराध को झारखण्ड में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपराधियों की गिरफ्तारी और अपराध के खात्मे के लिए हर तरह के काम किए जाएंगे।