झारखण्ड में चर्चित बकोरिया घटना में मारे गए लोगों के परिजनों से सीबीआई ने की पूछताछ
राँची।झारखण्ड के पलामू जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में 8 जून 2015 को हुई कथित पुलिस नक्सली मुठभेड़ की सीबीआई जांच कर रही है।इसको लेकर सीबीआई की टीम पलामू में कैंप कर रही है। इसी दौरान मंगलवार को सीबीआई टीम ने बकोरिया कांड में मारे गए लोगों के परिजनों से पूछताछ की है। फाइल फोटो
चतरा और लातेहार जाकर सीबीआई ने की पूछताछ:
सीबीआई की टीम मामले में पूछताछ करने के लिए चतरा के प्रतापपुर और लातेहार के छिपादोहर और मनिका के इलाके में गई थी।सीबीआई की टीम ने कथित मुठभेड़ में मारे गए नक्सली आरके यादव उर्फ डाक्टर, उसके भतीजे के साथ साथ मारे गए पारा शिक्षक उदय यादव के परिजनों से पूछताछ की है।सीबीआई की टीम छिपादोहर के इलाके में गई थी।कथित मुठभेड़ मामले में इसी इलाके के चार नाबालिग मारे गए थे।मारे गए नाबालिगों के परिजन, ग्रामीण और मुखिया से सीबीआई की टीम ने पूछताछ की है।
पूछताछ के लिए कई और लोगों को नोटिस जारी किया है
सीबीआई की टीम ने पूछताछ के लिए कई और लोगों को नोटिस जारी किया है।मुठभेड़ मामले में बुधवार को सीबीआई की टीम मीडिया,पुलिस समेत कई अधिकारियों से पूछताछ करेगी। सूचना है कि सीबीआई के टॉप अधिकारी बुधवार को पलामू पहुंचेंगे और पूछताछ करेंगे।
सीबीआई कर रही है मामले की जांच:
कथित पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गये 12 लोगों को पुलिस ने माओवादी बताया और अपनी पीठ थपथपा ली. शर्मनाक यह रहा कि पुलिस ने इस मुठभेड़ के बदले इनाम भी बांटे. लेकिन कुछ ही दिनों में यह मुठभेड़ सवालों के घेरे में आ गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और डीजीपी डीके पांडेय पर फर्जी एनकाउंटर कराने का आरोप लगने लगा. काफी हो-हंगामे के बाद मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गयी. लेकिन साढ़े छह साल बीतने के बाद भी मुठभेड़ में मारे गये लोगों के परिजनों को इंसाफ नहीं मिल पाया है. पुलिसिया जांच में यह बात सामने आयी थी कि इन 12 लोगों में से सिर्फ डॉ आरके उर्फ अनुराग के अलावा किसी का कोई नक्सल रिकॉर्ड नहीं था.