नक्सल घटना पर डीजीपी अनुराग गुप्ता गंभीर, अधिकारियों के साथ कि समीक्षा बैठक,दिये दिशा-निर्देश

 

राँची।झारखण्ड के डीजीपी अनुराग गुप्ता बुधवार देर रात लातेहार जिले में हुए नक्सल वारदात पर काफी गंभीर है। इसे लेकर उन्होंने वारदात के अगले ही दिन गुरुवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।इस दौरान उन्होंने कई दिशा-निर्देश भी दिये।जानकारी के अनुसार, डीजीपी अनुराग गुप्ता ने वारदात के दूसरे दिन गुरुवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।समीक्षा बैठक में उनके अधीनस्थ अधिकारी भी मौजूद रहे।इस दौरान डीजीपी ने अधिकारियों के साथ इस तरह की नक्सल घटनाओं को रोकने के लिए ठोस प्लान बनाया। डीजीपी ने अधिकारियों को संबंधित जिले के फरार और सक्रिय नक्सलियों-उग्रवादियों का प्रोफाइल तैयार करने का निर्देश दिया है। ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।इसके अलावा डीजीपी ने राज्य में नक्सल उन्मूलन के लिए चल रही कार्रवाई का भी जायजा लिया।

जानकारी के मुताबिक, समीक्षा बैठक के दौरान खास तौर पर लातेहार, हजारीबाग, चाईबासा, लोहरदगा और पलामू जिले में नक्सल घटनाओं को रोकने के संबंध में पूर्व में दिये गये निर्देशों के अनुपालन की चर्चा की गई। बता दें कि डीजीपी ने इन जिलों में माओवादी, उग्रवादी संगठन और स्प्लिंटर ग्रुप्स के पूरी तरह से उन्मूलन के लिए वांछित कार्रवाई का आदेश भी दिया है।

डीजीपी ने सभी जोनल आइजी और रेंज डीआइजी को अपनी देख-रेख में बैठक में दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन कराने की बात कही है। इसके अतिरिक्त डीजीपी ने निर्देश दिया है कि उग्रवाद और गंभीर अपराधों से संबंधित पिछले तीन सालों में दर्ज सभी केस की समीक्षा करें और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दें।

इधर, डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि माओवादी, स्प्लिंटर ग्रुप और अपराधिक गिरोह की धमकी या लेवी मांगने से संबंधित मामलों की समीक्षा की जाए। साथ ही पता लगाएं कि इन घटनाओं की जानकारी मिलने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई हुई है या नहीं।

आरोपियों के खिलाफ करें कुर्की-जब्ती की कार्रवाई – डीजीपी

उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों में माओवादी या उग्रवादियों के द्वारा किये गये आगजनी और तोड़फोड़ से संबंधित मामलों की शीघ्र जांच कर उनमें कार्रवाई करें।एसपी को निर्देश दिया गया है कि सभी फरार आरोपियों के खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जाये।

इस दौरान डीजीपी ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी तरह की गोपनीय सूचना मिलने पर तुरंत उसका सत्यापन करें।साथ ही फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए उचित पुरस्कार की बात कहें।इसके अलावा नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान और आत्मसमर्पण नीति को अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश करें।

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