खौफनाक हत्याकांड मामला: पति और 4 बच्चों का गला काटने वाली महिला-प्रेमी को उम्रकैद,अवैध सम्बंध में पूरे परिवार के गले काट दिए थे..
डेस्क टीम:राजस्थान के अलवर शहर शिवाजी पार्क में 6 साल पहले हुए खौफनाक हत्याकांड में मंगलवार को फैसला आ गया है। मामले में अपर जिला और सेशन कोर्ट-2 ने महिला और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सोमवार को इन पर आरोप साबित हो गए थे। लेकिन, सजा पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।दरअसल, 2 अक्टूबर 2017 को महिला आरोपी और ताइक्वांडो कोच संतोष उर्फ संध्या शर्मा ने अपने प्रेमी हनुमान के साथ मिलकर अपने पति, 3 बेटे और भतीजे की हत्या करवा दी थी। इस हत्याकांड में हनुमान ने अपने दो साथी कपिल और दीपक के साथ मिलकर संतोष के सामने ही सभी के गले काट दिए थे।संतोष और हनुमान का लव अफेयर था और इसके बारे में परिवार को पता चल गया था। इसके बाद दोनों ने मर्डर की प्लानिंग रची
आज क्या हुआ:
–सुबह से ही कोर्ट में इस फैसले का इंतजार किया जा रहा था।
–दोपहर 12 बजे भारी पुलिस जाब्ते के बीच महिला संतोष और उसके प्रेमी हनुमान को कोर्ट लाया गया।
–संतोष ने अपना पूरा चेहरा ढक रखा तो हनुमान ने मास्क लगा रखा था।
–12.15 बजे दोनों को कोर्ट रूम में लाया गया।
–फैसले के इंतजार में 30 से ज्यादा वकील वहां मौजूद थे।
–पुलिस घेरे में संतोष और हनुमान सबसे आखिर में खड़े थे।
–इंतजार था तो फैसले का।
–एक आवाज आती है। संतोष और हनुमान को आगे बुलाया जाता है।
–एक कागज पर साइन करवाए गए। इस दौरान दोनों के हाथ कांप रहे थे।
–जैसे ही साइन हुए 12.18 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाया- संतोष और हनुमान को आजीवन कारावास….।
वकील बोले- फांसी की मांग की गई थी, हाईकोर्ट में अपील करेंगे
वकील सुनील कुमार ने बताया कि हनुमान और संतोष को आजीवन कारावास हुई है। हमारे द्वारा फांसी की सजा की दलील रखी गई थी, क्योंकि ये रेयरेस्ट केस में आता है। हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे और आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।
जैसा हत्याकांड था उसके अनुसार फैसला नहीं
जांच अधिकारी विनोद सांवरिया ने फैसले के बाद कहा इस ब्लाइंड मर्डर में काफी मेहनत से काम किया और इसका खुलासा किया था। जैसा हत्याकांड था उसके अनुसार फैसला नहीं है। आरोपियों को सजा-ए-मौत होनी थी।
सजा के बाद भी कोई शिकन नहीं
मीडियाकर्मियों ने महिला से सवाल पूछा- क्या आपको अफसोस है, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद जब पूछा गया कि आप इस केस में कुछ बोलना चाहते हैं तो साथ में मौजूद पुलिसकर्मी उसे कोर्ट में ले गए। सजा सुनाने के बाद दोनों के चेहरों पर कोई शिकन नहीं थी।संतोष ताइक्वांडो ट्रेनर थी। पुलिस जांच में सामने आया कि संतोष गरीबी के कारण अपने पति और बच्चों को पसंद तक नहीं करती थी।
आजीवन कारावास ही क्यों मिला?
