छठ महापर्व 2021:आज से चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू,सभी को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
राँची।लोक आस्था चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय खाय के साथ आज सोमवार से शुरू।लोक आस्था के महापर्व छठ के प्रथम दिन प्रात: व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ शहर और गांव के नदियों के घाटों व तालाबों किनारे पहुंच स्नान एवं सूर्य उपासना के साथ नहाय—खाय की रस्म पूरी करेंगी। नहाय खाय के दौरान व्रती अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू की सब्जी का भोग लगएंगी। सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय खाय के अगले दिन यानि मंगलवार को निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा। खरना में दूध, अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है। खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो जाएगा जो कि 10 नवंबर की शाम अस्ताचलगामी सूर्य और 11 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा।
छठ महापर्व को लेकर कद्दू के भाव आसमान पर
सब्जी के दाम यूं तो पहले से ही काफी महंगे हैं पर छठ पर्व को ले कद्दू ने तो सारे रिकार्ड ही तोड़ दिए। रविवार को राजधानी राँची समेत अन्य जगहों जगहों पर कद्दू 50 रूुपये प्रति पीस से लेकर 80 रुपये प्रति पीस बिके हैं। जो कि इस वर्ष का सबसे उंचा दाम रहा। लोक आस्था के महापर्व के नियम को मानने वालों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है और बाजार में इसकी उपलब्धता नगन्य रही, जिसके चलते दाम आसमान पर पहुंचा दिखाई दिया। भारी मांग व कम उपलब्धता ने इसे सबसे मंहगा सब्जी बना दिया। नियम पालन के वजह से लोगों को खरीदना भी पड़ा। एक दिन पूर्व तक कद्दू का दाम महज 30 से 40 रुपये प्रति पीस था जो कि रविवार को नहाय-खाय मे बढ़ती मांग को लेकर अचानक ही सौ पार पहुंच गया।
नहाय-खाय का महत्व
ज्योतिषाचार्य के अनुसार छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और इस दिन स्नान के बाद सूर्य देवता को साक्षी मानकर व्रती महिलाएं व्रत का संकल्प लेती है। इस दिन व्रती स्नान के बाद नये कपड़े धारण करती हैं। और पूजा बाद कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करती हैं। व्रती के भोजन के बाद परिवार के सभी सदस्य भोजन करते हैं। नहाय खाय के दिन भोजन करने के बाद व्रती अगले दिन खरना पूजा करती हैं।
छठ पूजा कार्यक्रम तिथि
8 नवंबर 2021, सोमवार- नहाय-खाय
9 नवंबर 2021, मंगलवार- खरना
10 नवंबर 2021, बुधवार- डूबते सूर्य को अर्घ्य
11 नवंबर 2021, गुरुवार- उगते सूर्य को अर्घ्य