आरोपी पक्ष के वकील हेमराज गुप्ता ने बताया कि जिरह में इस बात को माना गया कि तीन कत्ल के लिए हनुमान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। जब जांच अधिकारी ने यह माना है कि पांच मरे हैं। जबकि कोर्ट ने हनुमान को बनवारी और अमन की हत्या के लिए ही दोषी माना है। हैप्पी, अज्जू, नितिन की हत्या के लिए 302 -34 में सजा दी है।
तीन मृतकों के लिए दूसरे आरोपी के लिए ट्रायल फेस करने को कहा गया। बहुत सारी कमी है। जिनको नजरअंदाज किया गया है। मृतका की साली कविता ने माना कि गोलियां हमने भी दीं। इस तरह कई तरह की कमियां रही हैं। कोई सीधे साक्ष्य नहीं है कि हनुमान ने कत्ल किए हैं। इसमें बहुत सी चीज देखनी होती है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और चोटों में फर्क
उन्होंने कहा कि संदेह का लाभ मिला है। जैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पंचनामे में चोटों में फर्क है। जो हथियार बरामद किए, उनका मिलान नहीं हुआ। जो साक्ष्य इकट्ठे किए हैं, उसमें देखा तो आरोपी के खिलाफ जुर्म प्रमाणित नहीं होता है। मर्डर भी साफ नहीं हुआ। घर का दरवाजा खुला हुआ था। कौन मार कर चला गया। लेकिन कोर्ट ने दोषी तो माना है। तभी तो आजीवन कारावास की सजा दी है। अब हम अपील करेंगे। अपील के आधार पर कोर्ट बरी भी कर सकता है। केवल सबूत देखे जाते हैं,यह नहीं देखा जाता है कि कितने मर्डर हुए हैं। इस केस में तो सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक लगाया गया था। लेकिन कई प्रकार की खामियां थीं। जिसे पूरा नहीं कर सकते थे।
हत्याकांड की 2016 में प्लानिंग हो गई थी शुरू
इस हत्याकांड की प्लानिंग 2016 में ही शुरू हो गई थी, जब संतोष के पति बनवारीलाल शर्मा और बड़े बेटे मोहित को संतोष के अफेयर के बारे में पता चला। संतोष की करतूत सामने आने के बाद पति और बेटा उसे बाहर जाने के लिए टोकते थे। इतना ही नहीं पति और बेटे की रोक-टोक से वह इतनी परेशान हो गई थी कि हनुमान के साथ मिलकर पति और बड़े बेटे को मारने का प्लान बनाया। लेकिन, हत्या के दौरान जब दूसरे बच्चे भी नींद से जागने लगे तो हनुमान ने उनके भी गले काट दिए थे।
संतोष ने घर में दी थी एंट्री, भागने में की मदद
इस हत्याकांड की पूरी प्लानिंग संतोष और हनुमान ने ही की थी। कब, कैसे मारना है और हत्या के बाद कहां फरार होना सबकुछ पहले से तय था। हत्या से पहले सभी को रायता में नींद की गोली मिलाकर दी थी, जो हनुमान लेकर आया था। नींद की गोली देने के बाद हनुमान को कॉल कर संतोष ने बताया भी था कि सभी सो गए है। रात 1 बजे हनुमान अपने साथियों के साथ पहुंचा तो संतोष ने गेट खोला और इशारा करते हुए बताया कि उसका पति बनवारी कहां सो रहा है।
हत्या के बाद संतोष ने ही आरोपियों काे भागने में मदद की थी। आरोपी संतोष की स्कूटी लेकर फरार हुए थे और उसने 3 हजार रुपए भी दिए थे। लेकिन, पुलिस ने कॉल डिटेल से पूरे मामले का खुलासा करते हुए अगले दिन ही इस हत्याकांड के सभी आरोपियों को पकड़ लिया था।खुलासा होने के बाद पुलिस ने चार्जशीट पेश की और मामला ट्रायल कोर्ट में चला। अब 6 साल बाद इस हत्याकांड का फैसला आया और सभी पर आरोप साबित हुए। सोमवार को सरकारी वकील की ओर से फांसी की सजा देने की दलील रखी गई थी।
रातभर गले कटी 5 लाशों के पास बैठी रही
अलवर में 2017 का सबसे चर्चित हत्याकांड जब एक महिला ने अपने प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर अपने पति, 3 बेटों और 1 भतीजे की हत्या कर दी। आरोपी महिला के सामने ही उसके परिवार के 5 सदस्यों की जानवरों को काटने वाले छुरे से गला काटकर हत्या कर दी और वो बेशर्म खड़ी सबकुछ देखती रही। इतना ही नहीं महिला रातभर अपने ही परिवार के 5 सदस्यों की गले कटी लाशों के पास बैठी रही।
हत्या की वजह- उसके अफेयर में पति और बड़ा बेटा रोड़ा बन रहे थे। पति और बड़े बेटे के मर्डर का प्लान था, लेकिन बॉयफ्रेंड ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।